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5 दिग्गज क्रिकेटर जिन्होंने केवल एक टी20 इंटरनेशनल मैच के लिए की कप्तानी, लिस्ट में इस भारतीय का नाम चौकाने वाला

5 दिग्गज क्रिकेटर जिन्होंने केवल एक टी20 इंटरनेशनल मैच के लिए की कप्तानी, लिस्ट में इस भारतीय का नाम चौकाने वाला

क्रिकेट की दुनिया में कई एक से बढ़कर एक खिलाड़ी गुज़रे हैं, जुन्होंने अपनी टीम के लिए बहुत कुछ किया. कई ऐसे खिलाड़ी भी रहे हैं, जो टीम में कई सालों तक खेले लेकिन कप्तानी उनका नसीब न बन सकी. कई ऐसे भी खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने अपनी टीम के लिए टेस्ट(TEST) और वनडे क्रिकेट(ONE DAY) खूब कप्तानी की लेकिन टी20(T20) क्रिकेट में उन्हें ज़्यादा कप्तानी करने का मौका नहीं मिला. हम आपको ऐसे पांच खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो केवल एक टी20 मैच में टीम के कप्तान रहे.

1. एलियस्टर कुक

Alastair cook

सर एलियस्टर कुक(ALASTAIR COOK) का टेस्ट क्रिकेट में बहुत बड़ा नाम हैं. इंग्लैंड(ENGLAND) की तरफ से खेलने वाले एलियस्टर कुक(ALASTAIR COOK) ने टेस्ट क्रिकेट(TEST CRICKET) में एक अलग ही पहचान हासिल की है. उन्होंने कई सालों तक टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड(ENGLAND) की कप्तानी की है. टेस्ट और वनडे में लंबे वक़्त खेलने वाले एलियस्टर कुक(ALASTAIR COOK) ने अपने करियर में सिर्फ 4 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले, जिसमें उन्होंने सिर्फ एक मैच ही कप्तानी की. दरअसल टी20 टीम के स्थाई कप्तान कोलिंगवुड(COLLINGWOOD) किन्ही कारणों से टीम से बाहर हो गए थे, इसके चलते टीम की कप्तानी एलियस्टर कुक ने की थी.

2. शॉन पोलॉक

SHAUN POLLOCK

दक्षिण अफ्रीका से शानदार ऑलराउंडर रहे शॉन पोलाक ने अफ्रीका के लिए सिर्फ 12 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिसमें से एक मैच में उन्होंने कप्तानी की है. बता दें, साल 2007 में अफ्रीका के कप्तान स्मिथ एक मैच के लिए टीम में मौजूद नहीं थे, जिसके बाद ये ज़िम्मा शॉन पोलॉक को दिया गया था.

3. इंज़माम उल हक़

inzamam ul haq

पाकिस्तानी क्रिकेटर रहे चुके इंज़माम उल हक़ ने पाकिस्तान की तरफ से सिर्फ 1 टी20 इंटरनेशनल मैच खेला था, जिसमे उन्होंने कप्तानी भी की थी. साल 2006 में खेला गया यह टी20 मैच पाकिस्तान का पहला टी20 मैच था.

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4. वीरेंद्र सहवाग

virendra sehwag

पूर्व भारतीय दिग्गज क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने अपने करियर में सिर्फ 19 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिसमें एक मैच में उन्होंने टीम की कप्तानी भी की है. साल 2006 में अफ्रीका के खिलाफ खेला गया यह मैच इंडिया का पहला टी20 इंटरनेशनल मैच था.

5. शेन वॉटसन

Shane Watson

पूर्व ऑस्ट्रेलिआई ऑलराउंडर शेन वॉटसन ने अपने करियर में बहुत आतंक मचाया है. उन्होंने गेंदबाज़ों का जीना हराम किया है. वॉटसन ने अपने करियर में 58 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिसमें से एक मैच में उन्होंने टीम की कप्तानी भी की है. साल 2016 में टी20 कप्तान एरोन फिंच के चोटिल हो जाने से वॉटसन को कप्तानी का ज़िम्म दिया गया था.

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MS DHONI की वजह से करियर के पीक पर संन्यास लेने को मजबूर हो गये थे वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर ने की थी मदद

MS DHONI की वजह से करियर के पीक पर संन्यास लेने को मजबूर हो गये थे वीरेंद्र सहवाग

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते थे. उन्होंने अपने वक़्त बॉलर्स को खूब परेशान किया है. सहवाग एक ऐसे खिलाड़ी थे जो बिना किसी डर के खेला करते थे. वीरेंद्र सहवाग क्रीज पर आते ही अपना आक्रमण शुरु कर देते थे. सहवाग ने वनडे क्रिकेट में खेल की परिभाषा ही बदल दी थी. सहवाग के करियर में एक ऐसा समय आ गया था, जब वो संन्यास लेने के बारे में सोचने लगे थे. इस बात का खुलासा वीरेंद्र सहवाग ने खुद किया था.

