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आईपीएल 2024 से पहले राजस्थान रॉयल्स को लगा तगड़ा झटका, विस्फोटक बल्लेबाज ने छोड़ा टीम का साथ, किया IPL नहीं खेलने का फैसला

RAJSTHAN ROYALS

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल 2024 की तैयारियां शुरु कर दी हैं। 19 दिसंबर को दुबई में टी20 टूर्नामेंट के लिए मिनी ऑक्शन का आयोजन होगा। इस दौरान तमाम खिलाड़ियों पर टीमें बोली लगाएंगी। बोर्ड ने 26 नवंबर तक आईपीएल 2024 के लिए टीमों को खिलाड़ियों के रिटेन और रिलीज करने की सूची सौंपने का आदेश दिया है।

इस बीच राजस्थान रॉयल्स को तगड़ा झटका लगा है। टीम के विस्फोटक बल्लेबाज ने खेलने से इनकार कर दिया है। उन्होंने आगामी टूर्नामेंट से पहले टीम का साथ छोड़ने का निर्णय किया है।

इस खिलाड़ी ने ऑक्शन से पहले लिया नाम वापस

हम जिस खिलाड़ी की यहां चर्चा कर रहे हैं उसका नाम जो रूट है। इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज जो रुट ने पिछले सीजन में अपने आईपीएल करियर की शुरुआत की थी। राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें पिछले सीजन के मिनी ऑक्शन में 1 करोंड़ रुपये में खरीदा था। आईपीएल 2023 में जो रूट ने 3 मैचों की 1 पारी में सिर्फ 10 रन बनाए।

वह अपनी कीमत के साथ न्याय नहीं कर सके। इस बीच आईपीएल 2024 से पहले जो रुट ने अपना नाम वापस लेने का फैसला कर लिया है। इस बात की पुष्टि राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेट निदेशक कुमार संगकारा ने की है।

कुमार संगाकारा ने पुष्टि करते हुए कहा कि,

“हमारी रिटेंशन बातचीत के दौरान जो रूट ने हमें आईपीएल 2024 में हिस्सा नहीं लेने के अपने फैसले के बारे में बताया। जो रूट बहुत कम समय में टीम पर इतना सकारात्मक प्रभाव डालने में सक्षम रहे। फ्रेंचाइजी और ग्रुप में उनकी ऊर्जा और रॉयल्स के लिए उनके द्वारा लाए गए अनुभव की कमी खलेगी। हम उनके फैसले का पूरा सम्मान करते हैं और उनके हर काम में सफलता की कामना करते हैं।”

RR और LSG के बीच हुई खिलाड़ियों की अदला-बदली

गौरतलब है कि आईपीएल 2024 के ऑक्शन से पहले राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच ट्रेड हुआ है। इसमें संजू सैमसन की अगुवाई वाली टीम के धाकड़ बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल और केएल राहुल के नेतृत्व वाली टीम के गेंदबाज आवेश खान की अदला-बदली हुई है। ऐसे में दोनों खिलाड़ी अब अलग-अलग टीमों की तरफ से खेलते नज़र आएंगे।

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एशिया कप के वो 5 रिकॉर्ड जिनका टूटना है लगभग नामुमकिन! 3 पर है भारतीय खिलाड़ियों का कब्जा

MS DHONI MOST MATCHES AS A SKIPPER

आईसीसी विश्व कप 2023 से पहले क्रिकेट प्रेमियों को एक बेहद महत्वपूर्ण टूर्नामेंट का इंतज़ार है,  हम बात कर रहें हैं 31 अगस्त से 17 सितंबर के बीच खेले जाने वाले एशिया कप 2023 के बारे में। गौरतलब है कि इस साल होने वाला एशिया कप वनडे फ़ॉर्मेट में खेला जाएगा।  वहीं ये टूर्नामेंट संयुक्त रूप से पाकिस्तान और श्रीलंका में खेला जाना है जिसकी एक बड़ी वजह भारत का एशिया कप के लिए पाकिस्तान न जाने का फ़ैसला है।

इसके अलावा क्रिकेट की बात करें तो इस लिहाज़ से ये टूर्नामेंट सभी टीमों के लिए बेहद अहम होने वाला है क्योंकि इसे एक तरह से विश्व कप की तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है। वहीं एशिया कप में फ़ैंस और एक्सपर्ट्स की नज़र इस बात पर भी होगी कि कुछ नए और शानदार रिकॉर्ड बनें। लेकिन आपको बता दें एशिया कप के इतिहास में पांच रिकॉर्ड ऐसे जो शायद कभी न तोड़े जा सकें। इसी सिलसिले में आज हम बात करेंगे उन्हीं पांच रिकॉर्ड्स के बारे में।

