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भारत में क्रिकेट की पॉपुलैरिटी इतनी है कि इसके बीच अब काफी प्रतियोगिता बढ़ गई है। जिसके बाद भारतीय टीम में चयन ही पाना बहुत मुश्किल बात हो चुकी है, इसी के साथ भारतीय टीम में चयन के बाद अपनी जगह को बचाए रहना और भी मुश्किल हो गया हैं। ऐसे में किसी खिलाड़ी की जगह चयनित हुआ दूसरा खिलाड़ी स्वयं ही बिना वजह किसी और खिलाड़ी के पतन का कारण बन जाता है। इसी तरह अपने अंतिम खेले इस फॉर्मेट के मैच में प्रज्ञान ओझा के प्रदर्शन के बाद भी उन्हें टीम से कुछ यूं बाहर होना पड़ा कि दोबारा टीम का हिस्सा नहीं बन पाए। जानिए क्या थी वजह…

रविंद्र जडेजा के चलते नही मिली एंट्री

प्रज्ञान ओझा

भारतीय टीम के टेस्ट फॉर्मेट में प्रज्ञान ओझा ने अपना अंतिम टेस्ट मैच 14 नवंबर 2013 में खेला था। उस मैच में सचिन तेंदुलकर की विदाई भी दी गई थी। टेस्ट मैच की पहली पारी में बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने 40 रनों में 5 विकेट फिर दूसरी पारी में 49 रनों पर 5 विकेट लिए थे। लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले इस मैच में बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा के बॉलिंग एक्शन पर सवाल उठाए गए थे। जिसके बाद उन्हें एक्शन सुधारने के लिए टीम से बाहर किया गया था। प्रज्ञान ओझा जब 2013 में टीम में सिलेक्शन के लिए प्रस्तुत हुए तब रवींद्र जडेजा महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पाना स्थान लगभग बना चुके थे। जिसके बाद 33 साल की उम्र में प्रज्ञान ओझा ने सन्यास का ऐलान कर दिया था।

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सचिन तेंदुलकर की विदाई के चलते नही मिला श्रेय

प्रज्ञान ओझा

14 नवंबर 2013 को खेले गए वेस्टइंडीज बनाम भारत के मैच में सचिन तेंदुलकर का अंतिम मैच था। इस मैच में सचिन तेंदुलकर को विदाई दी गई थी। जिसके कारण ये इतिहास के पन्नो पर दर्ज हो गया हैं। लेकिन इस मैच में एक खास परफॉर्मेंस हुए थी। प्रज्ञान ओझा ने 10 विकेट किए थे जिसके कारण उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब भी दिया गया था। इस खिताब के बाद उनके एक्शन में कुछ भिन्नता के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। लेकिन उनके उस एक्शन को ठीक करने के बाद भी तुम्हे टीम में जगह नही मिली, जिसके बाद उन्हो ने सन्यास ले लिया।

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