आईपीएल 2022 का आठवां मैच कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स के बीच शुक्रवार 1 अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया. इस मैच में कोलकाता के कप्तान श्रेयस अय्यर ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया. जिसके बाद पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी पंजाब की टीम 18.2 ओवर में 137 रनों के कुल स्कोर पर ही ऑलआउट हो गई.
जिसके जवाब में दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने उतरी कोलकाता की टीम ने इस लक्ष्य को 14.3 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर आसानी से हासिल कर लिया. इसी सिलसिले में इस आर्टिकल में हम बात करेंगे इस पूरे मैच की रिपोर्ट के बारे में कि आखिर पंजाब से ऐसी कौनसी गलती हुई जिसके चलते उन्हें अपने दूसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा.
पहली पारी में ताश के पत्तों की तरह बिखरी पंजाब की बल्लेबाज़ी
पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी पंजाब की टीम की शुरुआत बेहद ही खराब रही और उसका पहला विकेट महज़ 2 रन पर गिर गया था. कप्तान मयंक अग्रवाल 5 गेंदों में केवल 1 रन बना कर सीनियर तेज़ गेंदबाज़ उमेश यादव का शिकार बने. इसके बाद पंजाब की टीम ने श्रीलंकाई बल्लेबाज़ भनुका राजपक्षे और दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाज़ कगिसो रबाडा की 31 और 25 रन की पारियों के सहारे किसी तरह 137 रन का सम्मानजनक स्कोर बनाया.
कोलकाता की तरफ़ से गेंदबाज़ों के प्रदर्शन पर गौर करें तो टीम इंडिया के सीनियर तेज़ गेंदबाज़ उमेश यादव ने अपनी शानदार फ़ॉर्म जारी रखते हुए इस मैच में 4 विकेट चटकाए. उनके अलावा सीनियर कीवी तेज़ गेंदबाज़ टिम साउदी ने भी 2 विकेट अपने नाम किए. वहीं शिवम मावी, सुनील नरेन और आँद्रे रसल को भी 1-1 विकेट मिला.
रसल के तूफ़ान के आगे पंजाब के काम न आ सकी राहुल की किफ़ायती गेंदबाज़ी
पंजाब की तरफ़ से गेंदबाज़ों में केवल राहुल चाहर ही 2 विकेट चटका सके. उनके अलावा कगिसो रबाडा और ओडियन स्मिथ को 1-1 विकेट मिला. ओडियन स्मिथ 2 ओवरों में 39 रन देकर काफ़ी महंगे साबित हुए. इसके अलावा राहुल चाहर की बात करें तो उन्होंने एक मेडन ओवर के साथ किफ़ायती गेंदबाज़ी करते हुए 4 ओवरों में महज़ 13 रन दिए लेकिन उनकी गेंदबाज़ी टीम के काम नहीं आ सकी.
मयंक अग्रवाल का एक फ़ैसला पंजाब के लिए पड़ा भारी
इस साल टूर्नामेंट की शुरुआत से ही कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुए शानदार फ़ॉर्म में नज़र आ रहे उमेश यादव को इस मैच में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच के खिताब से नवाज़ा गया.
हर कोई महेंद्र सिंह धोनी तो नहीं हो सकता है. महेंद्र सिंह धोनी अपनी कप्तानी में किसी भी टीम को जीत दिलाने का मद्दा रखते हैं. उन्होंने इसे कई बार साबित भी किया है.