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Gadar Real Story: उस सिपाही की दर्दनाक कहानी, जिसकी लव स्टोरी पर बनी थी सनी देओल की ‘गदर’, यह थी आखिरी इच्छा

आज से 22 साल पहले अमीषा पटेल और सनी देओल (Sunny Deol) स्टारर फिल्म ‘ग़दर एक प्रेम कथा’ रिलीज हुई थी, जिसे लोगों ने खूब प्यार दिया था और यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी. यही वजह है कि 22 साल बाद फिल्म के सीक्वल को लाया गया है, जिससे दर्शकों को काफी उम्मीदें हैं.

गदर 2 के टीजर में एक बार फिर तारा सिंह और सकीना की कहानी नजर आ रही है, जिसके बाद अब लोगों को फिल्म का इंतजार हो रहा है. इस टीजर को देखने के बाद हर कोई जानना चाहता है, आखिर बूटा सिंह कौन है जिनके ऊपर गदर फिल्म बनाई गई है.

ये हैं गदर का असली तारा सिंह

आपको बता दें कि ग़दर एक प्रेम कथा में भले ही सनी देओल (Sunny Deol) ने तारा सिंह की भूमिका निभाई हो पर यह फिल्म एक सच्ची प्रेम कहानी पर आधारित है. हिंदुस्तान से लेकर पाकिस्तान तक को अपने प्यार की ताकत से हिला देने वाले बूटा सिंह की लाइफ से यह कहानी इंस्पायर्ड है.

वहीं अमीषा ने जिस मुस्लिम लड़की का किरदार निभाया वह जैनब नाम की लड़की से इंस्पायर था. दरअसल 1947 के बंटवारे के वक्त जब दंगे भड़के तो जैनब नाम की लड़की फंस गई थी, जिसकी बूटा सिंह ने जान बचाई थी.

बाद में दोनों को प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली और एक बेटी भी हुई, लेकिन काफी वक्त एक दूसरे के साथ बिताने के बाद बूटा सिंह ने जैनब को उनके परिवार से मिलने पाकिस्तान जाने दिया, लेकिन उन्हें यह अहसास नहीं था कि वहां से उनकी वापसी नहीं हो पाएगी.

प्यार नहीं मिला तो ट्रेन के आगे कूदकर दे दी जान

बूटा सिंह ने कुछ और सोचकर जैनब को अपने परिवार से मिलवाया था और वहां जैनब के परिवार वालों ने उनकी शादी तुड़वा कर चचेरे भाई से उनकी शादी करवा दी, जिसके बाद बूटा सिंह गैरकानूनी तरीके से पाकिस्तान पहुंच गए और वहां उन्हें पकड़ लिया गया.

कोर्ट में जब उनकी पेशी हुई तो उन्होने नाम आंखों से बताई कि उनकी एक बेटी भी है, जहां उनकी पत्नी ने शादी से पूरी तरह बाद में इंकार कर दिया था.

इसके बाद बूटा ने 1957 में ट्रेन के आगे बेटी के साथ कूदकर जान देने का प्रयास किया था, जिसमें उनकी जान चली गई लेकिन बेटी बच गई.

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