पाकिस्तान के लिए नासिर जमशेद और मोहम्मद हफ़ीज़ की सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी

बात एशिया कप 2012 की है जब भारत और पाकिस्तान की टीम मीरपुर के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में आमने-सामने थी। दोनों टीमों ने इस मैच में बेहद शानदार क्रिकेट खेली और फ़ैंस को एक रोमांचक मैच देखने को मिला। पाकिस्तानी कप्तान मिस्बाह-उल-हक़ ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया।

इसके बाद पाकिस्तान के लिए पारी की शुरुआत करने उतरे नासिर जमशेद और मोहम्मद हफ़ीज़ ने पहले विकेट के लिए 224 रनों की विशाल साझेदारी। जमशेद ने 104 गेंद में 112 रनों की पारी खेली तो वहीं हफ़ीज़ ने भी 113 गेंदों 105 रन ठोके। आज तक एशिया कप के इतिहास में सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी है।

बतौर कप्तान एमएस धोनी के सबसे ज़्यादा मैच

पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी के नाम टूर्नामेंट में अपनी टीम के लिए सबसे ज़्यादा मैचों में कप्तानी करने का रिकॉर्ड है। धोनी ने एशिया कप में पहली बार साल 2008 में भारतीय टीम की कप्तानी की थी। इसके बाद एशिया कप 2012 तक टीम ने इस टूर्नामेंट में धोनी की ही कप्तानी में ही हिस्सा लिया।

2008 में पाकिस्तान में खेले गए एशिया कप में धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम फ़ाइनल तक तो पहुंची लेकिन मेंडिस की फ़िरकी के जादू ने श्रीलंका को फ़ाइनल जिताने में अहम भूमिका निभाई।

धोनी के रिकॉर्ड की बात करें तो उन्होंने एशिया कप के कुल 14 मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की है। इस दौरान उन्होंने टीम को एशिया कप 2010 का खिताब भी जिताया। कयास लगाए जा रहे हैं कि धोनी का ये रिकॉर्ड शायद ही कोई कप्तान आने वाले समय में तोड़ पाए।

कुमार संगकारा और एमएस धोनी के बतौर विकेटकीपर संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा शिकार

वनडे क्रिकेट के इतिहास में पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी और पूर्व श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा को दो महानतम विकेटकीपर्स के तौर पर आज भी याद किया जाता है। दोनों खिलाड़ियों ने मिल कर वनडे क्रिकेट में कुल 900 बल्लेबज़ों का विकेट के पीछे से शिकार किया है।

वहीं एशिया कप में भी दोनों के नाम संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा बल्लेबाज़ों को विकेट के पीछे से आउट करने का रिकॉर्ड दर्ज। धोनी और संगकारा ने कुल 36-36 बल्लेबाज़ों को विकेट के पीछे से अपनी शानदार विकेटकीपिंग स्किल्स का शिकार बनाया है। इस रिकॉर्ड का टूटना भी लगभग नामुमकिन सा ही लगता है।

अजंता मेंडिस के एशिया कप 2008 फ़ाइनल के 6/13 वाले ऐतिहासिक आंकड़े

2008 में श्रीलंकाई टीम में एक ऐसे गेंदबाज़ की एंट्री हुई जिसने पूरी दुनिया के बल्लेबाज़ों को अपनी उंगली पर नाचने के लिए मजबूर कर दिया था। इस गेंदबाज़ का नाम था अजंता मेंडिस जिसके कहर का शिकार भारतीय टीम को भी एशिय कप 2008 के फ़ाइनल में होना पड़ा।

मेंडिस ने भारत के पूरे बल्लेबाज़ी क्रम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया और महज़ 13 रन देकर कुल 6 विकेट अपने नाम किए जो कि एशिय कप के किसी मैच में अभी तक के सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत आँकड़े हैं। मेंडिस के बाद कोई भी गेंदबाज़ आज तक ये कारनामा नहीं कर सका है और आगे भी इसकी संभावना बेहद कम ही नज़र आती है।

