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वकार यूनुस, शोएब अख्तर से लेकर मोहम्मद रिजवान तक..पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने खेल भावना को किया आहत, मैदान पर बने इस्लाम प्रचारक

by Mayank Tripathi

पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच हाल ही में वनडे विश्व कप 2023 का रोमांचक मुकाबला खेला गया था। इस दौरान मोहम्मद रिजवान ने 131 रनों की शानदार पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई थी। इस आतिशी पारी को विकेटकीपर बल्लेबाज मने आतंकी संगठन गाजा को समर्पित किया था। उनके इस बयान ने क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया था।

आतंकी संगठन के समर्थन में मोहम्मद रिजवान का ट्वीट

हैदराबाद में खेले गए मुकाबले के बाद पाकिस्तान के खिलाड़ी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि,

“यह जीत गाजा में हमारे भाइयों और बहनों के लिए था। जीत में योगदान देकर खुश हूं। इसे आसान बनाने के लिए पूरी टीम और विशेष रूप से अब्दुल्ला शफीक और हसन अली को श्रेय। अद्भुत स्वागत और समर्थन के लिए हैदराबाद के लोगों का बेहद आभारी हूं।”

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने खेल की भावना को आहत किया है। रिजवान से पहले वकार यूनुस, शोएब अख्तर सहित कई अन्य खिलाड़ी भी इस्लाम के प्रचारक की भूमिका अदा कर चुके हैं।

आज हम आपको कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ियों के पुराने बयानों के विषय में बताएंगे जब उन्होंने मर्यादा को लांघने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

पाकिस्तानी क्रिकेटरों द्वारा दिए गए कुछ बयान

  1. 1978 में, पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तत्कालीन कप्तान मुश्ताक मोहम्मद ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान की टेस्ट श्रृंखला जीत को “दुनिया भर में मुसलमानों की हिंदुओं पर जीत” कहा था।
  2. पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने अपनी बेटी को “आरती” करते देख टीवी तोड़ने का दावा करने के लिए सुर्खियां बटोरीं थीं।
  3. शोएब अख्तर ने गजवा-ए-हिंद की अवधारणा को समझाते हुए कहा था कि “हम पहले कश्मीर पर कब्जा करेंगे और फिर भारत पर आक्रमण करेंगे।”
  4. पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इंजमाम-उल-हक ने कहा था, “अगर मुसलमान अपना मुस्लिमवाद दिखाते हैं, तो पृथ्वी पर एक भी इंसान गैर-मुस्लिम नहीं रहेगा।”

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