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Throat cancer: गले के कैंसर से पहले शरीर देता है ये संकेत, भूलकर भी न करें नजरअंदाज नहीं तो गंवानी पड़ेगी जान

Throat cancer

भारत में कैंसर बहुत ही ज्यादा फैला हुआ है। कैंसर की बीमारी भारत में सबसे ज्यादा पाई जा रही है। कैंसर शरीर के किसी भी अंग में हो जाता है। जैसे ब्रेन, ब्रेस्ट, थ्रोट का इंफेक्शन अपने इलाज के लिए दर-दर भटकते हैं। अगर उन्हें इलाज समय पर नहीं मिल पाता है।

बहुत से लोगों की जान नहीं बच पाती हैं, क्योंकि उन्हें बहुत बाद में पता चलता है कि उन्हें कैंसर हो गया है। वो लास्ट स्टेज में पहुंच गए होते हैं और उनकी जान चली जाती है। अगर आप गलत चीजों का सेवन करते हैं, तो वह शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

थ्रोट कैंसर

गले के कैंसर को थ्रोट कैंसर कहते हैं। गले का कैंसर भी अब आम बात हो गई है। हमें गलत चीजों का सेवन करना चाहिए तंबाकू पान गुटखा बीड़ी सिगरेट शराब को सेवन नहीं करना चाहिए।

इन सबके सेवन से इसका खतरा ज्यादा होता है। अगर आप भी कैंसर के शुरुआती लक्षण को पहचान जाते हैं, तो आप की जान बचा सकती है।

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 थ्रोट कैंसर के सिम्टम्स

अगर आपका वेट लगातार कम हो रहा है, साथी गले में लगातार दर्द होता है और आवाज में बदलाव आता है। मुंह से खून आता है, तो आप सतर्क रहें। अगर मुंह में बार-बार छाले पड़ते हैं और छाले ठीक नहीं होते हैं और आपको खाते टाइम या कुछ निकलते वक्त बहुत दिक्कत होती है, तो आप एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

अगर लंबे समय से कान में दर्द रहता है या कम सुनाई पड़ता तो भी आप आपको तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए, तो संपर्क करें और टेस्ट करवाइए समय रहते ही इस बीमारी को पकड़ा जा सके और जान बचाई जा सके।

अक्सर ऐसा होता है कि शुरुआत में पता नहीं चल पाता है, जिसके वजह से बहुत ज्यादा समस्या बढ़ जाती है। कई लोगों की जान भी चली जाती है।

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lungs disease

लंग्स यानी कि फेफड़ा हमारे बॉडी का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। हमारे शरीर को जो ऑक्सीजन मिलता है, उसको फेफड़ा फिल्टर करके हमारे ब्लड में पहुंचाने का काम करता है। ऐसे में इसका ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि फेफड़े खराब होने लगते हैं।

हमारे शरीर में दो फेफड़े होते हैं। एक दाएं और बाएं दोनों का शेप अलग-अलग होता है। फेफड़ों में अगर कोई प्रॉब्लम हो तो उसका सबसे बड़ा कारण धूम्रपान और तंबाकू होता है। यह हमारे बॉडी से कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने और ऑक्सीजन को अंदर लेने का काम करता है, जिससे कि पीएच बैलेंस होता है।

यह हानिकारक पदार्थों से बचाता है, लेकिन अगर फेफड़ा सही ढंग से काम नहीं कर पाता है या फिर कमजोर हो जाता है, तो बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर किसी के फेफड़े में किसी तरह की दिक्कत आती है, तो उसे फौरन डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

रिक्रेंट कफ एंड कोल्ड

अगर किसी को जुकाम खांसी बार-बार होता है, तो उसको अपने फेफड़े की जांच जरूर करनी चाहिए। क्योंकि किसी नॉर्मल इंसान को बार-बार जुकाम खांसी नहीं होता है। महीने में अगर पांच से छह बार खांसी जुकाम होता है, तो ध्यान देंने की जरुरत है।

