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आकाश चोपड़ा ने सचिन, सहवाग और गांगुली नहीं इस भारतीय खिलाड़ी को बताया दुनिया का सबसे नि:स्वार्थी क्रिकेटर

महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) भले ही आज क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, इसके बावजूद भी उनसे जुड़े कई रोचक किस्सा हमेशा चर्चे में छाया रहता है. इस वक्त टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज और मौजूदा एक्सपर्ट आकाश चोपड़ा ने अपने टि्वटर हैंडल से महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया है. यह तब की बात है जब साल 2004 में महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने टीम इंडिया के लिए डेब्यु भी नहीं किया था.

याद आया 19 साल पहले का रोचक किस्सा

साल 2004 इंडिया ए का जिम्बाब्वे और केन्या का दौरा….. महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) रिजर्व विकेटकीपर था और दिनेश कार्तिक वह खिलाड़ी थे जो प्लेइंग 11 में खेल रहे थे. महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) नेट पर जाते हैं और दिनेश कार्तिक को बाँलिंग करते हैं और मैं उनसे कहते हैं क्यों कर रहे हो. वह आपका प्रतिद्वंदी है, अगर वह अच्छा करते रहेंगे तो आप नहीं खेलेंगे और वैसे भी आप बॉलर है नहीं, जाकर विकेट कीपिंग करो, बैटिंग करो, पर बॉलिंग क्यों.

आगे उन्होंने बताया कि

“धोनी ने मुझसे कहा मुझे मत मना करो कि मुझे बॉलिंग करनी है और अगर आप को बैटिंग करनी है तो आप भी कर लीजिए पर मुझे बॉलिंग करनी है.”

आकाश चोपड़ा ने कहा

“पीछे मुड़कर देखता हूं ना तो उस घटना का मतलब समझ में आता है कि धोनी, दिनेश कार्तिक से और ना ही किसी और से प्रतिस्पर्धा कर रहे थे. धोनी का प्रतिद्वंदी सिर्फ एक था और वह खुद थे.”

धोनी के आते ही खत्म हो गई थी विकेटकीपर की खोज

आकाश चोपड़ा ने बताया कि इस पूरे घटना के बाद महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को टीम इंडिया में जगह मिली. साल 2004 के दिसंबर में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू किया.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जिस तरह धोनी आए उसके बाद तो कई सालों तक विकेटकीपर की तलाश खत्म हो गई और इसका असर कई उभरते विकेटकीपर पर भी पड़ा. 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी-20 मुकाबला उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में खेला है.

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