क्यों आया था संन्यास का ख्याल

वीरेंद्र सहवाग

साल 2008 में इंडिया टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई हुई थी. इस सीरीज में इंडिया टीम का कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी कर रहे थे. धोनी ने वीरेंद्र सहवाग को वनडे मैचों में से कुछ मैच के लिए टीम से ड्रॉप कर दिया था. इसके बाद वीरेंद्र सहवाग के मन में एक दिवसीय क्रिकेट से सन्यास लेने का ख्याल उभरने लगा था. वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकबज से बात करते हुए इस बात का खुलासा किया उन्होंने कहा,

‘साल 2008 में हम ऑस्ट्रेलिया में थे. मेरे दिमाग में रिटायरमेंट का विचार आया. मैंने टेस्ट क्रिकेट में वापसी की और 150 रन बनाए. वनडे में मैं 3-4 मैचों में स्कोर नहीं कर सका. धोनी ने मुझे प्लेइंग इलेवन से ड्रॉप कर दिया. तब मैंने वनडे छोड़ने का विचार किया और सोचा की टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा.’

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सचिन ने बदला था संन्यास का ख्याल

सचिन तेंदुलकर

वीरेंद्र सहवाग ने बताया कि उस वक़्त सचिन तेंदुलकर ने मेरे इस ख्याल को बदला था. उन्होंने आगे बात करते हुए कहा,

‘मुझे वनडे से संन्यास लेने के लिए उस समय सचिन तेंदुलकर ने रोका था. उन्होंने मुझसे कहा, यह आपके जीवन का खराब दौर है. थोड़ा इंतजार करो. इस मामले पर गहराई से सोचो फिर तय करो कि आगे क्या करना है.’

वीरेंद्र सहवाग ने आगे कहा, सौभाग्य से मैंने उस वक्त वनडे से संन्यास की घोषणा नहीं की.’ इसके बाद उन्होंने कई सालों तक इंडिया टीम के लिए सारे फॉर्मेट में खेला.

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इस दिग्गज ने जड़ दिया था वीरेंद्र सहवाग को ड्रेसिंग रूम में थप्पड़, आग बबूला हो गये थे सौरव गांगुली

इस दिग्गज ने जड़ दिया था वीरेंद्र सहवाग को ड्रेसिंग रूम में थप्पड़, आग बबूला हो गये थे सौरव गांगुली

भारतीय पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं. वीरेंद्र सहवाग, टीम इंडिया में नया बल्लेबाज़ी का कल्चर लेकर आए थे. धीरे बल्लेबाज़ी को तेज़ करने में वीरेंद्र सहवाग का बहुत बड़ा हाथ है. एक दिन ऐसा हुआ कि वीरेंद्र सहवाग उसको आज भी नहीं भुला पाएंगे. एक कोच ने वीरेंद्र सहवाग को उनकी परफॉर्मेंस को लेकर थप्पड़ जड़ दिया था.

इस शख्स ने लगाया था वीरेंद्र सहवाग को थप्पड़

john wright

भारतीय टीम साल 2002 में इंग्लैंड दौरे पर गई थी. इस दौरे की वनडे सीरीज खेली जा रही थी. वनडे सीरीज में वीरेंद्र सहवाग अपने बल्ले से कुछ खास नहीं कर पा रहे थे वो बार बार कम रन बनाकर आउट हुए जा रहे थे. इस बात पर इंडिया के तत्कालीन कोच जॉन राइट को सहवाग पर गुस्सा आ गया और उन्होंने सहवाग को एक खींच के थप्पड़ लगा दिया. बीसीसीआई के वाइस प्रेसीडेंट राजीव शुक्ला ने इसका खुलासा साल 2013 में किया था.

सौरव गांगुली को आ गया था गुस्सा

sourav ganguly

सौरव गांगुली को जब इस बात का पता चला कि जॉन राइट ने सहवाग के साथ ऐसा किया है. गांगुली उस वक़्त गुस्से से एक दम लाल हो गए और जॉन राइट को ढूंढने लगे. राजीव शुक्ला उस वक़्त इंडियन टीम के मैनेजर थे. सौरव गांगुली ने मैनेजर से कहा कि जॉन को इस बात के लिए सहवाग से माफी मांगनी पड़ेगी. राजीव शुक्ला ने जॉन से इस बारे में बात की.