 सांस लेने में तकलीफ

अगर सांस लेने में कोई तकलीफ है या फिर एक्सरसाइज करने बाद बाद सांस फूलने लगता है, तो भी जरूर टेस्ट कराएं और डॉक्टर से संपर्क करें।

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 चेस्ट पेन

अगर सीने में लगातार दर्द रहता है और खास सांस लेने में परेशानी होती है या फिर बहुत मुश्किल के साथ सांस ले पाते हैं तो यह भी एक संकेत आप अपने लंग्स की जांच करवाइए।

 क्रॉनिकल बलगम

बलगम यानी की कफ, अगर बार-बार बलगम की शिकायत हो रही है, तो फौरन डॉक्टर के पास जाइए और जांच करवाइए।

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“आजाद भारत का गुलाम रेलवे स्टेशन” आजादी के 75 साल बाद भी भारत के इस रेलवे स्टेशन पर है अंग्रेजो का कब्जा, देना पड़ता है करोड़ो का लगान

SHAKUNTALA RAILWAY STATION

हमें इतिहास के बारे में स्कूल में पढ़ाया जाता है और यह पढ़ाया जाता है कि अंग्रेजों ने भारत पर 200 सालों तक राज किया। उन्होंने भारतीयों के उपर बहुत अत्याचार किए। उन्होंने भारत की धरोहरों का अपना नाम दिया साथ ही कई ऐतिहासिक धरोहरें बनाई। जो आज भी भारत का गौरव है।

इन सब में से एक धरोहर ऐसा है, जो आज भी अंग्रेजो के पास है। इंडियन रेलवे जो आज एशिया का विश्व का सबसे चौथा बड़ा रेलवे नेटवर्क है। कहा जाता है कि अंग्रेज भारत में रेलवे लेकर आए।

अभी तक अंग्रेजो के कब्जे में है ये स्टेशन

1939 में देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद सार्वजनिक रेल सेवा बनी। यह रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। आज भी बहुत से ऐसे रेलवे स्टेशन हैं, जो तमाम रहस्य समेटे हुए हैं।

भारत का रेलवे अपने आप कई राज छुपा कर बैठा है। आजादी को 70 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी भी एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जो ब्रिटिश कंपनी के अंतर्गत आता है और इसकी देखरेख के लिए करोड़ों रुपए देता है।

एक रेलवे स्टेशन ऐसा है, जो अंग्रेजो के कब्जे में है। इस रेलवे स्टेशन का नाम शकुंतला है। यह रेलवे ट्रैक अमरावती से मुर्तजापुर तक है। इसकी लंबाई 190 किलोमीटर है। कपास अमरावती महाराष्ट्र उगाई जाती है, जिसमें कपास की धुलाई के लिए इसी ट्रैक का प्रयोग किया जाता है।

ब्रिटेन की क्लिक निक्सन एंड कंपनी ने सेंट्रल प्रोविंस रेलवे कंपनी की स्थापना की थी। और इसका निर्माण 1930 में शुरू हो चुका था। 1916 में बनकर तैयार हुआ।

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करोड़ों रुपए का लगता है लगान

बता दें कि ये रेलवे स्टेशन आज भी अंग्रेजों के कब्जे में हैं। खबरों की मानें तो 1 साल में एक करोड़ 20 लाख रुपए की रॉयल्टी मिलती है। इतनी बड़ी रॉयल्टी देने के बाद भी किसी का ध्यान इस तरफ नहीं है और पूरी तरह जर्जर हो चुका है, 2020 में पूरी तरह से बंद कर दिया गया।

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ज्ञान की बातें: खड़कपुर नहीं बल्कि ये है भारत का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म, चलते-चलते थक जाता है पांव, जानिए कितनी है लंबाई

INDIAN RAILWAYS

इंडियन रेलवे(Indian Railway) दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। इसमें बहुत सारी खूबियां हैं, जिसे जानकर हर भारतीय को गर्व होता है। यहां दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म है। इस प्लेटफार्म की लंबाई 1366 .4 मीटर यानी कि लगभग ड़ेढ  किलोमीटर है। यह इतना लंबा प्लेटफार्म है कि एक छोर से दूसरे छोर तक जाते-जाते पाव थक जाते हैं। लेकिन प्लेटफार्म खत्म नहीं होता है।