विराट कोहली का 183 रनों का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर

साल 2012 में विराट कोहली भारत के लिए उभरते बल्लेबाज़ों में से एक थे। फ़रवरी 2012 में त्रिकोणीय सीरीज़ के दौरान उन्होंने श्रीलंका के ख़िलाफ़ महज़ 86 गेंदों में 133 रनों की ताबड़तोड़ पारी से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था। इसके बाद विराट कोहली ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा जिसकी एक मिसाल 2012 के एशिया कप में भी देखने को मिली।

भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ़ खेल रही थी जहाँ उसे 330 रनों का लक्ष्य मिला, लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट कोहली ने शानदार बल्लेबाज़ी की और एक ऐतिहासिक शतक ठोक कर भारत की जीत दिलाई।

विराट कोहली 48वें ओवर में 183 रन के निजी स्कोर पर आउट हुए जो कि आज तक भी एशिया कप के इतिहास का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है।

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BEN STOKES की ये ट्रिक कुछ और नहीं MS DHONI का मास्टरप्लान ही है… कुमार संगकारा ने खोल दिए सारे राज!

BEN STOKES COPY MS DHONI TECHNIC

विकेट के पीछे और बल्ले से चतुराई करने के लिए महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) पूरी दुनिया में पहचाने जाते हैं. यही वजह है कि उनकी कप्तानी का कोई तोड़ नहीं है. एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच इस वक्त मुकाबला चल रहा है, जहां पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट से रोमांचक जीत हासिल की है.

इस मैच के दौरान बेन स्टोक्स की कप्तानी काफी चर्चा में बनी हुई है, जिसके बाद कुमार संगकारा को महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की याद आ गई. फील्ड प्लेसमेंट को लेकर मैच के आखिरी दिन खूब चर्चा होती नजर आई.

बेन स्टोक्स अपना रहे महेंद्र सिंह धोनी का मास्टरप्लान

आपको बता दें कि आखिरी दिन ऑस्ट्रेलियाई टीम 281 रनों का पीछा कर रही थी और लगातार विकेट का पतन हो रहा था. इस दौरान ट्रैविस हेड जब बैटिंग करने आए, तो बेन स्टोक्स ने उन्हें जाल में फंसाने के लिए सामने की तरफ फील्डर लगा दिया, जिसे देख कमेंट्री कर रहे कुमार संगकारा ने कहा कि

“यह बिल्कुल महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी की तरह है. आईपीएल में धोनी, पोलार्ड के लिए ऐसी ही फील्ड सेट करते हैं, जब फिल्डर को ठीक पीछे बाउंड्री लाइन पर रखा जाता है और इस साल बेन स्टोक्स भी सीएसके की टीम का हिस्सा रहे हैं.”

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाई शानदार रणनीति

बेन स्टोक्स ने महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) वाली जो रणनीति अपनाई वह कामयाब रही और सामने खड़े फील्डर को देख ट्रेविस हेड उस तरफ शॉट लगाने से कतराने लगे और प्रेशर में आकर उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया.

ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान बेन स्टोक्स ने उस्मान ख्वाजा को आउट करने के लिए जो फील्ड सेट की थी उसे ब्रुब्रेला फिल्डिंग का नाम दिया गया.

इस दौरान बेन स्टोक्स ने खिलाड़ियों को कैचिंग पोजीशन पर रखा था. तीन खिलाड़ी ऑफ साइड और तीन खिलाड़ी ऑन साइड पर बैटर के नजदीक खड़े थे.

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धोनी को विश्व कप फाइनल से पहले ही समझ आ गई थी कुमार संगकारा की चाल! रेफरी को 2 बार टॉस के लिए किया था मजबूर

WORLD CUP 2011 TOSS

कोई भी भारतीय फैन या कोई भी भारतीय क्रिकेटर 2 अप्रैल 2011 के दिन को नहीं भूल पाएगा। जिस दिन भारतीय टीम ने 28 सालों बाद विश्व कप की ट्रॉफी अपने नाम की थी। यह दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के सुनहरे अक्षरों में लिखा गया। लेकिन इस दिन एक ऐसी रोचक घटना हुई थी। जिसे भारतीय फैंस कभी भी अपने जेहन से मिटा नहीं पाएगा। आईये जानते हैं इस घटना के बारे में।

विश्व कप 2011 के फाइनल में कुमार संगकारा ने चली थी चाल

दरअसल 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में विश्व कप के फाइनल में भारत और श्रीलंका की टीमें आमने-सामने थी। यह पहला मौका था जब एशिया की दो टीमें विश्व कप के फाइनल में एक दूसरे से भिड़ रही थी। इस फाइनल मैच के दौरान टाॅस के लिए भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा मैदान पर आए थे।

