IND vs ZIM: भारत और जिंबाब्वे के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज 18 अगस्त से केएल राहुल के नेतृत्व में शुरू होने जा रही है। जिंबाब्वे को हर किसी के द्वारा एक कमजोर टीम समझा जाता है, लेकिन सही मायने में यह टीम बहुत ही ताकतवर है, जो किसी समय कुछ भी कर सकती है।
शायद आप इस बात को नहीं जानते होंगे कि भारत को साल 1996 में वनडे सीरीज के दौरान जिंबाब्वे की टीम ने 1-0 से हराया था। 18 अगस्त से भारत और जिंबाब्वे के बीच पहला मुकाबला हरारे स्पोर्ट्स क्लब में 12:45 से शुरू होगा। इस मुकाबले के दौरान टीम इंडिया की हार काफी हद तक तय मानी जा रही है। इसके पीछे तीन कारण छिपे हुए हैं, जो इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे।
जिंबाब्वे द्वारा किया गया पिछले मैचों में कमाल का प्रदर्शन
हाल ही में तीन वनडे मैचों की सीरीज जिंबाब्वे और बांग्लादेश के बीच खेली गई थी, जिसमें जिंबाब्वे द्वारा बांग्लादेश जैसे ताकतवर टीम को भी 2-1 से मात दी गई। भारत के खिलाफ भी जिंबाब्वे का कुछ ऐसा ही प्रदर्शन हो सकता है, और इसमें कोई आश्चर्यजनक भी बात नहीं है। जिंबाब्वे जैसी ताकतवर टीम को भारतीय टीम को किसी भी मायने में हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि वह किसी भी समय वार कर सकती है।
केएल राहुल की लंबे समय बाद हो रही वापसी
टीम इंडिया में चोटिल होने के बाद से लोकेश राहुल की बहुत ही लंबे समय बाद अब वापसी हो पा रही है। अब ऐसे समय में उनकी फॉर्म का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। वहीं अब टीम की कप्तानी की बागडोर भी उनके हाथों में ही सौंप दी गई है, जोकि शायद टीम इंडिया के लिए सही नही होगा।
कमजोर पड़ रहा है तेज गेंदबाजी पक्ष
जिंबाब्वे और भारत के बीच होने वाले वनडे सीरीज के दौरान जिंबाब्वे दौरे के लिए घोषित हुई भारतीय टीम में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, और भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाजों को टीम में जगह नहीं दी जा सकी है। जिसके कारण भारत का तेज गेंदबाजी पक्ष कमजोर पड़ रहा है जोकि टीम इंडिया के लिए एक चिंताजनक विषय है।
Published on August 18, 2022 11:43 am