यह दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म

भारत तमाम विरासत और संस्कृति को संजोए हुए हैं। भारत में कई ऐसे ऐतिहासिक चीजें जिसके लिए देश-विदेश से लोग यहां घूमने आते हैं। दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म भी भारत में ही है। यह लंबा प्लेटफॉर्म कहीं और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में है। यह रेलवे स्टेशन नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे के तहत आता है।

इस प्लेटफार्म पर रीमॉडलिंग काम अक्टूबर 2013 में पूरा हुआ था। रीमॉडलिंग का काम पूरा होने के बाद यह लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। प्लेटफार्म नंबर 1 और 2 की लंबाई 1366.4  मीटर है। लगभग 1.30 किलोमीटर की लंबाई है। जो दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म है।

 टूटा खड़कपुर का रिकॉर्ड

इससे पहले खड़कपुर का प्लेटफार्म सबसे बड़ा माना जाता था। लेकिन पश्चिम बंगाल के खड़कपुर रेलवे स्टेशन की लंबाई 1072 .5 मीटर थी। उसके बाद गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 1 और 2 की लंबाई इससे ज्यादा हो गई, जिसकी वजह से गोरखपुर का प्लेटफॉर्म दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म बन गया है।

एक दिन में गुजरती हैं 170 ट्रेनें

खबरों की माने तो गोरखपुर जंक्शन के इस प्लेटफार्म नंबर 1 और 2 पर एक साथ दो ट्रेने खड़ी रह सकती हैं। यहां से 1 दिन में 170 ट्रेनें रोजाना गुजरती हैं।

इस प्लेटफार्म की लंबाई इतनी ज्यादा है कि 26 डिब्बों वाली दो ट्रेनों को एक साथ खड़ा किया जा सकता है। जब लोगों को पता चला कि गोरखपुर का प्लेटफार्म सबसे लंबा है तो हैरान रह जाते हैं।

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भारत के लिए अब कभी भी T20 नहीं खेल पाएंगे ये तीन खिलाड़ी, कभी एक की परछाई में खेला करते थे विराट-रोहित

VIRAT KOHLI & ROHIT SHARMA

भारत में इन दिनों क्रिकेट के T20 फॉर्मेट को खूब पसंद किया जा रहा है। हर खिलाड़ी इस फॉर्मेट में खेलने की इच्छा रखता है। इतना ही नहीं आईपीएल में बेहतरीन खेल दिखाने वाले खिलाड़ियों को भी क्रिकेट के इस फॉर्मेट में खेलने का मौका मिलता है। लेकिन इसी बीच कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने आईपीएल में तो अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें T20 फॉर्मेट में जगह नहीं मिली है, तो चलिए आज हम आपको इसी कड़ी में तीन ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं।

शिखर धवन

आईपीएल 2022 में शानदार प्रदर्शन करने वाले शिखर धवन की टीम इंडिया में वापसी काफी मुश्किल हो गई है। भले ही वह कुछ समय तक वनडे के नियमित खिलाड़ी बन गए हों, लेकिन टी20 में उनकी वापसी ना के बराबर दिखाई दे रही है।

शिखर धवन ने अपना आखिरी मुकाबला श्रीलंका के खिलाफ साल 2021 में खेला था। बता दें कि इस खिलाड़ी ने अभी तक 68 टी-20 मुकाबले खेलते हुए 6243 रन बनाए हैं

मनीष पांडे

टीम इंडिया के बेहतरीन बल्लेबाज मनीष पांडे भी लंबे समय से टीम इंडिया का हिस्सा नहीं है। हालांकि इस खिलाड़ी को सिलेक्टर्स लगातार लंबे समय से नजरअंदाज कर रहे हैं। ना तो ने वनडे में जगह मिल रही है और ना ही T20 टीम में अपनी जगह को पक्का कर पा रहे हैं।