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जॉन राइट ने दी थी सफाई

Sachin Tendulkar

जब राजीव शुक्ला ने इस बात पर जॉन राइट से बात की तो, जॉन ने कहा,

 ‘मैंने केवल धक्का दिया है, थप्पड़ नहीं मारा है. वह बार-बार एक ही गलती दोहरा रहा था. मुझे उसकी गलती बर्दाश्त नहीं हो रही थी.’

दूसरी तरफ गांगुली एक ही बात पर अड़े हुए थे कि जॉन को सहवाग से माफी मांगनी पड़ेगी. फिर राजीव शुक्ला ने बताया कि उस वक़्त सचिन तेंदुलकर ने मुझे समझाया कि कुछ भी हो लेकिन जॉन राइट माफी नहीं मांगेंगे. राजीव ने कहा मुझे सचिन की बात का मतलब समझ आ गया था. अगर कोच माफी मांगेगा तो बाकी का क्या होगा.

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वीरेंद्र सहवाग ने बताया उस खिलाड़ी का नाम जो जल्द रोहित शर्मा की जगह बन सकता है भारतीय टीम का कप्तान

वीरेंद्र सहवाग को नहीं भाया टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी, सुझाया खुद के जैसा बतौर ओपनर विस्फोटक बल्लेबाज का नाम

हार्दिक पांड्या ने गुजरात टाइटंस को पहला ही सीजन में इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब जीता कर ये तो साबित कर दिया है कि वो एक अच्छे कप्तान की भूमिका निभा सकते हैं. आईपीएल से पहले वो अपनी खराब फॉर्म को लेकर बहुत चिंतित थे, लेकिन इस सीजन उन्होंने शानदार तरीके से कमबैक किया. एक कप्तान के तौर पर वो आईपीएल के सबसे सफल कप्तान साबित हुए. हार्दिक ने इस सीजन अपने ऑलराउंडर होने का सबूत दे दिया. उन्होंने दिखा दिया कि वो किस दर्जे के खिलाड़ी हैं.

हार्दिक पांड्या को फाइनल मैच में मैन ऑफ द मैच का अवार्ड भी दिया गया. गुजरात की जीत के बाद भारतीय पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने हार्दिक पांड्या की जमकर तारीफ की है. सहवाग ने हार्दिक को टीम इंडिया के भविष्य का कप्तान बताया. पांड्या एक बार फिर आगे चलकर पहले जैसी इंडियन टीम में अपनी जगह पक्की कर सकते हैं.

फील्ड के अंदर हार्दिक हैं बिल्कुल अलग- सहवाग

Indian Premier League 2022 RR vs GT Hardik Pandya Praised

सहवाग ने क्रिकबज़ से बात करते हुए हार्दिक के ऑफ फील्ड व्यक्तित्व के बारे कहा,

“मैदान के बाहर का व्यक्तित्व मायने नहीं रखता, यह बिल्कुल अप्रासंगिक है क्योंकि इससे मैदान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. हार्दिक पांड्या इस सीजन में तीनों विभागों में अलग ही नजर आए. लोग पांड्या को उन चीजों के कारण प्यार करते हैं जो वह मैदान पर करते हैं, न कि मैदान के बाहर.”

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गुजरात टाइटंस के कोचिंग स्टाफ की करी तारीफ

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वीरेंद्र सहवाग ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गुजरात टाइटंस के कोचिंग स्टाफ की तारीफ करते हुए कहा,

“ऐसा नहीं है कि जीटी में स्टार-स्टडेड कोचिंग स्टाफ था. गैरी कर्स्टन के अलावा वे अपेक्षाकृत अनुभवहीन थे. लेकिन, उन्होंने अपनी भूमिका वास्तव में अच्छी तरह से निभाई. उन्होंने खिलाड़ियों का वास्तव में अच्छा समर्थन किया है और उन्हें वह दिया है जो वे चाहते हैं.” 

