आज से 12 वर्ष पूर्व महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने दूसरी बार एकदिवसीय विश्व कप अपने नाम किया था. धोनी की उस टीम को आज भी याद किया जाता है. इस टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा समन्वय था. इस टीम के सबसे खास खिलाड़ी थे कप्तान धोनी.
धोनी ने पूरी टीम को साथ रखा और कमाल की रणनीति बनाई. उस वक्त को याद करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने एक बड़ी पत्ते की बात कही है जो आज हिटमैन की सेना को भी सुननी चाहिए.
वीरेंद्र सहवाग ने किया खुलासा
क्रिकबज पर बात करते हुए सहवाग ने कहा,
‘जब हमारी टीम मीटिंग हुई तो हमने फैसला किया कि हम अखबार नहीं पढ़ेंगे और बाहर का शोर नहीं सुनेंगे. ऐसा कुछ भी जो दबाव बढ़ा सकता है, हम नहीं करेंगे. यह एक नियम बन गया था और लगभग सभी लोग इसका ईमानदारी से पालन करते थे. हम एक साथ रहे, हमने आनंद लेने और टीम-निर्माण अभ्यास करने की कोशिश की. क्योंकि इस तरह के लंबे टूर्नामेंटों में अलग होना आसान होता है. गैरी कर्स्टन और एमएस धोनी ने सुनिश्चित किया कि हम साथ रहें.’
हर कोई कहता था विश्व कप जीतो~ सहवाग
सहवाग ने आगे कहा,
‘मैचों से पहले और बाद में हम मिलते-जुलते थे. और हम ज्यादातर क्रिकेट के बारे में बात करते थे. रात्रिभोज पर, क्रिकेट रणनीतियाँ एक विषय हुआ करती थीं. मैं सुझाव देता था. हमारी विश्व कप जीत के पीछे यह एक बड़ा कारण था. निःसंदेह, हम पर दबाव था. चाहे हम फ्लाइट में हों, सीआईएसएफ कर्मी हों, होटल में हों, मैनेजर और वेटर हों… हर कोई कहता रहा, ‘विश्व कप जीतो.’
धोनी की वह एक लाइन
सहवाग ने वह जादुई पंक्ति कहकर अपनी बात समाप्त की, जिसने सारा अंतर पैदा किया,
‘लेकिन एमएस धोनी की एक ही पंक्ति है, ‘प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करो’. हमारी प्रक्रिया अच्छी थी, इसीलिए हम जीते.’