मनीष ने साल 2015 में टी-20 में अपना डेब्यू कर आया था और साल 2020 के बाद से ही इस खिलाड़ी को टीम में जगह नहीं मिली है बता दें ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 709 रन बनाए हैं।

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विजय शंकर

इस  लिस्ट में तीसरा नाम शामिल है विजय शंकर का तमिलनाडु के ऑलराउंडर खिलाड़ी को T20 क्रिकेट में ज्यादा मुकाबले खेलने को तो नहीं मिले। लेकिन साल 2019 में डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने भारत के लिए अभी तक चार मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने 101 रन बनाए हैं। गौरतलब है कि सिर्फ 4 मैच खेलने वाले विजय शंकर ने पांच विकेट भी लिए हैं।

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ट्रेन में सफर करते समय गलती से भी साथ में न रखें यें चीजें, वरना जुर्माने के साथ जाना पड़ सकता है जेल

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अक्सर लोग ट्रेन का सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि ट्रेन सबसे आरामदायक सुविधाजनक है। ऐसे में इंडियन रेलवे समय समय पर ट्रैवलर्स के लिए समय-समय पर सुविधा की लिस्ट जारी करता है। ऐसे में एक बार फिर भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में यात्रा करने वालों के लिए एक लिस्ट जारी की है इस लिस्ट में बताया गया है कि अगर कोई सफर के दौरान कोई सामान ऐसा ले जाता है, जिससे कि वह नुकसानदेय हो तो उसको तगड़ा जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही साथ जेल की सजा भी काटनी पड़ सकती है।

दिवाली के बाद छठ पूजा पर लाखों लोग ट्रेन से सफर करने के लिए निकल पड़े थे। हमेशा ही त्योहारों के सीजन में ट्रेनों में बहुत भीड़ रहती है और उन्हें भारतीय रेल के ट्रेवल रूल की जानकारी तक नहीं होती। जिसकी वजह से कुछ ऐसा कर देते हैं कि उनको जुर्माना या जेल जाना पड़ता है।

इसी को देखते हुए भारतीय रेल ने एक लिस्ट जारी किया जिसमें यह बताया गया है कि आपको कौन से सामान अपने साथ नहीं ले जाने हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बताएंगे जिसमें यात्रा के दौरान आप परेशान होने से बच सकते हैं।

रेलवे ने जारी किया लिस्ट

इंडियन रेलवे ने हाल ही में यात्रियों की एक लिस्ट जारी की है जिसमें ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थ और पटाखे लेकर यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाया है। लिस्ट में लिखा गया है कि किसी भी यात्री को ट्रेनों में यह सारी चीजें ले जाना प्रतिबंधित है और कोई यात्री यात्रा के दौरान इन चीजों के साथ पकड़ा जाता है तो उसको जेल या जुर्माना भरना पड़ेगा।

रेलवे की जारी लिस्ट में यात्रा के दौरान गैस सिलेंडर, सिगरेट, स्टोव और पटाखे जैसे ज्वलनशील पदार्थ ट्रेनों में लेकर यात्रा करने पर प्रतिबंध है। यह एक दंडनीय अपराध है। इन सारी चीजों से आग लगने का खतरा होता है इसलिए ऐसा ना करें ।यह सारी बातें वेस्टर्न रेलवे ने ट्वीट कर बताया ।

नियम तोड़ने वालों को 3 साल तक की हो सकती है सजा

बता दें कि  इंडियन रेलवे ने चेतावनी देते हुए कहा कि ट्रेनों में अगर ज्वलनशील पदार्थ के साथ कोई पकड़ा जाता है तो उसे 3 साल की जेल हो सकती है या फिर उसे ₹1000 तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

रेलवे ने ने अपने लिस्ट में सारी बातों को रखा है बावजूद इसके अगर कोई इस नियम का पालन नहीं करता है तो उसके ऊपर रेलवे एक्ट 1989 की धारा 164 और 165 के तहत ज्वालनशील विस्फोटक वस्तु को लेकर यात्रा करने के लिए 1000 रुपए का जुर्माना या 3 साल तक का जेल हो सकता है या फिर दोनों ही हो सकता है।

ऐसे में आप भी सावधान रहें और कोई भी ऐसी गलती ना करें जिसकी वजह से आप को जेल की हवा खानी पड़े।

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कोरोना महामारी के बाद अब भारत में एक बार फिर मच सकता है कोहराम, बाबा वेंगा की भविष्यवाणी होगी सच!