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‘वो 2-3 मैच के बाद खिलाड़ियों को ड्रॉप करता था, जो टीम के लिए सही नहीं होता’: वीरेंद्र सहवाग

‘वो 2-3 मैच के बाद खिलाड़ियों को ड्रॉप करता था, जो टीम के लिए सही नहीं होता’: वीरेंद्र सहवाग

आईपीएल सीजन 15 (IPL 2022) में फाफ डु प्लेसिस (Faf Du Plessis) की अगुवाई वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) ने शानदार प्रदर्शन की मगर फिर एक बार वो खिताब जीतने से चूक गई। इस बार उनका सफर क्वालीफायर 2 तक रहा। इस बार क्वालीफायर 2 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) को राजस्थान रॉयल्स (Rajsthan Royals) के हाथों हार का सामना करके आईपीएल (IPL 2022) से बाहर होना पड़ा। इस मैच में जॉस बटलर (Jos Buttler) का शतक दोनो ही टीमों के बीच अंतर बन गया।

वीरेंद्र सहवाग ने की फाफ की तारीफ

virendra sehwag

वीरेंद्र सहवाग भारतीय क्रिकेट के मशहूर खिलाड़ी में से एक हैं। वो हमेशा अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। इसी बीच उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के इस सीजन सफल अभियान को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसे कोहली फैंस बिल्कुल भी पसंद नहीं करेंगे।

आपको बता दे वीरेंद्र सहवाग ने फाफ डु प्लेसिस की तारीफ़ करते हुए हाल में एक बयान जारी किया और कहा ,

“इस सीजन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की सफलता का श्रेय कोच संजय बांगर और कप्तान फाफ डु प्लेसिस को जाना चाहिए। दोनो ने ही इस सीजन पहले वाले आरसीबी से काफ़ी अलग सोचकर टीम चलाया है, जिसके कारण टीम आज क्वालीफायर 2 तक पहुंची है। “

विराट कोहली पर साधा वीरेंद्र सहवाग ने निशाना

वीरेंद्र सहवाग

विराट कोहली के कप्तानी पर निशाना साधते हुए वीरेंद्र सहवाग ने कहा ,

“अगर इस समय फाफ डु प्लेसिस के जगह विराट कोहली कप्तान रहते तो वो हमेशा के तरह हमेशा 2 से 3 बदलाव करते रहते जिससे हमेशा टीम संतुलन बिगड़ते रहती। इस सीजन फाफ डु प्लेसिस ने सभी खिलाड़ियों को काफी मौके दिए हैं, टीम से बाहर निकालने से पहले और कई खिलाड़ियों ने मौके का फायदा उठाया है। “

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वीरेंद्र सहवाग ने आगे कहा ,

“अगर विराट कोहली टीम का कप्तान रहता तो शायद ही रजत पाटीदार को इतने मौके मिलते। कुछ मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता। “

क्या वीरेंद्र सहवाग की बात है सही?

Virendra Sehwag ने इन्हें ठहराया करियर खत्म करने का जिम्मेदार, कहा अगर ड्रॉप न होता 10 हजार से अधिक रन बनाता

अगर हम वीरेंद्र सहवाग के इस बयान को विराट कोहली की पिछले सीजनों में आरसीबी की कप्तानी से तुलना करें तो वीरेंद्र सहवाग की बात लगभग सच नज़र आयेगी। आपको बता दें पिछले कई सालो में ऐसा देखा गया है, जब विराट कोहली निरंतर टीम में बदलाव करते रहते थे। किसी भी खिलाड़ी के 2 मैच में फ्लॉप होने के बाद उन्हें टीम से बाहर निकल दिया जाता था।

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Virendra Sehwag ने इन्हें ठहराया करियर खत्म करने का जिम्मेदार, कहा अगर ड्रॉप न होता 10 हजार से अधिक रन बनाता

वीरेंद्र सहवाग को नहीं भाया टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी, सुझाया खुद के जैसा बतौर ओपनर विस्फोटक बल्लेबाज का नाम

इंडियन क्रिकेट टीम में सलामी बल्लेबाज का जिक्र होते ही सबसे पहला नाम वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) का याद आता है। अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने विरोधी गेंदबाजों के छक्के छुड़ाए हैं। विरेंद्र सहवाग ने 2015 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से सन्यास ले लिया था, लेकिन हाल में एक शो के दैरान वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) का टेस्ट क्रिकेट में संन्यास लेने का दर्द छल्का है।

वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने कहा कि अगर वो तब संन्यास नहीं लेते तब टेस्ट में 10, 000 रन बनाते वहीं ड्रॉप होने के साथ ही उन्होंने संन्यास लेने के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। लेकिन सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) उन्हें समझाते थे साथ ही अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने भी उनका सपोर्ट किया था।

