भारतीय क्रिकेट टीम में रोहित शर्मा के बाद कप्तानी का विकल्प कौन होगा? टीम में मिलते युवा खिलाड़ियों को मौके के बाद फैंस के मन में कई सवाल है। कप्तान बनने के विकल्प में ऋषभ पंत का नाम भी हैं। ऋषभ पंत इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान है। इसी के साथ ही ऋषभ पंत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केएल राहुल के इंजर्ड होने के बाद टीम की कप्तानी सौंपी गई हैं। लेकिन कुछ ऐसी बातें और रिकार्ड हैं जिन्हें देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ऋषभ पंत के कप्तान बनने में ये रोड़ा बन सकती है।
1 – टॉस कप्तान के हक में नहीं गिरता
मैच में टॉस काफी बड़ी भूमिका निभाता है। बड़े मैच और कई पिच पर टॉस का काफी महत्व होता हैं। लेकिन इस मामले में देखा गया है कि ऋषभ पंत के हिस्से ने टॉस काफी कम गिरते है। दिल्ली की तरफ से कप्तानी में और साथ ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अभी तक खेले गए मैच में ऋषभ पंत के हक में एक भी टॉस नहीं रहा हैं। टॉस टीम के पक्ष में होना ना होना संयोग को बात मात्र है। लेकिन ऋषभ पंत के हक में ये परिस्थिति काफी कम होती है।
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2 – कप्तान बनने के बाद आई स्ट्राइक रेट में कमी
ऋषभ पंत की कप्तानी की पारियों में बल्लेबाजी के दौरान युवा खिलाड़ी और दबाव साफ नजर आता है। ऋषभ पंत एक विस्फोटक खिलाड़ी है। कुछ ही गेंद में मैच को बदलने की कला साफ तौर पर जानते हैं। लेकिन कप्तान बनने के बाद उनके स्ट्राइक रेट में कमी आई है। आईपीएल में भी ऋषभ पंत कोई भी कप्तानी पारी नहीं खेल सके हैं। वहीं इससे पहले ऋषभ पंत का बल्ला काफी तेजी से चलता रहा हैं। वहीं भारतीय टीम की कप्तानी में पहले मैच में 23 और दूसरे तीसरे मैच में सिंगल डिजिट पर ही आउट हो गए है।
3 – ऑन फील्ड नहीं ले पाते हैं फैसले
ऋषभ पंत ऑन फील्ड जो फैसले करते हैं उनमें कई बार सवाल उठाया जा चुका है। 2021 में चेन्नई के खिलाफ अहम मैच में कगीसो रबाडा की जगह टॉम करन को गेंदबाजी थमाई थी। वहीं 2022 में विकेट लेने के बाद भी कुलदीप यादव को पूरे ओवर ना देना बहस का मुद्दा बना रहा। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी मैदान पर कई ऐसे फैसले किए जोकि समझ से परे रहे हैं जिसमें दिनेश कार्तिक का बल्लेबाजी क्रम में अक्षर पटेल के बाद आना काफी चर्चा में रहा है।
Published on June 16, 2022 4:24 pm