मध्यप्रदेश ने Ranji Trophy में इतिहास रचते हुए 41 बार की विजेता मुंबई को 6 विकेट से हरा दिया है। इस फाइनल की खास बात ये है कि 1999 में टीम चंद्रकांत पंडित की कप्तानी में पहली बार रणजी के फाइनल में पहुंची थी, अब वो ही इस एमपी विजेता टीम के कोच हैं।
मध्यप्रदेश ने हासिल करी थी लीड
पहली पारी में 162 रन से पिछड़ने के बाद मुंबई ने दूसरी इनिंग में अच्छी शुरुआत की। मगर टीम 269 रन से आगे नहीं बढ़ सकी। कप्तान पृथ्वी शॉ ने हार्दिक तमोरे के साथ पहले विकेट के लिए 63 रन जुटाए। शॉ 44 रन बनाकर आउट हुए, जबकि हार्दिक तमोरे ने 25 रन बनाए।
इनके अलावा अरमान जाफर ने 37 रन टीम के खाते में जोड़े। सुवेद पार्कर ने सर्वाधिक 51 रन बनाए, जबकि सरफराज खान ने 45 रन की पारी खेली। विपक्षी टीम की ओर से कुमार कार्तिकेय ने 4 विकेट अपने नाम किए।
जीत के लिए 108 रन का पीछा करने उतरी मध्य प्रदेश ने सिर्फ 4 विकेट गंवाकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। मध्य प्रदेश ने यश दुबे (1) का विकेट जल्द गंवा दिया था। इसके बाद हिमांशु मंत्री ने शुभम शर्मा के साथ अर्धशतकीय साझेदारी कर टीम को जीत के करीब ला दिया।
हिमांशु 37 रन बनाकर आउट हुए, जिसके बाद पार्थ साहनी (5) भी चलते बने। यहां से शुभम (30) ने रजत पाटीदार के साथ मिलकर टीम को जीत की दहलीज पर ला दिया।
पृथ्वी शॉ ने बताया इन खिलाड़ियों को खास
मुंबई के लिए पृथ्गी शॉ ने कप्तानी की थी और मैच के बाद उन्होंने बताया कि इस Ranji Trophy में टीम ने 4 ऐसे खिलाड़ी दिए है जिनका भविष्य बेहद उज्ज्वल होगा। उन्होंने कहा,
“जिस तरह से हमारी टीम ने खेल दिखाय, वह अविश्वसनीय था। टीम में बहुत सारे नए खिलाड़ी हैं और उन्होंने अपनी प्रतिभा को साबित किया। मध्यप्रदेश टीम बेहतर खेली। मैं ज्यादा देर तक बल्लेबाजी कर सकता था, लेकिन ग्राफ ऊपर-नीचे जाता है। शायद इस साल नहीं, लेकिन अगले साल पक्का। आप देख सकते हैं हमारी टीम में जो टैलेंट है- सरफराज खान, शम्स मुलानी, पारकर, अरमान जाफर- ये भविष्य हैं। कोच अमोल मजूमदार, मिलनसार रहे हैं। हमने उनके मार्गदर्शन में खेलने का लुत्फ उठाया।”
Published on June 27, 2022 1:41 pm