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पाकिस्तान के सामने आते ही रन मशीन बन जाते हैं विराट कोहली, अब इस मामले में विराट कोहली से निकले आगे

VIRAT KOHLI AND SIR DON BRADMAN

भारत-पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबले में विराट कोहली (Virat Kohli) ने अपनी आतिशी पारी के दम पर टीम इंडिया को यह महा मुकाबला जताया जिन्होंने पूरे देशवासियों को दिवाली का बहुत बड़ा तोहफा दिया. अगर आंकड़े देखें तो विराट कोहली (Virat Kohli) का बल्ला पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा आग उगलता है, लेकिन इस बार उन्होंने जो कमाल दिखाया.

उसके आगे बड़े-बड़े दिग्गज खिलाड़ी भी हैरान रह गए. अपनी कमाल पारी के दम पर विराट कोहली ने अकेले पाकिस्तान के मुंह से यह मैच छीन ली.

पाकिस्तान के आगे रन मशीन बने कोहली

भारत-पाकिस्तान मुकाबले में रोहित शर्मा और केएल राहुल के आउट होने के बाद टीम इंडिया को जोरदार झटका लगा, जिसके बाद सूर्यकुमार भी अपना विकेट गंवा बैठे और टीम इंडिया के फैंस के चेहरों पर मायूसी छा गई थी, लेकिन विराट कोहली (Virat Kohli) जब तक क्रीज पर मौजूद थे तब तक ऐसा लग रहा था कि बाजी भारत के हाथ में है और ऐसा ही हुआ.

आखिरी ओवर तक विराट कोहली पाकिस्तान के आगे रन मशीन बने रहे, जिन्होंने इस मुकाबले में 82 रन की नाबाद पारी खेलकर एक बार फिर इस बात को साबित कर दिया कि आखिर उन्हें किंग कोहली क्यों कहा जाता है.

कोहली को आउट करना नहीं है आसान

विराट कोहली (Virat Kohli) को खुद भी यह बात पता होगा कि पाकिस्तान के खिलाफ उनकी यह बात की अब तक की सबसे शानदार पारी रही. साल 2016 के वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोहली ने 82 रनों की नाबाद खेली थी, जो अभी तक विराट कोहली की सर्वश्रेष्ठ पारी मानी जाती थी, जहां इसके बाद वर्ल्ड कप मे कोहली का औसत 300 के पार पहुंच गया है.

सबसे शानदार बात यह है कि विराट कोहली (Virat Kohli) अभी तक टी-20 वर्ल्ड कप में कुल 5 मुकाबले खेले हैं, जिसमें पाकिस्तान उन्हें केवल एक ही बार आउट कर पाई है.

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ब्रैडमैन को छोड़ा पीछे

साल 2012 में विराट कोहली (Virat Kohli) ने सबसे पहले टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था जिसमें उन्होंने 78 रनों की नाबाद पारी खेली. उसके बाद उनकी शानदार बल्लेबाजी का सिलसिला जारी रहा. पाकिस्तान के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप में अगर पांच मैचों में देखा जाए तो विराट कोहली (Virat Kohli) ने कुल 308 रन बनाए हैं.

इस टीम के खिलाफ विराट कोहली का स्ट्राइक रेट भी 131.5 का है, जहां अब पाकिस्तान के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए विराट कोहली के औसत ने ब्रैडमैन को भी पीछे छोड़ दिया है.

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थम नहीं रहा सरफराज खान का बल्ला! शतकों की झड़ी लगा कर निकले सर डॉन ब्रैडमैन से आगे, भारत को मिला अपना ब्रेडमैन

थम नहीं रहा सरफराज खान का बल्ला! शतकों की झड़ी लगा कर निकले सर डॉन ब्रैडमैन से आगे, भारत को मिला अपना ब्रेडमैन

सरफराज खान (Sarfaraz Khan) का शानदार फॉर्म बीते कुछो महीनो से लगातार जारी है। रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के बाद अब शुरु हुई ईरानी कप 2022 (Irani Cup) में सौराष्ट्र (Saurashtra) का मुकाबला रेस्ट ऑफ इंडिया (Rest of India cricket team) से राजकोट में खेला जा रहा है। जिसमें रेस्ट ऑफ़ इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहे सरफराज़ खान ने मैच के दूसरे दिन 178 गेंदों पर शानदार 138 रन बनाए।

