आम लोग ही नहीं बल्कि क्रिकेट के मैदान पर खेलने वाले विगत खिलाड़ी भी अंधविश्वास को मानते हैं यह खिलाड़ी मैदान पर उतरने से पहले कई तरह के टोटके भी अपनाते हैं। जैसे सचिन तेंदुलकर बैटिंग के लिए जाने से पहले अपने बाएं पैर पर पैड पहले पहनते थे। स्टीव अपनी पॉकेट में लाल रुमाल रखते थे । इतना ही नहीं टीम के पूर्व कप्तान रह चुके सौरभ गांगुली भी मैदान पर उतरने से पहले कई तरह के टोटके अपनाते थे। लेकिन इन सबके बीच में MS Dhoni के अंधविश्वास को लेकर भी खुलासा हुआ है।
MS Dhoni का यह खिचड़ी वाला टोटका
दरअसल, साल 2011 में जब टीम इंडिया वनडे वर्ल्ड कप खेल रही थी। तब भारत ने MS Dhoni की कप्तानी के दौरान श्रीलंका को फाइनल में हराकर इस वर्ल्ड कप को अपने नाम किया था। वीरेंद्र सहवाग ने बताया है इस पूरे टूर्नामेंट में महेंद्र सिंह धोनी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पा रहे थे। जिसको लेकर के उन्होंने यह खास टोटका अपनाया सहवाग ने बताया कि,
”हर किसी का कुछ न कुछ टोटका था और हर कोई अपने टोटके का पालन कर रहा था। महेंद्र सिंह धोनी को पूरे विश्व कप के दौरान खिचड़ी खाने का टोटका जारी रखा था। वह कहते थे कि भले ही मैं रन नहीं बना रहा हूं लेकिन यह टोटका काम कर रहा है और हम मैच जीत रहे हैं।”
प्रज्ञान ओझा भी कर चुके है खुलासा
इतना ही नहीं धोनी को लेकर के प्रज्ञान ओझा अभी दुनिया के सामने खुलासा कर चुके हैं। ओझा ने धोनी के अंधविश्वास को याद करते हुए बताया था कि MS Dhoni मैच से पहले किसी भी खिलाड़ी को “ऑल द बेस्ट” “गुड लक” नहीं बोलते हैं । धोनी इस बात को मानते हैं कि जब जब वह ऐसा करते हैं तब तक खिलाड़ी मैदान पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाते हैं। इसलिए धोनी ने मैच से पहले अपने खिलाड़ियों को विश करना छोड़ दिया है।