सुनील जोशी

भारतीय टीम में समय समय पर स्पिनर्स की जोड़ियां प्रसिद्ध हुए है। चहल और कुलदीप की जोड़ी जिसे ” कुलचा” के नाम से नाम जाता है। हाल ही का उदाहरण है। उससे पहले महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में आर अश्विन और जडेजा की जोड़ी काफी प्रसिद्ध रही। उससे पहले कुंबले और हरभजन अच्छे स्पिनर माने जाते है। समय समय पर स्टार स्पिनर भारतीय टीम का हिस्सा रहे है। लेकिन कुछ ऐसे भी खिलाड़ी है जिन्हे भारतीय टीम के साथ खेलने का मौका हो नही मिला।

अगर वो किसी अन्य देश के लिए क्रिकेट खेलते तो अपना नाम महान दिग्गजों की लिस्ट में शामिल कर सकते थे। आइए जानते हैं कौन है वो खिलाड़ी जो भारतीय टीम बतौर स्पिनर नही खेल पाए लेकिन अपना नाम प्रसिद्ध क्रिकेटर्स में लिखा लिया और अगर किसी अन्य देश की क्रिकेट की टीम से खेलते तो बन सकते थे दिग्गज खिलाड़ी

वामन विश्वनाथ कुमार (Vaman Viswanath Kumar)

 वामन विश्वनाथ कुमार

शायद ही आपने वामन का नाम भारत के किए खेलने वाले स्पिनर की लिस्ट में सुना होगा। वामन एक समय में बल्लेबाजों का  लेग ब्रेक करते थे। उन्होंने प्रथम श्रेणी में 600 विकेट लिए है। भारतीय टीम के लिए वामन को टीम को न खिलाना बिल्कुल न्याय संगत नहीं था। 600 से ज्यादा विकेट लेने वाला खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट में जगह नही किया गया। ये बात बिल्कुल भी सही नही थी। इसे असंगत चयन ही कहा जा सकता है। 1961 में वामन विश्वनाथन कुमार को पाकिस्तान के खिलाफ होनेवाले फरवरी के मैच में और अगस्त 1961 के खिलाफ इंग्लैंड मात्र 2 टेस्ट मैचों के लिए ही टीम शामिल किया गया। जिनमे उन्होंने 7 विकेट अपने नाम किए थे।

वामन अगर किसी और टीम के लिए क्रिकेट खेलते तो दिग्गज गेंदबाजी में गिने जाते, मगर भारत की तरफ से 2 टेस्ट खेले है जिसमे उन्होंने 7 विकेट लिए है। प्रथम श्रेणी में उनका करियर (1955/56 – 1976/77) तक रहा था, जिसमे उन्होंने 129 मैच खेले और 599 विकेट लिए है।

मुरली कार्तिक

मुरली कार्तिक

प्रथम श्रेणी में मुरली कार्तिक ने 600 से ज्यादा विकेट अपने नाम किए है। मुरली को अच्छे गेंदबाजों की लिस्ट में रखा जाता है। लेकिन अनिल कुंबले और हरभजन के टीम में होने चलते उन्हें टीम में ज्यादा जगह नहीं मिली। सन 2000 में मुरली कार्तिक हो साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला जिसमे वो मात्र 1 विकेट ही ले सके। तब भी वो 8 मैचों का हिस्सा रहे। तब उन्होंने बाकी मैचों में 34.16 के स्ट्राइक रेट से 34 विकेट लिए है। प्रथम श्रेणी में 203 मैचों में 644 विकेट लिए हैं।

ALSO READ: IND vs SA : टेस्ट सीरीज में इन 3 खिलाड़ियों का चयन पड़ा महंगा, अब चयनकर्ता दुबारा नही देंगे मौका

सुनील जोशी

सुनील जोशी

सुनील जोशी कर्नाटक से खेलने वाले खिलाड़ी थे। हरभजन और अनिल कुंबले के समय में ही सुनील जोशी भी प्रथम श्रेणी में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन उनकी जगह टीम में बनती नहीं दिखाई दे रही थी। सुनील जोशी को 90 के दशक के ऐसे खिलाड़ियों में रखा जाता था जोकि बालिंग साथ बैटिंग भी कर सकते थे। सुनील की बैटिंग अच्छी थी, साथ ही उनकी बालिंग इतनी सटीक थी की वो अपनी गेंदबाजी की बदौलत किसी भी बल्लेबाज को अपने अनुसार बैटिंग करा सकते थे। लेकिन जब इंग्लैंड टीम के खिलाफ हरभजन सिंह को जगह दी गई तब सुनील जोशी का भारतीय टीम में खेलने का सपना चकना चूर हो गया। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट 1992 से 2011 तक खेला है, जिसमे 25.12 की औसत से 160 मैचों में कुल 615 विकेट लिए है।

ALSO READ: भारतीय टीम को खलने लगी है ऑलराउंडर की कमी, ये चार धाकड़ खिलाड़ी टीम में जगह लेने को है तैयार

Published on January 15, 2022 2:14 pm