जहां टाॅस के दौरान अंपायर ने भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सिक्का उछालने को कहा। उन्होंने सिक्का उछाला लेकिन श्रीलंका के कप्तान एक चाल चलते हुए हेड्स और टेल्स की जगह हेल्स कह दिया, जिसके कारण अंपायर कन्फ्यूज हो गए। इसके बाद एक बार फिर टाॅस हुआ और इस बार श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने टाॅस जीता और मैच में पहले बल्लेबाजी करने चुना।

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धोनी ने ड्रेसिंग रूम में खोला था राज

इस घटना के बारे में भारतीय टीम के कप्तान एम एस धोनी ने टीम मैनेजमेंट और कोच से इस बारे में चर्चा की और इस पूरे प्रकरण पर अपनी टीम मीटिंग में बताया। जहां उन्होंने कहा कि संगाकारा ने हेल्‍स कहा था। वहीं, संगाकारा ने एक चैट शो में कहा था कि ज्‍यादा लोगों के शोर के चलते माही को यह कंफ्यूजन हुई थी।

हालांकि यह मैच अंत में भारत ने 275 रनों के लक्ष्‍य का पीछा करते हुए आठ गेंद बाकी रहते हुए छह विकेट से विश्‍व कप फाइनल मैच जीत लिया था। लेकिन भारतीय क्रिकेटरों और फैंस के मन में संगकारा यह चाल आज भी जेहन में है कि उन्होंने फाइनल मैच में किस तरह की चाल चली थी और आगे भी फैंस शायद ही इस घटना को भूल पाएंगे।

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कुमार संगकारा ने सूर्यकुमार यादव को नंबर 1 टी20 बल्लेबाज मानने से किया इंकार, इस खिलाड़ी को बताया सर्वश्रेष्ठ

suryakumar yadav

भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) में इस समय मिडिल ऑर्डर विस्फोटल बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को बेहतरीन खिलाड़ियों के से एक गिना जा रहा है। सूर्यकुमार यादव का नाम विराट कोहली के बराबरी पर लिया जा रहा है। लेकिन सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) जोकि अपने दम पर कई मैच जीता चुके हैं और सभी को पिछले कई मैचों से अपनी शानदार बल्लेबाजी से प्रभावित भी किया है। लेकिन कुमार संगकारा ( Kumar Sangakkara) में सूर्यकुमार यादव की जगह किसी और खिलाड़ी को भारतीय क्रिकेट टीम का नंबर वन बल्लेबाज बताया है।

 Kumar Sangakkara नहीं मानते SKY को नंबर वन

मौजूदा समय में सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) न सिर्फ भारतीय क्रिकेट टीम बल्कि विश्व में भी नंबर एक खिलाड़ी हैं। सूर्यकुमार यादव आईसीसी टी20 रैंकिंग में नंबर एक खिलाड़ी है। उन्होंने पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान को पीछे छोड़ ये मुकाम हासिल किया था।

सूर्यकुमार यादव के नंबर वन बल्लेबाज बनने के बावजूद श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा (Kumar Sangakkara) इस बात को मानने को तैयार नहीं हो रहे हैं।

सूर्या नहीं हैं नंबर-1 बल्लेबाज

आईसीसी टी20 रैंकिंग में सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) टी20 रैंकिंग में नंबर के पायदान पर हैं। वो इस समय नंबर एक की पोजिशन में हैं। सूर्यकुमार यादव के नंबर एक मुकाम को हासिल करने के बाद भी श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा ने उन्हें नंबर-1 बल्लेबाज मानने को तैयार नहीं हैं। कुमार संगकारा अभी भी नंबर-1 बल्लेबाज विराट कोहली ( Virat Kohli) को मानते हैं। कुमार संगकारा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि

“अबतक विराट कोहली ही वर्ल्ड के महान बल्लेबाज हैं।”

कुमार संगकारा श्रीलंका के लिए 134 टेस्ट और 404 वनडे मुकाबले खेलते हुए दोनों ही फॉर्मेट में 12400 और 14234 रन बना चुके हैं। भारतीय पूर्व कप्तान विराट कोहली ने टी20 वर्ल्ड कप 2022 के 6 मैचों में 98.67 की औसत से 296 रन बनाने के साथ ही टूर्नामेंट के सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने थे।

विराट कोहली ने इस दौरान 4 अर्धशतक भी लगाए थे। वहीं सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने टूर्नामेंट में 3 अर्धशतकीय पारी के दम पर 6 मैचों में 59.75 की औसत से 239 रन बनाये थे।

