Rohit Sharma: भारत और साउथ अफ्रीका (IND vs SA) के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन कल शाम खत्म हुई. भारत (Team India) के लिए ये टेस्ट सीरीज इतिहास रचने वाला रहा है. भारतीय टीम (Indian Cricket Team) ने रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की कप्तानी में साउथ अफ्रीका में इतिहास रच दिया. भारत ने साउथ अफ्रीका (IND vs SA) को उसके ही घर में 7 विकेट से करारी शिकस्त देकर केपटाउन में टेस्ट मैच जीतने वाली पहली एशियाई टीम बन गई है. भारत से पहले अब तक कोई भी एशियाई टीम साउथ अफ्रीका को उसके घर में मात नहीं दे सकी है, लेकिन रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की कप्तानी में भारतीय टीम (Team India) ने ये कारनामा कर दिखाया है.
साउथ अफ्रीका को शेयर करनी पड़ी ट्रॉफी
पहले टेस्ट मैच में मिली हार के बाद भारत के लिए दूसरा टेस्ट मैच जीतना हर हाल में जरूरी था, अगर भारतीय टीम दूसरे टेस्ट मैच में जीत हासिल नही कर पाती तो उन्हें मौजूदा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC Points Table) की साइकिल से बाहर रहना पड़ सकता था, लेकिन भारतीय टीम ने ये मैच जीतकर मौजूदा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC Points Table) की साइकिल में टॉप पर अपना कब्जा जमा लिया है साथ ही साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज भी 1-1 से बराबर कर ली है, जिसकी वजह से साउथ अफ्रीका को अपने घर में ट्रॉफी भारत के साथ शेयर करनी पड़ी.
रोहित शर्मा (Rohit Sharma) इस सीरीज को ड्रा कराने के साथ ही दूसरे ऐसे कप्तान बन गये हैं, जिन्होंने साउथ अफ्रीका में कोई टेस्ट सीरीज ड्रा कराई है. इससे पहले ये कारनामा भारत के दिग्गज कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने किया था.
साथ ही अब तक भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के केप टाउन में टेस्ट मैच जीतने वाली पहली एशियाई टीम बन गई है. केपटाउन में भारतीय टीम का रिकॉर्ड भी कुछ खास नही रहा है. इस टेस्ट मैच से पहले भारत ने इस मैदान पर कुल 6 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमे 4 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जबकि 2 टेस्ट मैच ड्रा रहे थे.
यशस्वी जायसवाल की जगह रोहित शर्मा ने खुद के हाथ में रखी ट्रॉफी
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज ड्रा कराने के बाद ट्रॉफी शेयर करनी पड़ी. इस दौरान देखने को मिला कि रोहित शर्मा खुद ट्रॉफी के साथ आगे बढ़कर तस्वीर क्लिक करा रहे हैं, जबकि महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में ट्रॉफी हमेशा टीम के सबसे युवा खिलाड़ी को सौंपी जाती थी.
रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने भी अपनी कप्तानी में इस परम्परा को बनाए रखा, लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज ड्रा होने के बाद उन्हें खुद आगे आकर ट्रॉफी को शेयर करना पड़ा, जिस वजह से महेंद्र सिंह धोनी की ये परम्परा टूटती नजर आई.