सहवाग बोले अगर उन्हें ड्रॉप नहीं किया जाता तो 10,000 रन बनाते

सौरव गांगुली

वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने होम ऑफ सीरीज के एक शो के दौरान कहा कि जब अचानक से उन्हें अहसास हुआ कि वो टेस्ट क्रिकेट टीम का हिस्सा नहीं हैं, तब उन्हें काफी निराशा हाथ लगी थी। जिसके बाद उन्होंने कहा कि अगर इस एक साल टेस्ट क्रिकेट से उन्हे ड्रॉप नहीं किया जाता, तब वो अपना टेस्ट करियर 10 हजार रन के साथ खत्म करते।

विरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने कहा

“अचानक मुझे अहसास हुआ कि मैं टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हूं, मैं बहुत निराश हो गया। अगर मुझे उस एक साल के लिए ड्रॉप नहीं किया जाता, तो मैं अपना टेस्ट करियर 10 हजार से ज्यादा रनों के साथ खत्म करता”।

राहुल द्रविड़ की कप्तानी में हुए थे सहवाग बाहर

SACHIN, SOURAV AND DRAVID

वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) को राहुल द्रविड़ की कप्तानी में 2006-07 में भारतीय टेस्ट सीरीज से बाहर कर दिया गया था। वो दक्षिण अफ्रीका सीरीज का हिस्सा भी नहीं रहे थे। खराब प्रदर्शन के चलते चयनकर्ताओं ने उन्हें ड्रॉप करने का निर्णय किया था। हालांकि इस समय की वनडे और टी20 टीम में वीरेंद्र सहवाग को जगह मिली हुई थी।

2007-08 के समय भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के साथ दौरे पर थी, जिसमें वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) की टीम में वापसी हुई थी। जिसके एडिलेड ओवल में आखिरी टेस्ट की पहली पारी में वीरेंद्र सहवाग ने 63 और दूसरी पारी में 151 रन बनाए थे।

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सचिन तेंदुलकर ने समझाया तो अनिल कुंबले ने किया सपोर्ट

सचिन सहवाग

वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने कहा कि

“जब वो नेशनल टीम से ड्रॉप किए गए थे, तब वो संन्यास के विषय में सोच रहे थे, लेकिन सचिन तेंदुलकर ने उन्हें समझाया था। तो वहीं अनिल कुंबले ने वीरेंद्र सहवाग से कहा था कि जब तक वो कप्तान हैं, तब तक उन्हें टीम से ड्रॉप नहीं किया जाएगा। वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि करियर की शुरुआत में सौरव गांगुली ने और आखिर में अनिल कुंबले ने उन पर भरोसा जताया।”

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“रोहित शर्मा को भी कर देना चाहिए टीम से बाहर” हिटमैन की कप्तानी पर भड़के वीरेंद्र सहवाग

"रोहित शर्मा को भी कर देना चाहिए टीम से बाहर" हिटमैन की कप्तानी पर भड़के वीरेंद्र सहवाग

इंडियन प्रीमियर लीग ( IPL 2022) में मुंबई इंडियंस ( Mumbai Indians) टीम का सफर 10वें पायदान पर खत्म हो चुका है। आईपीएल के सबसे सफल टीम मुंबई इंडियंस इस साल शुरुआत के अपने आठ मैच लगातार हारी थी। जिसके बाद टीम का प्ले ऑफ से बाहर होना लगभग तय हो गया हैं। इस निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे रोहित शर्मा की टिम डेविड को टीम से ड्रॉप करने की बात भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग को हजम नहीं हुई। इसलिए मुंबई के अंतिम मैच में जब दिल्ली के समाने टिम डेविड में 300 से ऊपर के स्ट्राइक रेट से रन बरसाए और मैच को हार से जीत की तरफ ले कर आय। उसके बाद वीरेंद्र सहवाग ने एक यूट्यूब चैनल पर इसको लेकर काफी बड़ी प्रतिक्रिया दी।

रोहित शर्मा के ऊपर बरसे वीरेंद्र सहवाग

virender sehwag
virender sehwag

मुंबई इंडियंस टीम ने टिम डेविड को 8.25 करोड़ की बड़ी कीमत के साथ टीम के साथ जोड़ा था। लेकिन जब मैच शुरू हुए तब कप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें मात्र दो मैच में मौका देकर टीम से बाहर कर दिया था। जिसके बाद मुंबई इंडियंस के मैच जीत में टिम डेविड में अच्छी भूमिका निभाई, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा उनका अच्छे से इस्तेमाल नही कर सके। इसलिए वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि जब खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन में जगह ही नहीं देनी थी। तब मेगा ऑक्शन में क्यों सोने साथ जोड़ा था। अगर रोहित शर्मा उन्हें अच्छे से इस्तेमाल करते तब वो टीम के लिए एक सरप्राइज़ पैकेज हो सकते थे।