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शानदार रहा है हाल के दिनों में सूर्यकुमार यादव का प्रदर्शन

हाल ही खत्म हुए 3 मैचों की टी20 और फिर उतने ही मैचों का वनडे मुकाबला सीरीज में सूर्यकुमार यादव ने शानदार प्रदर्शन किया है। पहले टी20 मुकाबला में बारिश की वजह से रद्द होने के बाद दूसरे मैच में सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने 49 गेंदों में शतक जड़ा और फिर 51 गेंदों में 111 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे थे।

अब तक सूर्यकुमार यादव ने 41 टी20 मैचों की 39 पारियों में 45.00 की औसत से 1395 रन बनाए हैं। जिसमें 2 शतक और 12 अर्धशतक शामिल है।

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अपनी टीम पर बोझ नहीं बने ये 5 खिलाड़ी, करियर के टॉप पर रहते हुए किया संन्यास का ऐलान

अपनी टीम पर बोझ नहीं बने ये 5 खिलाड़ी, करियर के टॉप पर रहते हुए किया संन्यास का ऐलान

खेल में खिलाड़ी के साथ के साथ साथ उनकी उम्र के ग्राफ पर भी सभी की नजर रहती है। कैरियर का ग्राफ बढ़ता देख सभी खुश होते हैं, तो एक खिलाड़ी के लिए उम्र के ग्राफ को बढ़ता देखना उनके लिए मुसीबत बनता रहता है। खेल में 35 साल के उम्र के बाद लगभग-लगभग खिलाड़ी रिटायरमेंट की प्लानिंग कर लेते हैं। ताकि आने वाले युवा खिलाड़ियों को भी मौका मिल सके। आज हम आपको 5 ऐसे खिलाड़ियों के विषय में बताने जा रहे हैं। जिन्होंने करियर की बुलदिंयों पर संन्यास का रुख किया था।

1- कुमार संगाकारा (Kumar Sangakkara)

श्रीलंका क्रिकेट टीम के बल्लेबाज कुमार संगकारा ने जब इंटरनेशन क्रिकेट से संन्यास लिया तब वो अपने करियर के सबसे सुनहरे पड़ाव पर थे। आईसीसी वर्ल्ड कप 2015 में कुमार संगकारा दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने खिलाड़ी थे। पूर्व दिग्गज ने 2015 वर्ल्ड कप में लगातार 4 शतक लगाए थे। जोकि कुमार संगाकारा (Kumar Sangakkara) का आखिरी विश्व कप रहा था।

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2-ग्लेन मैक्ग्रा ( Glenn McGrath)

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा (Glenn McGrath) ने अपनी गेंदबाजी से काफी प्रसिद्धि प्राप्त की। अपने करियर में 124 टेस्ट और 250 वनडे खेलने वाले ग्लेन मैक्ग्रा (Glenn McGrath) ने 2007 में आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था। जबकि ग्लेन मैक्ग्रा संन्यास के समय अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे।

3-सौरव गांगुली ( Sourav Ganguly)

भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने वनडे फॉर्मेट में 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेला था। उस समय सौरव गांगुली 2005 साल में वनडे क्रिकेट में 5वें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। लेकिन सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया।

4- ब्रेंडन मैकुलम ( Brendon McCullum)

न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बेहतरीन विस्फोटक बल्लेबाजों ब्रेंडन मैकुलम ( Brendon McCullum) ने आखिरी इंटरनेशनल मैच 20 फरवरी 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। ब्रेंडन मैकुलम ( Brendon McCullum) ने इंटरनेशनल क्रिकेट को गुडबाय बोलने के बाद आईपीएल में 2 साल तक खेल जारी रखा। ब्रेंडन मैकुलम अपनी संन्यास के समय अच्छी फॉर्म में थे।

5- एबी डीविलयर्स ( AB de Villiers)

दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज एबी डीविलयर्स में 2018 में आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था। जबकि एबी डीविलयर्स 2021 तक अपनी टीम आरसीबी की तरफ से आईपीएल में धमाल मचाते रहे थे। एबी डीविलयर्स ( AB de Villiers) के संन्यास के फैसले से क्रिकेट प्रशंसक काफी निराश थे।

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दुनिया के 5 सबसे शरीफ क्रिकेटर, जिन्होंने आजतक मैदान पर नहीं किया कोई भी लड़ाई झगड़ा

दुनिया के 5 सबसे शरीफ क्रिकेटर, जिन्होंने आजतक मैदान पर नहीं किया कोई भी लड़ाई झगड़ा

दुनिया में आम इंसान हो या फिर क्रिकेटर आपको हर जगह अलग-अलग तरह के लोग देखने को मिलेंगे. कुछ लोग आपको शरीफ देखने को मिलेंगे तो वहीं, कुछ लोग आपको बड़े तेज़ तर्रार और लड़ाई झगड़े वाले मिलेंगे.

