इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के आगामी 2022 के सीजन के लिए खिलाड़ियों की मेगा नीलामी पूरी हो चुकी है। इस मेगा ऑक्शन में बहुत से खिलाड़ी पर करोडों रुपये की बोली लगाई गई। बेंगलुरु में 12 और 13 फरवरी को दुनियाभर के क्रिकेटर्स पर सभी 10 फ्रेंचाइजियों ने ताबड़तोड़ बोलियां लगाई। इस साल कई खिलाड़ियों को ऊंची ऊंची रकम पर खरीदा गया है, तो कई खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्हें किसी फ्रेंचाइजी ने खरीदने में दिलचस्पी ही नहीं दिखाई और वह अनसोल्ड रह गए।
खिलाड़ी नही ले जा पाते पूरी रकम
IPL नीलामी में करोड़ों में बिकने वाले खिलाड़ियों को आखिर कितने पैसे में खरीदा जाता है यह सब खबरों में पढ़ लेते हैं लेकिन क्या जितने अमाउंट पर वह ऑक्शन में बिकते हैं उन्हें उतने ही पैसे दिए जाते हैं, यह ज्यादा लोग नही जानते होंगे। हम आपको इसका जवाब बताते हैं।
दरअसल, IPL नीलामी के दौरान जिस बोली पे खिलाड़ियों को खरीदा जाता है, उतने पैसे खिलाड़ी को नही मिलते। असल में असली रकम में फर्क होता है। किसी भी खिलाड़ी जिस रकम में खरीदा जाता है उतनी रकम अदा नहीं की जाती है। इसकी असली वजह है इनकम टैक्स।
करना होता है टैक्स का भुगतान
भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बात करें तो नीलामी में बिकने वाले भारतीय क्रिकेटरों की सैलरी में से दस प्रतिशत टीडीएस काटा जाता है। इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक टीम खिलाड़ियों को पैसे देने से पहले टीडीएस काटती है। भारतीय खिलाड़ियों से कुल बोली राशि का 10% टीडीएस लिया जाता है। इसके बाद प्लेयर्स को आईटीआर फाइल करना होता है। टीडीएस के बाद, खिलाड़ियों को शुद्ध आय के आधार पर कर का भुगतान करना पड़ता है।
वही, भारतीय और विदेशी खिलाड़ियों में केवल इतना अंतर है कि विदेशी खिलाड़ियों को राशि पर 20% टीडीएस देना होता है। टीडीएस की कटौती के बाद, वे राशि को अपने घर यानी देश ले जाते हैं। साथ ही, एक खिलाड़ी कितनी राशि घर ले जाता है, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
ALSO READ:IPL 2022: PUNJAB KINGS टीम को मिला कप्तान, ये खिलाड़ी पहली बार दिला सकता है प्रीति जिंटा को ट्रॉफी !