कोरोना महामारी के बाद अब भारत में एक बार फिर मच सकता है कोहराम, बाबा वेंगा की भविष्यवाणी होगी सच!

पूरे विश्व में कभी न कभी कोई ना कोई आपदा आती रहती है। हाल ही में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस आई थी। अभी कोरोना वायरस का दर्द लोगों के दिलों से निकल भी नहीं पाया था कि बुल्गारिया के बाबा वेंगा की एक और भविष्यवाणी चर्चा में है। बाबा वेंगा ने एक ऐसी भविष्यवाणी की जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि साल 2022 में इंडिया में अकाल की स्थिति पैदा हो सकती है। आपको बता दें कि इससे पहले भी बाबा वेंगा ने कहा था कि वैश्विक महामारी आएगी और उनकी दो भविष्यवाणी अभी तक सच हो चुकी है। जिसकी वजह से लोग काफी डरे हुए हैं।

बाबा वेंगा ने भारत के लिए भूखमरी की दी चेतावनी

बता दें कि भारत के लिए डरावनी भविष्यवाणी बाबा वेंगा ने किया और बताया कि साल 2022 में दुनिया भर के तापमान में गिरावट आएगी। जिससे टिड्डियों का प्रकोप बढ़ेगा और यह टिड्डियां भारत पर हमला करेंगीं। जिसकी वजह से फसलों को नुकसान होगा और भारत में अकाल की स्थिति पैदा हो जाएगी।

यह स्थिति इतनी भयावह होगी कि भूखमरी के भी लोग शिकार हो जाएंगे। इसके पहले भी 2020 में राजस्थान और गुजरात और मध्यप्रदेश में टिड्डियों ने हमला किया था और फसलों को नष्ट कर दिया था।

बाबा वेंगा की दो भविष्यवाणी हुई सच

बता दें कि बाबा वेंगा ने इस साल 2022 के लिए भविष्यवाणियां की थी। इनमें से दो भविष्यवाणी सच हो चुकी हैं और अंदाजा लगाया जा रहा है कि उनकी चार और भविष्यवाणियां भी सच हो सकती हैं।

बाबा वेंगा ने की थी यह भविष्यवाणी

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में बाढ़ के खतरे को लेकर बाबा वेंगा ने भविष्यवाणी की थी कि ऑस्ट्रेलिया में भीषण बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति होगी। वहीं पाकिस्तान के लिए भी उन्होंने ऐसा ही कहा था और यह दोनों ही भविष्यवाणी सच हुई और पाकिस्तान में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से अब तक 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बाबा वेंगा ने कहा था कि कई देशों में पानी की कमी होगी। पुर्तगाल में पानी की कमी है इटली में सूखा पड़ गया है।

बाबा वेंगा की 4 भविष्यवाणियां और हो सकती हैं सच

बता दें कि बाबा बेंगा समय-समय पर भविष्यवाणियां करते रहते थे। उन्होंने छह भविष्यवाणी की थी जिसमें से दो सच हो चुकी हैं और 4 के सच होने का अनुमान जताया जा रहा है। जिसमें साइबेरिया में एक नया वायरस और इसके अलावा एलियन हमले, टिड्डियों के आक्रमण और वर्चुअल रियलिटी जैसी भविष्यवाणियां शामिल हैं। जो कि सच साबित हो सकती हैं।