क्रिकेट को वैसे तो जेंटलमैन का गेम कहा जाता है, लेकिन कई बार मैदान पर ऐसे दृश्य देखने को मिल जाते हैं, जिसे देख लगता नहीं है कि क्रिकेट जेंटलमैंन का गेम है. हम आपको दुनिया के ऐसे पांच क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होने क्रिकेट के मैदान पर कभी लड़ाई झगड़ा नहीं किया.

1. केन विलियमसन

इस लिस्ट में नंबर वन पर आते हैं न्यूज़ीलैंड के कप्तान केन विलियमसन(KANE WILLIAMSON), जो हर वक़्त फील्ड पर शांत स्वाभाव में दिखाई देते हैं. उन्हें मैदान पर कभी किसी से लड़ते झगड़ते हुए नहीं देखा गया. विलियमसन ने अब तक न्यूज़ीलैंड के लिए 88 टेस्ट मैच, 155 वनडे और 77 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं.

2. सचिन तेंदुलकर

पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर (SACHIN TENDULKAR) भी इस लिस्ट में शामिल हैं. सचिन मैदान पर बड़े ही शांत स्वभाव से खेलते थे.

अक्सर गेंदबाज़ उन्हें परेशान करने की कोशिश किया करते थे, लेकिन सचिन उनका जवाब अपने बल्ले से देते थे. सचिन अभी तक दुनिया के एक मात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 100 शतक लगाए हैं.

3. कुमार संगकारा

क्रिकेट जगत में सबसे अच्छे और जेंटलमैन क्रिकेटरों की लिस्ट में कुमार संगकारा (KUMAR SANGAKKARA) भी शामिल हैं. श्रींलका के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ कुमार संगकारा को फील्ड पर हमेशा शांत और अच्छे मूड में देखा गया. संगकारा ने श्रीलंका के लिए 134 टेस्ट मैच 404 वनडे मैच और 56 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं.

4. एबी डिविलियर्स

अपने बल्ले से हमेशा आक्रमक दिखने वाले एबी डिविलियर्स स्वाभ में हमेशा शांत दिखाई दिए. गेंदबाजों की नींदें उड़ाने वाले डिविलियर्स बड़े ही सज्जन व्यक्तित्व वाले इंसान हैं.

एबी डिविलियर्स ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 114 टेस्ट मैच, 228 वनडे और 78 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं.

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5. मोहम्मद रिजवान

पाकिस्तानी विकेटकीपर बल्लेबाज़ भी नए युग के शरीफ क्रिकेटर्स में से हैं. रिज़वान मैदान पर विरोधी टीम के खिलाड़ियों के साथ भी मस्ती मज़ाक करते हुए ही दिखाई देते हैं.

उन्होंने अपनी टीम के लिए अब तक 24 टेस्ट मैच, 49 वनडे और 66 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं.

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सौरव गांगुली ने चुनी अपनी प्लेइंग इलेवन, सिर्फ 2 भारतीय खिलाड़ियों को दी जगह, इन 11 खिलाड़ियों को मिला मौका

सौरव गांगुली

पूर्व भारतीय कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई (BCCI) अधय्क्ष सौरव गांगुली (SOURAV GANGULY) ने अपनी एक ऑलटाइम वर्ल्ड बेस्ट पलेइंग बनाई है. अपनी इस टीम में दादा ने सिर्फ दो भारतीय खिलाड़ियों को जगह दी है. बंगाल से ताल्लुक रखने वाले दादा ने इंडिया टीम के लिए अपनी कप्तानी में बहुत कुछ किया है. तो आइए जानते हैं क्या है सौरव गांगुली की ऑलटाइम बेस्ट प्लेइंग इलेवन और किन दो भारतीय खिलाड़ियों को किया शामिल.

