क्रिकेट में अपना नाम कमाना एक बात है और उस नाम को सालो साल बरकरार करना अलग। शायद इसलिए कुछ खिलाड़ी क्रिकेट के इतिहास में ऐसे रहे जिनको सम्मान देने के लिए उनके नाम के आगे ‘सर’ जोड़ा गया। पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार मजाक में ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को ‘सर’ क्या कहा, ये उपाधि उनके नाम के आगे ही जुड़ गई। इसके बाद जडेजा को सब ‘सर’ जडेजा कहकर बुलाने लगे।
हालांकि, ये असली सर नहीं हैं जैसा आप सोच रहे हैं। असल में क्रिकेट की दुनिया में ‘सर’ शब्द सम्मान के तौर पर दिग्गज क्रिकेटर्स को दिया जाता है। कुछ ऐसे क्रिकेटर्स रहे हैं जिन्हें क्रिकेट में लाइफ टाइम सर्विस के लिए ये सम्मान दिया गया है। आज बात करेंगे उन 7 महान खिलाड़ियों की जिन्हे इस उपाधि से समानित किया गया था।
सर लियोनार्ड हटन
इंग्लैंड के सर लियोनार्ड हटन क्रिकेट इतिहास में यह उपाधि पाने वाले सबसे पहले क्रिकेटर हैं। क्रिकेट में लाइफ टाइम सर्विस के लिए 1926 में उन्हें इस उपाधि से नवाजा गया था। लियोनार्ड हटन ने इंग्लैंड के लिए 79 टेस्ट मैच खेले थे और अपने टेस्ट करियर के दौरान उनका औसत 56.67 का रहा। उन्होंने टेस्ट मैचों में 6971 रन बनाए, जिसमे उनके नाम 19 शतक और 33 अर्द्धशतक भी थे।
सर जैक हॉब्स
इंग्लैंड के तूफानी बैट्समैन रहे सर जैक हॉब्स ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ऐसी बैटिंग की, कि अब के दौर में उनके करीब भी पहुंचना नामुमकिन है। उनके इसी परफॉर्मेंस की वजह से उन्हें 1953 में सर की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
हॉब्स ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 61760 रन बनाए थे, जिसमें 199 सेन्चुरी और 273 फिफ्टी शामिल रहीं। वहीं इंग्लैंड के लिए बात करें तो जैक हॉब्स ने 61 टेस्ट मैच में 57 की औसत से 5410 रन जोड़े और उनकी 102 पारियों में उन्होंने 15 शतक और 28 अर्धशतक भी ठोके।
सर डॉन ब्रैडमैन
उस दौर के दिग्गज क्रिकेटर डोनाल्ड ब्रैडमैन जिन्हें डॉन ब्रैडमैन भी कहा जाता है, 1948 में रिटायर हुए थे। रिटायरमैंड के वक्त तक टेस्ट क्रिकेट में उनका 99.94 का अद्भुत एवरेज था। क्रिकेट में ऐतिहासिक पारियों के लिए उन्हें ‘सर’ की उपाधि से नवाजा गया।
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सर की उपाधि से नवाजे जाने वाले वे पहले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर बने। डॉन ब्रैडमैन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 52 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमे उन्होंने 6996 रन जोड़े थे। साथ ही साथ उन्होंने 29 शतक और 13 अर्द्धशतक भी अपने नाम किए।
सर गैरी सॉबर्स
क्रिकेट इतिहास में दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर माने जाने वाले वेस्ट इंडीज के सर गैरी सॉबर्स को 1975 में क्वीन एलीजाबेथ-2 ने यह सम्मान दिया था। सॉबर्स ने टेस्ट में 235 और फर्स्ट क्लास में 1043 विकेट लेने के साथ-साथ क्रमश: 8032 और 28314 रन बनाए थे।
इतना ही नहीं वे फर्स्ट क्लास क्रिकेट के एक ओवर में छह छक्के मारने वाले पहले क्रिकेटर भी हैं। उनके द्वारा खेले गए 93 टेस्ट मैचों में उनका औसत 57 से अधिक का रहा और इस दौरान उन्होंने 26 शतक और 30 अर्धशतक भी लगाए।
सर विवियन रिचर्ड्स
वेस्ट इंडीज के दिग्गज प्लेयर रहे सर विवियन रिचर्ड्स को एंटीगुआ सरकार ने 1999 में ‘सर’ की उपाधि दी थी। उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 121 टेस्ट और 187 एकदिवसीय खेले जिसमे रिचर्ड्स ने टेस्ट में 8540, वनडे में 6721, फर्स्ट क्लास में 36212 और लिस्ट-ए में 16995 रन बनाए हैं। सिर्फ यही नही, टेस्ट में उनके नाम 24 शतक और 45 भी है, जबकि एकदिवसीय फॉर्मेट में उन्होंने 11 शतक और 45 अर्द्धशतक ठोके हैं।
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सर इयान बॉथम
इंग्लैंड के महान क्रिकेटर सर इयान बॉथम को 2007 में इंग्लैंड की क्वीन ने ये उपाधि दी थी। उन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए 102 टेस्ट मैच और 116 वनडे खेले थे जिसमे ऑलराउंडर बॉथम ने टेस्ट क्रिकेट में 383 विकेट, वनडे में 145 और फर्स्ट क्लास में 1172 विकेट लेने के साथ तीनों फॉर्मेट में क्रमश: 5200 रन, 2113 रन और 19399 रन बनाए हैं।
सर इयान बॉथम को 80 और 90 के दशक में भारत के महान ऑल राउंडर कपिल देव और पाकिस्तान के ऑलराउंडर इमरान खान के साथ कंपेयर किया जाता था।
सर कर्टली एम्ब्रोज
टेस्ट में 405, वनडे में 225, फर्स्ट क्लास में 941 और लिस्ट-ए में 401 विकेट लेने वाले वेस्ट इंडीज के खतरनाक बॉलर सर कर्टली एम्ब्रोज को एंटीगुआ सरकार ने 2014 में यह सम्मान दिया था। सर कर्टली एम्ब्रोस वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के लिए 98 टेस्ट और 176 वनडे मैच खेले थे। टेस्ट मैचों में उनका औसत 21 का रहा और एकदिवसीय फॉर्मेट में उनका औसत 24.12 का रहा था।
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