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अतीक-अशरफ मर्डर की रात का ये है पूरा सच: माफिया ब्रदर्स के अस्पताल जाने की शूटरों को ऐसे हुई जानकारी, घंटो इंतजार, और...

माफिया अतीक अहमद(ateek Ahmed) और उसके भाई अशरफ के हत्याकांड की प्लानिंग पूरी सोची समझी साजिश के तहत की गई। शूटरों का सटीक टाइम और उनका मौके पर पहुंचना फिर उसके बाद मोबाइल बरामद ना होना, इन तीनों का अलग-अलग जनपदों से होना इस बात की ओर इशारा करती है कि पूरी प्लानिंग के तहत हत्या की गई। लेकिन इन शूटरों ने हत्या क्यों की इसकी गुत्थी नहीं सुलझ सकी। ये तीनों ही शूटर यूपी के अलग-अलग जिलों से बिलांग करते हैं। इन तीनों का क्या कनेक्शन है इसका भी पुलिस पता लगा रही है।

दो घंटे तक अस्पताल के बाहर मडराते रहे शूटर

गौरतलब है कि 15 अप्रैल की रात 10:30 बजे पुलिस कस्टडी में कॉल्विन अस्पताल ले जाए जा रहे थे।  उसी वक्त तीन शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर इन दोनों को मौत के घाट उतार दिया।  ये तीनों शूटर 2 घंटे पहले से ही मौके पर पहुंच गए थे। वह मौके की तलाश में थी फिर जैसे ही मौका मिला इन तीनों शूटरों ने दोनों को गोलियों से भून दिया। आरेपियों ने पूछताछ में बताया कि जैसे ही पुलिस अतीक और उसके भाई अशरफ को लेकर थाने से निकली तब ये तीनों सक्रिय हो गए और अस्पताल के बाहर जाकर खड़े हो गए। पुलिस की जांच में यह बात सामने निकल कर आई है कि इन तीनों शूटरों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए किसी बाइक का प्रयोग नहीं किया गया यह तीनों ही ई-रिक्शा अस्पताल के बाहर पहुंचे थे और जहां उन्होंने दोनों भाइयों को मौत के घाट उतारा। वहीं जांच में पता चला कि अतीक और असद के Whatsapp group  शेर-ए-अतीक में हत्यारा अरुण मौर्य भी जुड़ा था। इस ग्रुप  को अतीक के बेटे असद ने खुद बनाया था। इस ग्रुप में प्रयागराज के अलावा कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सुल्तानपुर, कानपुर के अलावा यूपी के 20 से ज्यादा जिलों के साथ ही दूसरे प्रदेशों के भी तमाम लोग जुड़े थे।

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Published on April 23, 2023 4:14 pm