इन दो भारतीय खिलाड़ियों को मिली जगह

Sachin Tendulkar

सौरव गांगुली(SOURAV GANGULY) ने अपनी टीम में सिर्फ दो भारतीय खिलाड़ियों को शरीक किया है. उन्होंने अपनी टीम में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर(SACHIN TENDULKAR) और क्रिकेट की दीवार कहे जाने राहुल द्रविड़(RAHUL DRAVID) को शामिल किया है. बाकी टीम भारतीय टीम किसी दिग्गज को उन्होंने अपनी टीम में जगह नहीं दी है. अब उन्होंने ऐसा क्यों किया है, यो तो दादा ही जान सकते हैं.

दिग्गज बॉलर्स को किया दरकिनार

Wasim-Akram

गांगुली ने अपनी इस टीम में दिग्गज बॉलर्स जैसे वसीम अकरम(WASIM AKRAM) और अनिल कुंबले(ANIL KUMBLE) को किनारे कर दिया है. उन्हें अपनी प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया है. उनकी जगह उन्होंने साउथ अफ्रीकी तेज़ गेंदबाज़ डेल स्टेन(DALE STEYN) को अपना टीम का हिस्सा बनाया है. इसके अलावा तेज़ गेंदबाज़ी में उन्होंने दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ ग्लैन मैक्ग्रा को अपनी टीम में शामिल किया है.

ओपनिंग जोड़ी में लिए ये दिग्गज बल्लेबाज़

ओपनिंग जोड़ी के लिए उन्होंने अपनी टीम में ऑस्ट्रेलिआई बल्लेबाज़ मेथ्यू हेडन और इंग्लैंड के दिग्गज टेस्ट बल्लेबाज़ एलियस्टर कुक को शामिल किया है. दोनों ही अपने वक़्त के शानदार बल्लेबाज़ रहे चुके हैं.

इस ऑलराउंडर को बनाया टीम का हिस्सा

Jacques Kallis

अपनी इस टीम में दादा ने वर्ल्ड के बेस्ट ऑलराउंडर कहे जाने वाले साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी जैक कैलिस को शामिल किया है. कैलिस अपने वक़्त के शानदार ऑलराउंडर थे.

ऐसी है सौरव गांगुल की प्लेइंग इलेवन

मैथ्यू हेडन, एलिस्टर कुक, राहुल द्रवि, सचिन तेंदुलकर, जैक कैलिस, रिकी पोंटिंग, कुमार संगकारा, शेन वॉर्न, डेल स्टेन, मुथैया मुरलीधरन, ग्लेन मैक्ग्रा.

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इन 3 बल्लेबाजों के नाम है अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा चौके लगाने का रिकॉर्ड

इन 3 बल्लेबाजों के नाम है अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा चौके लगाने का रिकॉर्ड

क्रिकेट मैच के दौरान जब किसी Players द्वारा बाउंड्री लगाई जाती है, तब दर्शकों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता है और वह खुशी से फूले नहीं समाते। बाउंड्री लगने से दर्शक तो खुश होते ही हैं, साथ-साथ बल्लेबाजी कर रहे खिलाड़ी के अंदर भी आत्मविश्वास बढ़ता है। क्रिकेट में हमेशा से ही उन बल्लेबाजों को फैंस द्वारा अधिक पसंद किया जाता है, जो लंबे लंबे छक्के लगाने में कामयाब होते हैं। लेकिन छक्के की बजाए चौका लगाकर रन बटोरने में विकेट गंवाने का खतरा कम रहता है।

टी20 फॉर्मेट की शुरुआत से पहले बल्लेबाजों द्वारा चौके के जरिए ही अत्यधिक रन बनाना पसंद किया जाता था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दौरान सबसे अधिक चौके लगाने के मामले में भारतीय बल्लेबाजों द्वारा बाजी मारी गई है। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको ऐसे तीन बल्लेबाजों के बारे में बताएंगे, जिनके द्वारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दौरान सबसे अधिक चौके लगाए गए हैं।

रिकी पोटिंग (ऑस्ट्रेलिया)

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोटिंग विश्व के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं। अपनी कप्तानी के दौरान उनके द्वारा ऑस्ट्रेलिया को दो बार विश्व कप विजेता बनाया गया है। एक सफल कप्तान होने के साथ-साथ पोंटिंग बेहतरीन बल्लेबाज भी रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने के मामले में पोंटिंग दुनिया के तीसरे बल्लेबाजों में शामिल है।