प्रदर्शन के लिए ड्रॉप करना था तो रोहित शर्मा खुद को ड्रॉप करते

रोहित शर्मा

विरेंद्र सहवाग में यूट्यूब पर इस शो पर कहा कि

“मुझे ऐसा लगता है कि मुंबई इंडियंस ने टिम डेविड से कुछ ज्यादा ही उम्मीद पल रखी थीं। लेकिन इन उम्मीद के लिए खिलाड़ी को मौका भी देना चाहिए था। मुझे ऐसा लगता है कि एक खिलाड़ी को टीम में इतने मौके दे देने चाहिए कि ड्रॉप करने से पहले वो खिलाड़ी खुद ही कह दे कि अब उससे नहीं हो रहा है”।

यही नहीं वीरेंद्र सहवाग यहां कि नहीं रुके। टिम डेविड का सही से इस्तेमाल ना कर पाने के बाद मुंबई इंडियंस और रोहित शर्मा पर काफी भड़के हैं। विरेंद्र सहवाग ने कहा कि

“टिम डेविड को अगर दो मैच खेलकर ही ड्रॉप करना था तब मुंबई इंडियंस को रोहित शर्मा को भी ड्रॉप पर देता चाहिए था। उन्हें भी बाहर किया जाना चाहिए था। वो पूरे सीजन नहीं सकें। उन्होंने 30 से 40 रन बनाए और कोई भी मैच विनिंग पारी नहीं थी। जबकि टिम डेविड ने छोटी लेकिन मैच विनिंग पारी खेली है”।

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अजय जडेजा बोले मुंबई को टिम डेविड पर भरोसा दिखाना चाहिए था

Ajay jadega

वहीं एक तरफ पूर्व खिलाड़ी अजय जडेजा ने भी टिम डेविड को मौका नहीं देने के लिए कहा है कि मुंबई इंडियंस को खिलाड़ी पर भरोसा दिखाना चाहिए था। अजय जडेजा ने कहा कि

“मुंबई इंडियंस को टिम डेविड को भरोसा दिखाना चाहिए था। जोकि उन्होंने नहीं दिखाया। ये मुंबई इंडियंस के लिए सरप्राइज़ पैकेज साबित होते। अगर उन्हें मौका ही नहीं देना था तब करोड़ो खर्च करने उन्हें टीम से क्यों जोड़ा था”।

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IPL 2022: रोहित शर्मा को भी करो बाहर, आईपीएल 2022 में मुंबई इंडियंस की खराब रणनीति पर भड़के वीरेंद्र सहवाग

रोहित शर्मा को भी करो बाहर, आईपीएल 2022 में मुंबई इंडियंस की खराब रणनीति पर भड़के वीरेंद्र सहवाग

IPL 2022 से मुंबई इंडियंस बाहर हो चुकी है। इस बार टीम के ख़राब प्रदर्शन और टीम के बाहर होने की कई कारण बताया जा रहें हैं। इनमें सबसे बड़ा कारण रहा टिम डेविड को लेकर थिंक टैंक की स्ट्रेटजी। आपकी जानकारी के लिए बता दें, 8 करोड़ रुपये लुटाकर मुंबई की टीम ने टिम डेविड को ख़रीदा और इस सीजन में उन्हें सिर्फ 7 मैच खेलने दिया गया। जिसे देखते हुए वीरेंद्र सहवाग काफ़ी खफा हैं।

टिम डेविड को लेकर गलत रणनीति पर कई सवाल उठे, जहां मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा को लपेटे में लिया गया और बाहर करने तक की बात कही गईं। जानकारी के लिए यह बता दें, वीरेंद्र सहवाग ने यह बड़ा बयान क्रिकबज के यूट्यूब चैनल पर दिया है, जहां उस वक्त पैनल में अजय जडेजा भी उपस्थित थें, और दोनों ने टीम को लेकर अपनी बात रखी।

मुंबई इंडियंस को टिम डेविड पर भरोसा रखना था

TIM DAVID

अजय जडेजा ने कहा कि,

“मुंबई इंडियंस को टिम डेविड पर जो भरोसा दिखाना चाहिए था वो उन्होंने नहीं दिखाया. अगर दिखाया होता तो ये इस सीजन सरप्राइज पैकेज साबित होते. अगर यही करना था तो फिर उन्हें खरीदने में दिलचस्पी क्यों दिखाई. करोड़ों रुपये फिर नहीं लुटाने चाहिए थे।”

वीरेंद्र सहवाग के निशाने पर आए रोहित शर्मा

वीरेंद्र सहवाग

टिम डेविड को लेकर जडेजा ने जो कहा, वीरेंद्र सहवाग ने उसे वहीं उठाया और जवाब देते हुए कहा, रोहित शर्मा को सहवाग ने कहा,

“मुझे लगता है बहुत ज्यादा उम्मीदें पाल थी मुंबई इंडियंस ने टिम डेविड से. लेकिन इसके लिए उन्हें मौके देने चाहिए थे.”

