थोड़े दिन पहले ही लता मंगेशकर ने हम सबके साथ-साथ दुनिया को भी अलविदा कह दिया है. कोयल की मधुर आवाज शायद ही अब हम सबको सुनने को मिलेगी. सुरीली आवाज में उन्होंने हजारों गाने गाए. उनके अनगिनत यादें अनगिनत किस्से कहानियां हम सबके लिए छोड़ गए हैं. 92 वर्ष की उम्र में गायन के प्रति उनका यह समर्पण ही बताता है कि जितना चाहने वाले उनके जाने से दुखी हैं उससे कई ज्यादा खुद लता जी इस दुनिया को छोड़ते हुए दुखी हुई होंगी. लता जी की आधी से ज्यादा जिंदगी संगीत के साथ गुजरी थी. उन्होंने 36 भारतीय भाषाओं में 30,000 से ज्यादा गाने गाए होंगे.
सादगी से जीती थी जीवन लता मंगेशकर
आज भले ही लता मंगेशकर हम सबके बीच नहीं हैं लेकिन उनकी मीठी यादें हम सबको उनकी हमेशा याद दिलाती रहेगी. 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में लता मंगेशकर का जन्म हुआ था. लता जी बहुत ही साधारण जीवन जीना पसंद करती… स्वर कोकिला ने अपने करियर में अनगिनत गाने गाए. उनके गाने के लाखों की संख्या में फैन हैं।
लता मंगेशकर से एक बार इंटरव्यू में पूछा गया कि वो हमेशा सफेद साड़ी ही क्यों पहनती हैं, इस पर लता जी ने कहा था कि
“मुझे बचपन से ही सफेद रंग काफी भाता था। वह जब घाघरा-चोली पहनती थीं, तो वो भी इसी कलर का हुआ करता था। हालांकि, बीच में ऐसा समय आया, जब उन्होंने पीले, गुलाबी जैसे हर रंग की साड़ियां पहनना शुरू कर दी थीं।”
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बदतमीजी से बात करने वाले डायरेक्टर के साथ काम न करने की खाई थी कसम
एक बार एक डायरेक्टर ने लता जी के कपड़ों को लेकर कमेंट किया कि तुम क्या यह सफेद चादर ओढ़ कर चली जाती हो तुम्हारे पास इसके अलावा कोई अलग तरह की साड़ी नहीं है. इसके बाद लता जी को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने वहीं ठान लिया कि अब मैं इस डायरेक्टर के साथ कभी काम नहीं करूंगी.
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