पेट्रोल डीजल हो या घर में प्रयोग आने वाले खाद्य पदार्थ सबकी कीमतों में उतार चढ़ाव तो लगे ही रहते हैं। लेकिन इसी बीच सरसो तेल व अन्य तेलों के दामों में भारी गिरावट देखने को मिली है। सरसों तेल की कीमत में कुछ गिरावट दर्ज की गई। नई कीमत के अनुसार सरसों तेल 160-170 रुपये प्रति किलो के बीच बेचा जा रहा है। ग्राहकों के पास खरीदारी करने का यह अच्छा मौका है।
30-40 रूपये कम हुई कीमत
सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन तेल, सीपीओ, पामोलीन सहित बाकी सभी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए। उच्चतम स्तर से सरसों तेल की कीमत करीब 30-40 रुपये कम है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र के धुरिया में प्लांट वाले सोयाबीन दाना 6,625-6,650 रुपये क्विन्टल की कीमत पर खरीद रहे हैं। इससे सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव में सुधार आया।
सरकार ने नहीं उठाया कोई कदम तो फिर महंगी होगी तेल की कीमतें
मिल वालों को सोयाबीन का कारोबार बेपड़ता बैठता है और बाजार में भाव पेराई की लागत से कहीं सस्ता होने से मिलों को पेराई के बाद तेल सस्ते में बेचने को बाध्य होना पड़ता है। यानी मिल वालों, संयंत्रों, आयातकों सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिससे धीरे धीरे ये भाव आम आदमी को भी नुकसान दे सकता है कॉरॉना काल में साथ ही सदियों के सीज़न शुरू होने से इन खाद्य पदार्थों के दामों में गिरावट देखने को मिली है।
खाद्य तेल जरुरतों के लिए 65 प्रतिशत आयात पर निर्भर देश के व्यापारियों और आयातकों को बेपड़ता भाव पर तेलों की बिक्री क्यों करनी पड़ रही है? उन्होंने लागत से कम भाव पर बिक्री करने की बाध्यता पर गौर करने का सरकार से अनुरोध किया।
सरसों तेल के साथ अन्य रिफाइंड ऑयल व उनके दाम
-मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,840-1,965 रुपये प्रति टिन।
– सरसों तेल दादरी- 16,600 रुपये प्रति क्विंटल।
– सरसों पक्की घानी– 2,265 -2,590 रुपये प्रति टिन।
– सरसों कच्ची घानी- 2,645 – 2,755 रुपये प्रति टिन।
– तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,700 – 18,200