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कुंवारी होने के बाद भी किसके नाम का सिंदूर मांग में भरती थीं लता मंगेशकर, जानकर बढ़ जायेगी उनके लिए और इज्जत

अपनी कोयल सी मधुर आवाज से लोगों के दिलों में अच्छी जगह बनाने वाली गायिका लता मंगेशकर दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं. लता मंगेशकर जितना सम्मान और प्यार शायद ही किसी और गायिका को नसीब हो. उतार-चढ़ाव से भरा था लता मंगेशकर का जीवन, उनके जीवन की कई ऐसे पहलू भी हैं, जिनसे हम आज तक अनजान हैं.

तबस्सुम ने बताया कितनी डाउन टू अर्थ थीं लता जी

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जानी मानी कलाकार तबस्सुम एक बातचीत के दौरान कहा कि

“लता मंगेशकर ने हिंदी गाने से डेब्यू किया था. उस फिल्म का नाम था बड़ी बहन जिस का म्यूजिक हुस्न लाल भगत राम ने दिया था. गाने के बोल थे चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है पहली मुलाकात है यह पहली मुलाकात है. मुझे बहुत अच्छे से याद है कि जब इस गाने की रिकॉर्डिंग हुई उससे पहले लता जी ने शमशाद बेगम गीता दत्त के पैर छुए थे. उस दौरान मै वहीं पर मौजूद थी.”

रिकॉर्डिंग से पहले छुए पैर

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उस समय पर रिकॉर्डिंग पूरी तरह परिवार के तौर पर हुआ करती थी. हेलो रिकॉर्डिंग के समय बातें करते थे एक दूसरे को कहानी सुनाते थे. जब लता मंगेशकर अपनी रिकॉर्डिंग के लिए आगे आईं तो उन्होंने सबसे पहले गीता दत्त और शमशाद बेगम जी के पैर छुए, उन्होंने उनका आशीर्वाद लिया. इस बात से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि लता जी कितनी संस्कारी थीं, उनके मन में बड़ों के लिए कितनी इज्जत थी.

बिना शादी के क्यों लगाती थीं सिंदूर?

लता मंगेशकर

बिना शादी किए लता जी अपनी मांग भर्ती थीं, इसकी कहानी बहुत ही दिलचस्प है. तबस्सुम बताती हैं जब मैं बड़ी हो गई थी तो एक बार मैंने लता जी से एक सवाल किया था कि दीदी आप तो कुंवारी हैं, आपने शादी नहीं की है तो जवाब में उन्होंने कहा कि हां, मैं तो कुमारी लता मंगेशकर हूं, तो मैंने पूछ लिया कि आप सिंदूर क्यों लगाती हो सिंदूर किसके नाम का है, लता दीदी इस बात का जवाब देते हुए कहा की यह सिंदूर संगीत के नाम का है इस बात को जानकर आप भी सोच रहे होंगे कि यह कितनी गहरी बात है.

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लता जी को कभी नहीं आता था गुस्सा: तबस्सुम

LATA-MANGESHKAR-SINDOOR

तबस्सुम ने आगे चलकर लता जी के साथ कई लाइव प्रोग्राम किए हुए हैं. ऐसे ही प्रोग्राम को याद करते हुए उन्होंने बताया कि

“कोलकाता के नेताजी सुभाष ऑडिटोरियम में इतनी भीड़ थी कि उसे देख कर मैं थोड़ा सा घबरा गई. इतना डर गई थी कि मैंने गलत गाने की अनाउंसमेंट कर दी. उस समय लता जी के अलावा अगर कोई और होता तो वह जरूर कह देता कि नहीं यह गाना नहीं.”

आपको बता दें कि लताजी को कोई और गाना गाना था, लेकिन गलत अनाउंसमेंट की वजह से उन्होंने वही गाना गाया, जिसकी मैंने अनाउंसमेंट की थी.

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