MS DHONI MOST MATCHES AS A SKIPPER

आईसीसी विश्व कप 2023 से पहले क्रिकेट प्रेमियों को एक बेहद महत्वपूर्ण टूर्नामेंट का इंतज़ार है,  हम बात कर रहें हैं 31 अगस्त से 17 सितंबर के बीच खेले जाने वाले एशिया कप 2023 के बारे में। गौरतलब है कि इस साल होने वाला एशिया कप वनडे फ़ॉर्मेट में खेला जाएगा।  वहीं ये टूर्नामेंट संयुक्त रूप से पाकिस्तान और श्रीलंका में खेला जाना है जिसकी एक बड़ी वजह भारत का एशिया कप के लिए पाकिस्तान न जाने का फ़ैसला है।

इसके अलावा क्रिकेट की बात करें तो इस लिहाज़ से ये टूर्नामेंट सभी टीमों के लिए बेहद अहम होने वाला है क्योंकि इसे एक तरह से विश्व कप की तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है। वहीं एशिया कप में फ़ैंस और एक्सपर्ट्स की नज़र इस बात पर भी होगी कि कुछ नए और शानदार रिकॉर्ड बनें। लेकिन आपको बता दें एशिया कप के इतिहास में पांच रिकॉर्ड ऐसे जो शायद कभी न तोड़े जा सकें। इसी सिलसिले में आज हम बात करेंगे उन्हीं पांच रिकॉर्ड्स के बारे में।

पाकिस्तान के लिए नासिर जमशेद और मोहम्मद हफ़ीज़ की सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी

बात एशिया कप 2012 की है जब भारत और पाकिस्तान की टीम मीरपुर के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में आमने-सामने थी। दोनों टीमों ने इस मैच में बेहद शानदार क्रिकेट खेली और फ़ैंस को एक रोमांचक मैच देखने को मिला। पाकिस्तानी कप्तान मिस्बाह-उल-हक़ ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया।

इसके बाद पाकिस्तान के लिए पारी की शुरुआत करने उतरे नासिर जमशेद और मोहम्मद हफ़ीज़ ने पहले विकेट के लिए 224 रनों की विशाल साझेदारी। जमशेद ने 104 गेंद में 112 रनों की पारी खेली तो वहीं हफ़ीज़ ने भी 113 गेंदों 105 रन ठोके। आज तक एशिया कप के इतिहास में सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी है।

बतौर कप्तान एमएस धोनी के सबसे ज़्यादा मैच

पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी के नाम टूर्नामेंट में अपनी टीम के लिए सबसे ज़्यादा मैचों में कप्तानी करने का रिकॉर्ड है। धोनी ने एशिया कप में पहली बार साल 2008 में भारतीय टीम की कप्तानी की थी। इसके बाद एशिया कप 2012 तक टीम ने इस टूर्नामेंट में धोनी की ही कप्तानी में ही हिस्सा लिया।

2008 में पाकिस्तान में खेले गए एशिया कप में धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम फ़ाइनल तक तो पहुंची लेकिन मेंडिस की फ़िरकी के जादू ने श्रीलंका को फ़ाइनल जिताने में अहम भूमिका निभाई।

धोनी के रिकॉर्ड की बात करें तो उन्होंने एशिया कप के कुल 14 मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की है। इस दौरान उन्होंने टीम को एशिया कप 2010 का खिताब भी जिताया। कयास लगाए जा रहे हैं कि धोनी का ये रिकॉर्ड शायद ही कोई कप्तान आने वाले समय में तोड़ पाए।

कुमार संगकारा और एमएस धोनी के बतौर विकेटकीपर संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा शिकार

वनडे क्रिकेट के इतिहास में पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी और पूर्व श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा को दो महानतम विकेटकीपर्स के तौर पर आज भी याद किया जाता है। दोनों खिलाड़ियों ने मिल कर वनडे क्रिकेट में कुल 900 बल्लेबज़ों का विकेट के पीछे से शिकार किया है।

वहीं एशिया कप में भी दोनों के नाम संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा बल्लेबाज़ों को विकेट के पीछे से आउट करने का रिकॉर्ड दर्ज। धोनी और संगकारा ने कुल 36-36 बल्लेबाज़ों को विकेट के पीछे से अपनी शानदार विकेटकीपिंग स्किल्स का शिकार बनाया है। इस रिकॉर्ड का टूटना भी लगभग नामुमकिन सा ही लगता है।

अजंता मेंडिस के एशिया कप 2008 फ़ाइनल के 6/13 वाले ऐतिहासिक आंकड़े

2008 में श्रीलंकाई टीम में एक ऐसे गेंदबाज़ की एंट्री हुई जिसने पूरी दुनिया के बल्लेबाज़ों को अपनी उंगली पर नाचने के लिए मजबूर कर दिया था। इस गेंदबाज़ का नाम था अजंता मेंडिस जिसके कहर का शिकार भारतीय टीम को भी एशिय कप 2008 के फ़ाइनल में होना पड़ा।

मेंडिस ने भारत के पूरे बल्लेबाज़ी क्रम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया और महज़ 13 रन देकर कुल 6 विकेट अपने नाम किए जो कि एशिय कप के किसी मैच में अभी तक के सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत आँकड़े हैं। मेंडिस के बाद कोई भी गेंदबाज़ आज तक ये कारनामा नहीं कर सका है और आगे भी इसकी संभावना बेहद कम ही नज़र आती है।

विराट कोहली का 183 रनों का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर

साल 2012 में विराट कोहली भारत के लिए उभरते बल्लेबाज़ों में से एक थे। फ़रवरी 2012 में त्रिकोणीय सीरीज़ के दौरान उन्होंने श्रीलंका के ख़िलाफ़ महज़ 86 गेंदों में 133 रनों की ताबड़तोड़ पारी से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था। इसके बाद विराट कोहली ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा जिसकी एक मिसाल 2012 के एशिया कप में भी देखने को मिली।

भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ़ खेल रही थी जहाँ उसे 330 रनों का लक्ष्य मिला, लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट कोहली ने शानदार बल्लेबाज़ी की और एक ऐतिहासिक शतक ठोक कर भारत की जीत दिलाई।

विराट कोहली 48वें ओवर में 183 रन के निजी स्कोर पर आउट हुए जो कि आज तक भी एशिया कप के इतिहास का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है।

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