इन दिनों प्राइवेटाइजेशन काफी तेजी से चल रहा है। ऐसे में इंडियन रेलवे निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन को भी निजी कर दिया गया और उसे विकसित किया जा रहा है। रेलवे इन दिनों अपनी सुविधाओं को और बेहतर बनाने के नए-नए प्रयास कर रहा है।
ऐसे में जो रेलवे अब तक सरकार के नियंत्रण में था, वहीं अब कुछ स्टेशन निजी हाथों में सौंप दिए गए हैं। यानी कि रेलवे का प्राइवेटाइजेशन कर दिया गया है। दुनिया के कई ऐसे रेलवे स्टेशन हैं, जिनको अब निजी कंपनियां मैनेज करती हैं।
हबीबगंज रेलवे स्टेशन का हो रहा री-डेवलपमेंट
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन को रीडिवेलपमेंट एक प्राइवेट कंपनी कर रही है, जिसका नाम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी कि पीपी मॉडल से तैयार करवाया जा रहा है। इसके लिए डेवलपर संघ को चुना गया है।
जर्मनी के तर्ज पर बनेगा रेलवे स्टेशन
हबीबगंज रेलवे स्टेशन को प्राइवेट हाथों में सौंप दिया गया है। ऐसे में यह रेलवे स्टेशन अब जर्मनी के हैडलबर्ग की तर्ज पर डेवलप किया गया है।
रेलवे स्टेशन कमर्शियल डिपार्मेंट को 45 साल के लीज पीरियड पर दिया गया है। इस रेलवे स्टेशन का ऑपरेशन एंड मेंटिनेस भी प्राइवेट कंपनी कर रही है।
यह स्टेशन होंगे इसी मॉडल पर तैयार
इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने 8 स्टेशनों का री डेवलपमेंट निजी कंपनी को सौंप दिया है। जिसमें भोपाल का हबीबगंज, चंडीगढ़ पुणे का शिवाजी नगर, नई दिल्ली और आनंद विहार, गुजरात का सूरत शामिल है।
हबीबगंज रेलवे स्टेशन का बदल गया नाम
हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है। वहीं रेलवे स्टेशन पर तमाम सुविधाएं मिलेंगी। रेलवे स्टेशनों को प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है।
ऐसे में यात्रियों को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन जैसी सुविधाएं मिलने का दावा भी हो रहा है। रेलवे स्टेशनों पर रेस्तरां, शॉपिंग स्टोर कैटरिंग शॉप और पार्किंग की व्यवस्था मिलेंगे।
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