उन्होंने कहा,

“मेरी समझ से एक खिलाड़ी को ड्रॉप करने से पहले उसे इतने मौके देने चाहिए कि वो खुद ही बोल पड़े कि अब मुझसे नहीं हो रहा.”

वीरेंद्र सहवाग ने आगे एक और बड़ा बयान दिया वीरू ने कहा,

“अगर टिम डेविड को सिर्फ 2 मैच में देखकर ड्रॉप किया था, तो फिर उस हिसाब से मुंबई इंडियंस को रोहित शर्मा को भी नहीं खिलाना चाहिए था. उन्हें भी बाहर करना था. वो तो इस पूरे सीजन नहीं चले. उन्होंने 30-40 रन बनाए पर मैच विनिंग प्रदर्शन नहीं किया. टिम डेविड ने कम से कम छोटी मगर मैच जिताने जैसी बड़ी पारी तो खेली।”

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Rohit Sharma Mumbai Indians
Rohit Sharma Mumbai Indians

सहवाग ने उम्मीद के साथ कहा कि,

“मुंबई इंडियंस के अगले सीज़न में टिम डेविड को पूरा मौका मिलेगा, क्योंकि उनकी जगह टीम में बन चुकीं है। उन्होंने ये नहीं कहा कि मुझे पोलार्ड की जगह खिलाओ। उन्होंने वो जगह अब बना ली है और अगले सीज़न में वह टीम का अहम हिस्सा होंगे।”

आपकी जानकारी के लिए बता दें, IPL 2022 में मुंबई इस सीजन जो भी मुकाबले जीती है, उसमें टिम डेविड का अहम योगदान भी रहा है। उन्होंने 8 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 217 की स्ट्राइक रेट खेला।

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सौरव गांगुली और द्रविड़ ही नहीं बल्कि दिग्गज खिलाड़ियों की कप्तानी में भी इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं एमएस धोनी

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महेंद्र सिंह धोनी की गिनती भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफलतम कप्तानों में होती है। धोनी की कप्तानी में ही भारत ने साल 2007 का टी विश्व कप विजेता बना था और इसके बाद साल 2011 में भी वनडे विश्व कप और 2013 की आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। आज हम आपको उन 3 कप्तानों के बारे में बताएंगे,जिनकी नेतृत्व ने धोनी मैच खेल चुके हैं।

वीरेंद्र सहवाग

धोनी सहवाग
धोनी सहवाग

सौरव गांगुली और द्रविड़ के अलावा महेंद्र सिंह धोनी ने वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में भी भारत के लिए खेले गए 4 वनडे मैच में शामिल थे। इन मैचों में धोनी ने 55.33 की शानदार औसत से कुल 166 रन अपने नाम किये थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 94.31 का रहा था। इस दिग्गज खिलाड़ी ने सहवाग की कप्तानी में भारतीय टीम के लिए एक अर्धशतक भी जड़ा था। वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में धोनी ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी एक टी-20 मैच खेला था। हालांकि इस मैच में वे शून्य के स्कोर पर ही आउट हो गए थे और पवेलियन वापस चले गए थे। हालांकि भारतीय टीम इस मैच को जीत गई थी। बता दें कि यह मैच भारतीय टीम का पहला इंटरनेशल टी-20 मैच था। इसके साथ ही ये भी जान लीजिये कि वीरेंद्र सहवाग को कभी भारतीय क्रिकेट टीम का नियमित कप्तान नहीं बनाया गया था। उन्हें सिर्फ पार्ट टाइम ही कप्तानी दी जाती थी।

अनिल कुंबले

अनिल कुंबले धोनी
सहवाग के साथ ही धोनी ने अनिल कुंबले की कप्तानी में भी कुल 10 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 26.86 की औसत से भारतीय टीम के लिए 403 रन बटोरे थे। इसमें 3 अर्धशतक भी शामिल है। कुंबले की कप्तानी में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट में 46 चौके और 4 छक्के भी जड़े थे। अनिल कुंबले के क्रिकेट जगत से संन्यास के बाद ही महेंद्र सिंह धोनी को टीम का कप्तान बनाया गया था। इससे पहले धोनी सिर्फ वनडे और टी-20 खेलों में ही टीम का नेतृत्व करते थे।