क्रिकेट के दौरान सबसे अधिक चौके लगाने के मामले में दाएं हाथ का यह बल्लेबाज तीसरे स्थान पर मौजूद है। 1995 से 2012 के दौरान रिकी पोंटिंग ऑस्ट्रेलिया टीम का अहम हिस्सा रह चुके हैं। इस दौरान उनके द्वारा तीनों प्रारूपों को मिलाकर कुल 560 मैच खेले गए। जिसने पोंटिंग द्वारा 2781 (1509 टेस्ट,1231 वनडे, 41टी20) चौके लगाए गए थे।

कुमार संगकारा (श्रीलंका)

पूर्व श्रीलंकाई विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर शामिल है। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के नाम श्रीलंका की ओर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है। संगकारा द्वारा अपने अंतरराष्ट्रीय करियर (2000 – 2015) के दौरान कुल 594 मुकाबले खेले गए, जिसमें उनके द्वारा 3015 चौके (1491 टेस्ट, 1385 वनडे, 139 टी20) लगाएं गए हैं।

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सचिन तेंदुलकर (भारत)

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दौरान सबसे अधिक चौके लगाने का रिकॉर्ड भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम दर्ज है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर द्वारा अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 4076 (2058 टेस्ट, 2016 वनडे, और 2 टी20) चौके जड़े गए थे। उनके द्वारा यह चौके 664 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलते हुए लगाए गए हैं।

सचिन तेंदुलकर द्वारा करीब 24 सालों तक भारतीय क्रिकेट टीम में अपना योगदान दिया गया था। दाएं हाथ के पूर्व दिग्गज द्वारा 15 नवंबर 1989 में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया था, जबकि सचिन द्वारा अपने करियर का आखिरी मैच 14 नवंबर 2013 को खेला गया था।

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3 ऐसे बदनसीब कप्तान जिन्होंने अपनी गलती से गंवा दिया ‘विश्व विजेता’ कहलाने का मौका

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हर कप्तान यही चहाता है कि उसकी कप्तानी में अच्छे से अच्छा परफॉर्म करे. हर टूर्नामेंट में जीत हासिल करे. क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट वर्ल्ड कप में हर कप्तान अपनी टीम को जिताना चहाता है. कुछ कप्तानों का अपनी कप्तानी में वर्ल्ड कप जिताने का ख्वाब पूरा हो जाता है, तो कुछ का ख्वाब, ख्वाब ही रहे जाता है. हम आपको ऐसे तीन कप्तानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी बदकिस्मती से उनकी टीम वर्ल्ड कप हार गई.

1. महेला जयवर्धने

mahila jayawardhane

श्रीलंका (SRILANKA) पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने (MAHELA JAYAWARDHANE) बदकिस्मत कप्तानों में से एक हैं. साल 2007 में महेला जयवर्धने (MAHELA JAYAWARDHANE) की कप्तानी में श्रीलंका टीम आस्ट्रेलिया (AUSTRALIA) के खिलाफ वर्ल्ड कप (WORLD CUP) फाइनल में हार गई थी.

इसके बाद महेला जयवर्धने (MAHELA JAYAWARDHANE को कप्तानी से हटा दिया गया था और उनकी जगह टीम की कप्तानी कुमार संगाकारा को दे दी गई थी. साल 2006 में महेला जयवर्धने को आईसीसी ने ‘बेस्ट इंटरनेशनल कैप्टन ऑफ द ईयर’ के अवार्ड से नवाज़ा था.

2. इंज़माम उल हक़

inzamam ul haq

साल 2007 के टी20 विश्व कप में इंज़माम उल हक़ (INZAMAM UL HAQ) पाकिस्तान की कप्तानी कर रहे थे. इस साल फाइनल में पाकिस्तान (PKISTAN) को इंडिया (INDIA) के हाथों करारी हार मिली थी. इस हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने उनसे कप्तानी ले ली थी और टीम का अगला कप्तान शाहिद अफरीदी को बनाया था.

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केन विलियमसन

Kane Williamson

साल 2019 वर्ल्ड कप में न्यूज़ीलैंड (NEWZELAND) की कप्तानी करने वाले केन विलियमसन (KANE WILLIAMSON) फाइनल जीतकर हार गए थे. न्यूज़ीलैंड (NEWZELAND) के लिए यह दूसरी बार था कि वो फाइनल में थे.

इस साल 2019 के फाइनल में सुपर ओवर ड्रॉ होने के बाद इंग्लैंड को मैच में जिता घोषित किया गया था. इंग्लैंड की तरफ में मैच में ज़्याद बॉउंड्री लगाई थी, इसी के आधार पर नियम के मुताबिक इंग्लैंड को फाइनल में विजेता करार दिय गया था.

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