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कौन है बाबा वेंगा

बता दें कि बाबा वेंगा एक फकीर थी और उनकी भविष्यवाणियां सच होती थी। वह अपने भविष्यवाणी की वजह से ही जानी जाती थे। उनका जन्म 1911 में बुल्गारिया में हुआ था। उन्होंने महज 12 साल की उम्र में अपनी दोनों आंखें गंवा दी थी और देख नहीं सकती थी। लेकिन उन्हें भगवान ने दिव्य दृष्टि दी थी। जिसकी वजह से उनकी आंखों की रोशनी चली गई।

खबरों की मानें तो बाबा वेंगा का परिवार बहुत गरीब था और एक बार बाबा बेंगा एक बवंडर में फंस गये थे। जहां उन्होंने अपनी दोनों आंखें खो दी थी। उनकी आंखें धूल में लिपटी हुई मिली थी। उनके पास इलाज के पैसे नहीं थे। बता दें कि बाबा वेंगा की मौत 1996 में हुई लेकिन मौत से पहले उन्होंने बहुत ही भविष्यवाणियां की थीं जो अब सच साबित हो रही हैं।

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पुंछ के गर्ल्स पहाड़ी छात्रावास में मनाया गया स्वतंत्रता दिवस समारोह, फहराया गया तिरंगा

स्वतंत्रता दिवस

भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर जहां देशभर में रंगारंग समारोह हुए, वहीं जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर भी राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई. इस संबंध में एक महत्वपूर्ण एवं रंगारंग कार्यक्रम पहाड़ी हॉस्टल गर्ल्स पुंछ के प्रांगण में आयोजित किया गया।

इस अवसर पर बालिका पहाड़ी छात्रावास की वार्डन सुश्री शहनाज बानो द्वारा ध्वजारोहण किया गया, वहीं इस अवसर पर क्षेत्र के शैक्षणिक एवं सामाजिक वर्ग के विभिन्न वर्गों के लोगों एवं छात्रावास के कर्मचारियों ने ध्वजारोहण समारोह मैं भाग लिया.

भारत सिर्फ एक देश नहीं बल्कि सैकड़ों हजारों वर्षों में फैली एक खूबसूरत सभ्यता और संस्कृति है – वॉर्डन, गर्ल्स पहाड़ी छात्रावास

स्वतंत्रता दिवस

गर्ल्स पहाड़ी छात्रावास पुंछ, की वॉर्डन शहनाज बानो ने इस कार्यक्रम के दौरान छात्रावास की छात्राओं के सामने बोलते हुए कहा कि

“भारत सिर्फ एक देश नहीं बल्कि सैकड़ों हजारों वर्षों में फैली एक खूबसूरत सभ्यता और संस्कृति है। अलग-अलग शासकों ने अलग-अलग समय पर शासन किया, लेकिन वर्षों तक अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम लड़ने के बाद, 1947 में हमें जो आजादी मिली, वह हमारे लोगों की सबसे बड़ी राष्ट्रीय संपत्ति है। हमें स्वतंत्रता के इस महान धन पर वास्तव में गर्व है।”

वार्डन ने आगे कहा कि

“इस देश की अखंडता और सफलता इस तथ्य में निहित है कि हम सभी, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म, राष्ट्रीयता, रंग या जाति की परवाह किए बिना, विकास और कल्याण के लिए दिन-रात काम करते हैं।”

उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन शहीदों को याद करें जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति दी, जिन्होंने अपने अनमोल जीवन का बलिदान देकर हमारे स्वतंत्रता के सपने को साकार किया और हमें एक स्वतंत्र देश में सांस लेने का मोक दिया।

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गर्ल्स पहाड़ी छात्रावास पुंछ की छात्राएं आजादी का अमृत महा उत्सव समारोह के हिस्से के रूप में “हर घर तिरंगा” अभियान के दौरान छात्रावास के आसपास के क्षेत्र में घर-घर गईं, जहां उन्होंने उपहार के रूप में तिरंगा झंडा भेंट किया। लोग और आस-पास के क्षेत्र। और गांव की जनता से अनुरोध किया कि वे अपने घरों की छतों पर इन झंडों को लगाकर देशभक्ति का परिचय दें और मिट्टी के प्रति अपना प्यार दिखाएं.