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महेला जयवर्धने

धोनी जयवर्धने

इंटरनेशनल मैचों में महेंद्र सिंह धोनी, महेला जयवर्धने की कप्तानी में भी खेल चुके हैं। धोनी ने एशिया इलेवन की टीम के लिए महेला जयवर्धने की कप्तानी में मैच खेला था। साल 2007 में धोनी ने महेला जयवर्धने की कप्तानी में कुल 3 मैच खेले थे। इन तीनों मैचों में उन्होंने 87 की शानदार औसत से 174 रन अपने खाते में जोड़े थे। इस समय उनका स्ट्राइक रेट भी 125.17 भी रहा था। धोनी ने महेला जयवर्धने की कप्तानी में एक शानदार शतक भी जड़ा था। इन तीनों ही मैचों में एशिया इलेवन की टीम को एफ्रो अफ्रीका इलेवन के खिलाफ जीत हासिल हुई थी।

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वीरेंद्र सहवाग की भविष्यवाणी महेंद्र सिंह धोनी के बाद अगले सीजन ये खिलाड़ी होगा चेन्नई सुपर किंग्स का नया कप्तान

वीरेंद्र सहवाग की भविष्यवाणी महेंद्र सिंह धोनी के बाद अगले सीजन ये खिलाड़ी होगा चेन्नई सुपर किंग्स का नया कप्तान

इस साल चेन्नई का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. टीम ने इस सीजन सिर्फ 4 मैच ही जीते हैं. टीम ने अपनी शुरूआत रविंद्र जडेजा की कप्तानी से की थी. रविंद्र जडेजा ने बीच आईपीएल ही कप्तानी छोड़ दी, और धोनी को सौंप दी. लेकिन टीम पहले ही बुरी तरह मुंह की खा चुकी थी. रविंद्र जडेजा ने चेन्नई के लिए आठ मैंचों में कप्तानी की है. इसके बाद उन्होंने कप्तानी से अपने हाथ खड़े कर लिए. टीम इस बार प्लेऑफ में कदम नहीं रख पाई और लीग मैच से ही बाहर हो गई. रविंद्र जडेजा के कप्तानी छोड़ने के बाद चेन्नई की कप्तानी को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं. धोनी अगली साल खेलें या न खेले इस बात का भी कोई पता नहीं है.

सहवाग ने इस खिलाड़ी को बताया टीम की कप्तानी का दावेदार

वीरेंद्र सहवाग

भारतीय पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने सीएसके की कप्तानी को लेकर कहा कि महेंद्र सिंह धोनी के बाद सीएसके लिए के ऋतुराज गायकवाड़ ऐसे खिलाड़ी हैं, जो टीम की कप्तानी का जिम्मा संभाल सकते हैं. ऋतुराज और धोनी में कई समानताए हैं, ऐसा सहवाग का मानना है.

क्रिकबज से बात करते हुए सहवाह ने कहा कि,

‘वो महाराष्ट्र टीम की कप्तानी करते हैं और चुपचाप खेलते हैं। भले ही वो शतक लगा लें, लेकिन वो कभी इसे दिखाते नहीं हैं। अगर वो कभी शून्य पर भी आउट हो जाएं तो भी उनका बर्ताव वैसा ही होगा। उनके चेहरे को देखकर कभी नहीं लगता कि वो शतक लगाने से खुश हैं या फिर शून्य पर आउट होने से दुखी हैं। वो शांत हैं और उनके पास नियंत्रण है साथ ही उनके पास एक अच्छा कप्तान बनने के सभी गुण मौजूद हैं। वो प्रथम श्रेणी में कप्तानी कर रहे हैं ऐसे में उनके पास किसी मैच को नियंत्रित करने का पूरा अनुभव है। उनके पास इस बात का आइडिया है कि परिस्थिति के मुताबिक किसे गेंदबाजी देनी है और किसे बल्लेबाजी पर भेजना है।’

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ऋतुराज का इस सीजन में औसत रहा है प्रदर्शन

ऋतुराज गायकवाड़

आईपीएल के इस सीजन में ऋतुराज गायकवाड़ कुछ खास नहीं कर पाए हैं. पिछले सीजन उनका बल्ला जमकर बोला था. इस बार चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 6 करोड़ की कीमत पर खरीदा था. इस सीजन चेन्नई के लिए उन्होंने कुल 12 मैच खेले हैं, जिसमे उन्होंने 26.08 की औसत  से 313 रन बनाए हैं.

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