अपनी इस शानदार पारी में सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने 20 चौके और 2 छक्के जड़े। इस शतक के साथ ही उनके फर्स्ट क्लास में 29 मैच की 43 पारियों में 2928 रन हो गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक खास रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। सरफराज ने डॉन ब्रैडमैन (Don Bradman) को पछाड़ दिया है।

सरफराज खान निकले डॉन ब्रैडमैन से आगे

दरअसल सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने 29 प्रथम फर्स्ट क्लास की 43 पारियों में 2928 रन बनाए हैं। वहीं डॉन ब्रैडमैन (Don Bradman) ने फर्स्ट क्लास में 22 मैचों की 43 पारियों में 83.63 की औसत से 2927 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने 12 शतक और 9 अर्धशतक भी लगाए थे और वह 8 बार नॉट आउट भी रहे थे।

वहीं सरफराज की बात की जाए तो उन्होंने 43 पारियों में 10 सेंचुरी और 8 हाफ सेंचुरी लगाई है। इसके अलावा वह 7 बार नॉट आउट भी रहे हैं। अपनी 44वीं पारी में ब्रैडमैन ने नाबाद 452 रन जड़ दिए थे।

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विजय सिंह मर्चेंट को भी पछाड़ा

घरेलू क्रिकेट में अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी से कोहराम मचाने वाले 24 वर्षीय सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने सिर्फ डॉन ब्रैडमैन (Don Bradman) को ही नहीं बल्कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर विजय सिंह मर्चेंट को भी पीछे छोड़ा है। विजय सिंह ने अपने फर्स्ट क्लास करियर में कुल 150 मैच खेले थे, जिसकी 234 पारियों में उन्होंने 71.64 के औसत से बल्लेबाज़ी करते हुए 13470 रन जड़े थे। जिसमें 45 शतक और 52 अर्धशतक भी शामिल थे।

डॉन ब्रैडमैन के बाद फर्स्ट क्लास क्रिकेट में विजय सिंह मर्चेंट की ही सबसे अच्छी औसत थी, लेकिन सरफराज़ खान (Sarfaraz Khan) अब 81.33 के औसत के साथ दूसरे स्थान पर आ गए हैं। सरफराज खान लगातार रेड बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके भारतीय टीम के दरवाज़े पर दस्तक दे रहे हैं। अगर वह इसी अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करते रहे तो हम उन्हें बहुत जल्दी भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट भी खेलते हुए देख सकते हैं।

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टेस्ट क्रिकेट में अब तक ये 4 महान खिलाड़ी दो बार लगा चुके हैं तिहरे शतक, लिस्ट में भारतीय खिलाड़ी का नाम भी शामिल

टेस्ट क्रिकेट में अब तक ये 4 महान खिलाड़ी दो बार लगा चुके हैं तिहरे शतक, लिस्ट में भारतीय खिलाड़ी का नाम भी शामिल

क्रिकेट का सबसे पुराना और सम्मानिट प्रारूप टेस्ट क्रिकेट है. टेस्ट क्रिकेट में खेलने वाले खिलाड़ी को अपने धैर्य की परीक्षा देनी पड़ती है. किसी भी खिलाड़ी को अपनी टीम के लिए क्रीज़ पर लंबे समय तक टिक कर एक लंबी पारी खेलनी होती है. टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक रूप से मज़बूत होना चाहिए. हम आपको ऐसे चार दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तिहरे शतक लगाने का कारनामा किया है.

1. डॉन ब्रैडमैन

Donald Bradman

पूर्व दिग्गज ऑस्ट्रेलिआई क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन(DON BRADMAN) ऑस्ट्रेलिया के लिए क्रिकेट में कई कारनामें किए हैं. उनके इन कारनामों में दो तिहरे शतक शामिल हैं उन्होंने अपने करियर में खेलते हुए टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिरहे शतक लगाए हैं.

2. ब्रायन लारा

Brian Lara

वेस्टइंडीज के पूर्व महान क्रिकेटर ब्रायन लारा (BRIAN LARA) को कौन नहीं जानता. उनके जैसा क्रिकेट जगत को जल्दी नहीं मिलता है. ब्रायन लारा ने नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है.

उन्होंने अपने करियर में इंग्लैंड के खिलाफ 400 रनों की पारी खेलकर रिकॉर्ड कामय किया है. इतना ही नहीं एक बार और उन्होंने अपने करियर में 375 रनों की पारी खेली है.