ध्वजारोहण समारोह के अवसर पर छात्रावास की छात्राओं ने रंगारंग संगीत का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जिसमें बच्चों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तैयार किए गए गीतों को गुनगुनाकर अपने देश के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. बच्चों और आमंत्रित अतिथियों के बीच मिठाई बांटी गई और देश की सुरक्षा के लिए विशेष प्रार्थना की गई।

सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली दो बच्चों की माँ बनी अफसर, SDM बन लहराया परचम, बदल डाली तकदीर

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चेहरे के चारों तरफ दुपट्टा बांधकर, हाथों में झाड़ू लेकर जोधपुर की सड़कों पर सफाई करती इस महिला पर शायद ही किसी की नजर पड़ी हो. लेकिन अब वही स्वीपर एसडीएम बनने जा रही है. किस्मत पलटना इसी को तो कहते हैं, अगर इंसान मन में हौसला रखें और अपनी मंजिल की तरफ बढ़ता रहे तो उसे कोई नहीं रोक सकता.

ऐसी ही है जोधपुर नगर निगम में सफाई कर्मचारी से एसडीएम बनी इस महिला की कहानी, जानिए कैसे इस लड़की ने अपने हौसले से कामयाबी की इबारत लिखी है.

नगर निगम में लगाती थी झाड़ू

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जोधपुर नगर निगम में झाड़ू लगाने वाली सफाईकर्मी आशा कण्डारा ने यह कर दिखाया है. वो नगर निगम में झाड़ू लगाने के साथ साथ खाली वक्त में किताबें लेकर बैठ जाती थी. सड़क किनारे ,सीढ़ियों पर जहां भी वक़्त मिलता था, पढ़ाई शुरू हो जाती थी. आज इन्हीं किताबों के जादू ने उनकी जिंदगी बदलकर रख दी है. राजस्थान प्रशासनिक सेवा में आर एस 2018 में आशा का चयन अब हो गया है. अब वो अनुसूचित वर्ग से SDM के पद पर काबिज होंगी.

बता दें कि आशा की ज़िंदगी इतनी आसान नहीं थी. आठ साल पहले ही पति से झगड़े के बाद दो बच्चों के पालनपोषण की ज़िम्मेदारी भी आशा पर ही आ गई थी. नगर निगम में झाड़ू लगाती थी. मगर सफ़ाई कर्मचारी के रूप में नियमित नियुक्ति नहीं मिल पा रही थी. इसके लिए इसने 2 सालों तक नगर निगम से लड़ाई लड़ीं लेकिन कुछ नहीं हुआ. पर कहते हैं न कि कभी कभी खुश‍ियां भी छप्पर फाड़कर मिल जाती हैं. इसी तरह 12 दिन पहले आशा के साथ भी हुआ.

खाली समय में करती थीं पढ़ाई

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जोधपुर नगर निगम की तरफ से उनकी  सफाई कर्मचारी के रूप में नियमित नियुक्त हुई थी और अब तो राज्य प्रशासनिक सेवा में भी चयन हो गया है. आशा ने aajtak.in से बताया कि दिन में वो स्कूटी लेकर झाड़ू लगाने आती थी और स्कूटी में हीं किताब लेकर आती थी. यही काम करते हुए उन्होंने पहले ग्रेजुएशन किया और फिर नगर निगम के अफ़सरों को देखकर अफ़सर बनने की भी ठान ली. इसी के बाद सिलेबस पता किया और तैयारी शुरू कर दी. उनके लिए कठ‍िन दिनचर्या के बीच ये मुश्क‍िल तो बहुत था, लेकिन उन्होंने हालातों के सामने कभी हार नहीं मानी और तैयारी में जुटी रहीं. आज उन्हें अपना वो मुकाम मिल गया है, जिसका कभी सिर्फ सपना ही देखा था.