आईपीएल में कल खेले गए मैच में कुछ चमत्कार सा हुआ. पहले गुजरात टाइटंस के कप्तान राशिद खान ने अपने आईपीएल की पहली हैट्रिक ली तो उसके बाद कोलकता के तरफ से रिंकू सिंह नाम का एक तूफान आया. रिंकू ने लगातार पांच छक्का लगाकर कोलकता नाइट राइडर्स को जीत दिला दी. रिंकू ने 21 गेंदो में 48 रन बनाए. रिंकू सिंह के इस पारी के बाद हर कोई उनके सफर के बारे में बात कर रहा है.
कैसा था रिंकू सिंह का कैरियर
रिंकू सिंह बताते हैं कि बचपन में जब वह क्रिकेट खेलने जाया करते थे तह उनके पिता डंडा लेकर बाहर खड़े रहते थे. रिंकू सिंह के पिता गैस वेंडर थे, जब रिंकू ने टूर्नामेंट खेलकर मोटरसाइकिल जीत ली तो पिता को विश्वास नही हुआ.
आर्थिक स्थिति खराब होने पर रिंकू सिंह को पोछा लगाने की जाॅब तक करनी पड़ी थी. रिंकू सिंह के मुताबिक मसूद अमिन जो उनके बचपन के कोच थे आज भी उनके कोच हैं.
रिंकू की कहानी उन्हीं की जुबानी
2018 के ऑक्शन में बिकने के बाद रिंकू ने इंडियन एक्सप्रेस के देवेंद्र पांडेय से कहा था,
‘सोचा था 20 लाख में जाऊंगा. लेकिन मुझे 80 मिल गए. पैसे मिलने के बाद सबसे पहले मेरे दिमाग में ये आया कि मैं अपने भाई की शादी में योगदान दे पाऊंगा. और बहन की शादी के लिए भी पैसे बचा पाऊंगा. और एक अच्छे से घर में शिफ्ट हो जाऊंगा.’
जिंदगी में बहुत स्ट्रगल किया: रिंकू सिंह
रिंकू सिंह ने आगे कहा कि,
‘पापा और भैया महीने के 6-7 हजार ही कमा पाते थे. मेरा परिवार थोड़ा बड़ा है, इसलिए मेरे पास क्रिकेट पर फोकस करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था. जिंदगी में बहुत स्ट्रगल किया है. वो मुझे जहां ले गए, वहां मुझसे साफ-सफाई और पोछा मारने का काम कराया गया. मैं घर लौटा तो अपनी मां से बोला कि मैं वहां दोबारा नहीं जाऊंगा. मुझे क्रिकेट में अपना भाग्य आजमाने दीजिए.’
रिंकू सिंह ने क्रिकेट में भाग्य आजमा कर कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे आज हर खिलाड़ी उससे सीख सकता है. रिंकू सिंह के अंदर भविष्य के सुपरस्टार बनने के सभी गुण मौजूद हैं.
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