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3. क्रिस गेल

Chris Gayle

वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज़ क्रिस गेल(CHRIS GAYLE) अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं. क्रिस गेल ने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक लगाया है. एक बार उन्होंने साउथ अफ्रीका और दूसरी बार श्रीलंका के खिलाफ तिहरा शतक लगाया था.

4. वीरेंद्र सहवाग

Virendra Sehwag

वीरेंद्र सहवाग(VIRENDRA SEHWAG) इंडिया टीम के दिग्गज ओपनर्स में से एक थे. उन्होंने इंडिया क्रिकेट को एक अलग ही पहचान दिलाई है. सहवाग एक ऐसे भारतीय क्रिकेटर थे, जो क्रिकेट के तीनो प्रारूपों में एक जैसा ही खेला करते थे.

वीरेंद्र सहवाग अपनी आक्रमक बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते थे. वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक लगया है. पहला तिहरा शतक उनके बल्ले से साल 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ आया था और दूसरा साउथ अफ्रीका के खिलाफ आया था.

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5 क्रिकेटर जो सर Don Bradman से भी थे बेहतर, ये है लिस्ट

bradman

क्रिकेट जगत के इतिहास में सबसे महान खिलाड़ी रहे हैं सर Don Bradman। वैसे तो सर Don Bradman से किसी भी बल्लेबाज की तुलना करने से पहले कोई भी बहुत बार सोचेगा, लेकिन कुछ ऐसे बल्लेबाज भी पैदा हुए जिन्हें अपने समय में ब्रैडमैन से भी बेहतर बल्लेबाज माना जाता था।

Don Bradman ने अपने 20 साल के शानदार क्रिकेट करियर में मैदान पर ऐसे-ऐसे कारनामे किए हैं, जिनकी कल्पना भी मुश्किल है। हालांकि, उनके बाद क्रिकेट की दुनिया में कई ऐसे क्रिकेटर्स आए हैं, जिन्हें उन्हीं की तरह महान बल्लेबाजों की श्रेणी में रखा जाता है। आज ऐसे ही दिग्गज खिलाड़ियों की बात करेंगे, जिनके मैदान पर आते ही दर्शकों की नजरें सिर्फ उन्हीं पर टिक जाती थीं। 

विक्टर ट्रंपर

victor trumper

क्रिकेट के सुनहरे इतिहास में ऑस्ट्रेलिया के विक्टर ट्रंपर को सबसे स्टाइलिश और दिग्गज बल्लेबाजों में गिना जाता था। जिन पिचों पर दुनिया के तमाम बल्लेबाज मैदान छोड़कर भाग जाया करते थे, वहां ट्रंपर गेंदबाजों की धुलाई करने के लिए मशहूर थे। आपको बता दें कि ट्रंपर टेस्ट क्रिकेट में 8 शतक जड़ने वाले पहले बल्लेबाज थे। उनके बेमिसाल प्रदर्शन के लिए उन्हें साल 1903 में ‘विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ का खिताब दिया गया था।

ट्रंपर ने अपने करियर में 49 टेस्ट मुकाबलों में 39.04 की औसत से 3,163 रन अपने नाम किए थे। भले ही विक्टर ट्रंपर की औसत ब्रैडमैन से कम है लेकिन असलियत में इस खिलाड़ी को ऑस्ट्रेलिया में आज भी Don Bradman से ज्यादा महान बल्लेबाज माना जाता है। 

जॉर्ज हेडली

george headley

वेस्टइंडीज के जॉर्ज हेडली को ‘ब्लैक ब्रैडमैन’ कहा जाता था, लेकिन वेस्टइंडीज वाले इसके उल्टा, Don Bradman को ‘वाइट हेडली’ कहते थे। पनामा में जन्म लेने वाले हेडली एक स्पेनिश बोलने वाले परिवार से आते थे। उनके माता पिता उन्हें डेंटिस्ट बनाना चाहते थे और इसी कारण उन्हें अंग्रेजी सीखने जमैका भेज दिया गया, जहाँ उन्होंने क्रिकेट में हाथ आजमाना शुरू किया।

जॉर्ज हेडली ने 22 टैस्ट में 60.83 की औसत से 2190 रन और 10 शतक भी लगाए। अगर उन्हें अपने समय में ज्यादा मौका मिले होते तो उन्हें ब्रैडमैन के बराबर ही प्रसिद्धि मिलती। हालाँकि रिकॉर्ड इस बात को सही नहीं ठहराते लेकिन जिन्होंने उन्हें खेलते देखा वो उन्हें Don Bradman से बेहतर बल्लेबाज मानते थे।

ग्रीम पोलक

G Pollock

दक्षिण अफ्रीका में पैदा हुए एक महान क्रिकेटर ग्रीम पोलक सबसे लाजवाब क्रिकेटरों से भी बढ़कर थे। उनकी बराबरी यदि Don Bradman से की जाए तो गलत नहीं होगा। ग्रीम पोलक बाएं हाथ के एक शानदार बल्लेबाज थे और वह लेग ब्रेक गेंदबाजी करने में भी माहिर थे। उन्होंने खेले गए 23 टेस्ट मैच में 60.97 के बेमिसाल औसत के साथ 2256 रन बनाए थे।

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ग्रीम पॉलक ने इसमें 7 शतक और 11 अर्धशतक भी लगाए थे। उन्हें अपने दौर में दक्षिण अफ्रीका का बेस्ट क्रिकेटर चुना गया था। पोलक ने सिर्फ 16 साल की उम्र में पहला फर्स्ट क्लास शतक जड़ दिया था और 19 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में शतक लगा दिया था। 

जैक हॉब्स

jack hobbs

सबसे महान सलामी बल्लेबाजों में से एक सर जैक हॉब्स के रिकॉर्ड बहुत ही अद्भुत हैं। उन्होंने 834 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिसमें 50.70 की औसत से 61,760 रन बनाए। फर्स्ट क्लास में उन्होंने 199 शतक और 273 अर्धशतक ठोके। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 56.94 की औसत से 5410 रन बनाए। उन्होंने इसमें 15 शतक जड़े। मुश्किल पिचों पर उनके ये रन आये थे और इसीलिए उन्हें Don Bradman से बेहतर बल्लेबाज माना जाता था। 

हर्बर्ट सटक्लिफ

Herbert-Sutcliffe

इंग्लैंड के दाएं हाथ के गज़ब बल्लेबाज हर्बर्ट सटक्लिफ की तुलना Don Bradman से की जाती थी। उन्होंने 754 फर्स्ट क्लास मैचों में 151 शतक जड़े थे, जिसमें उन्होंने 50,670 रन ठोके। इसके अलावा इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्होंने 54 टेस्ट मुकाबलों में 4,555 रन अपने नाम किए थे। इस दौरान सटक्लिफ ने 16 शतक और 23 अर्धशतक भी जड़े थे, जो उन्होंने 60.73 की औसत से बनाए।

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रविन्द्र जडेजा नहीं इन 7 खिलाड़ियों को अधिकारिक तौर पर मिली है ‘सर’ की डिग्री

sir ravindra jadeja

क्रिकेट में अपना नाम कमाना एक बात है और उस नाम को सालो साल बरकरार करना अलग। शायद इसलिए कुछ खिलाड़ी क्रिकेट के इतिहास में ऐसे रहे जिनको सम्मान देने के लिए उनके नाम के आगे ‘सर’ जोड़ा गया। पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार मजाक में ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को ‘सर’ क्या कहा, ये उपाधि उनके नाम के आगे ही जुड़ गई। इसके बाद जडेजा को सब ‘सर’ जडेजा कहकर बुलाने लगे। 

हालांकि, ये असली सर नहीं हैं जैसा आप सोच रहे हैं। असल में क्रिकेट की दुनिया में ‘सर’ शब्द सम्मान के तौर पर दिग्गज क्रिकेटर्स को दिया जाता है। कुछ ऐसे क्रिकेटर्स रहे हैं जिन्हें क्रिकेट में लाइफ टाइम सर्विस के लिए ये सम्मान दिया गया है। आज बात करेंगे उन 7 महान खिलाड़ियों की जिन्हे इस उपाधि से समानित किया गया था। 

सर लियोनार्ड हटन

leonard

इंग्लैंड के सर लियोनार्ड हटन क्रिकेट इतिहास में यह उपाधि पाने वाले सबसे पहले क्रिकेटर हैं। क्रिकेट में लाइफ टाइम सर्विस के लिए 1926 में उन्हें इस उपाधि से नवाजा गया था। लियोनार्ड हटन ने इंग्लैंड के लिए 79 टेस्ट मैच खेले थे और अपने टेस्ट करियर के दौरान उनका औसत 56.67 का रहा। उन्होंने टेस्ट मैचों में 6971 रन बनाए, जिसमे उनके नाम 19 शतक और 33 अर्द्धशतक भी थे। 

सर जैक हॉब्स

jack hobbs

इंग्लैंड के तूफानी बैट्समैन रहे सर जैक हॉब्स ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ऐसी बैटिंग की, कि अब के दौर में उनके करीब भी पहुंचना नामुमकिन है। उनके इसी परफॉर्मेंस की वजह से उन्हें 1953 में सर की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

हॉब्स ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 61760 रन बनाए थे, जिसमें 199 सेन्चुरी और 273 फिफ्टी शामिल रहीं। वहीं इंग्लैंड के लिए बात करें तो जैक हॉब्स ने 61 टेस्ट मैच में 57 की औसत से 5410 रन जोड़े और उनकी 102 पारियों में उन्होंने 15 शतक और 28 अर्धशतक भी ठोके।

सर डॉन ब्रैडमैन 

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उस दौर के दिग्गज क्रिकेटर डोनाल्ड ब्रैडमैन जिन्हें डॉन ब्रैडमैन भी कहा जाता है, 1948 में रिटायर हुए थे। रिटायरमैंड के वक्त तक टेस्ट क्रिकेट में उनका 99.94 का अद्भुत एवरेज था। क्रिकेट में ऐतिहासिक पारियों के लिए उन्हें ‘सर’ की उपाधि से नवाजा गया।

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सर की उपाधि से नवाजे जाने वाले वे पहले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर बने। डॉन ब्रैडमैन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 52 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमे उन्होंने 6996 रन जोड़े थे। साथ ही साथ उन्होंने 29 शतक और 13 अर्द्धशतक भी अपने नाम किए। 

सर गैरी सॉबर्स

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क्रिकेट इतिहास में दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर माने जाने वाले वेस्ट इंडीज के सर गैरी सॉबर्स को 1975 में क्वीन एलीजाबेथ-2 ने यह सम्मान दिया था। सॉबर्स ने टेस्ट में 235 और फर्स्ट क्लास में 1043 विकेट लेने के साथ-साथ क्रमश: 8032 और 28314 रन बनाए थे।

इतना ही नहीं वे फर्स्ट क्लास क्रिकेट के एक ओवर में छह छक्के मारने वाले पहले क्रिकेटर भी हैं। उनके द्वारा खेले गए 93 टेस्ट मैचों में उनका औसत 57 से अधिक का रहा और इस दौरान उन्होंने 26 शतक और 30 अर्धशतक भी लगाए। 

सर विवियन रिचर्ड्स

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वेस्ट इंडीज के दिग्गज प्लेयर रहे सर विवियन रिचर्ड्स को एंटीगुआ सरकार ने 1999 में ‘सर’ की उपाधि दी थी। उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 121 टेस्ट और 187 एकदिवसीय खेले जिसमे रिचर्ड्स ने टेस्ट में 8540, वनडे में 6721, फर्स्ट क्लास में 36212 और लिस्ट-ए में 16995 रन बनाए हैं। सिर्फ यही नही, टेस्ट में उनके नाम 24 शतक और 45 भी है, जबकि एकदिवसीय फॉर्मेट में उन्होंने 11 शतक और 45 अर्द्धशतक ठोके हैं। 

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सर इयान बॉथम

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इंग्लैंड के महान क्रिकेटर सर इयान बॉथम को 2007 में इंग्लैंड की क्वीन ने ये उपाधि दी थी। उन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए 102 टेस्ट मैच और 116 वनडे खेले थे जिसमे ऑलराउंडर बॉथम ने टेस्ट क्रिकेट में 383 विकेट, वनडे में 145 और फर्स्ट क्लास में 1172 विकेट लेने के साथ तीनों फॉर्मेट में क्रमश: 5200 रन, 2113 रन और 19399 रन बनाए हैं।

सर इयान बॉथम को 80 और 90 के दशक में भारत के महान ऑल राउंडर कपिल देव और पाकिस्तान के ऑलराउंडर इमरान खान के साथ कंपेयर किया जाता था। 

सर कर्टली एम्ब्रोज

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टेस्ट में 405, वनडे में 225, फर्स्ट क्लास में 941 और लिस्ट-ए में 401 विकेट लेने वाले वेस्ट इंडीज के खतरनाक बॉलर सर कर्टली एम्ब्रोज को एंटीगुआ सरकार ने 2014 में यह सम्मान दिया था। सर कर्टली एम्ब्रोस वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के लिए 98 टेस्ट और 176 वनडे मैच खेले थे। टेस्ट मैचों में उनका औसत 21 का रहा और एकदिवसीय फॉर्मेट में उनका औसत 24.12 का रहा था।

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