टीम इंडिया के दिग्गज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) क्रिकेट से ज्यादा अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में छाए रहते हैं. दरअसल उनकी पत्नी हसीन जहां को लेकर एक बार फिर से विवाद तेज हो चुका है, जहां उनकी पत्नी ने शारीरिक और मानसिक क्रूरता के मामले में पश्चिम बंगाल के अलीपुर सेशन कोर्ट का रुख किया है जो मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) की मुश्किलें बढ़ा सकती है.
यह साल 2019 के बाद है जब पारिवारिक विवाद में हसीन जहां ने अलीपुर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट में सुनवाई के बाद मोहम्मद शमी की गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी गई थी.
हसीन जहां को है अब न्याय मिलने की उम्मीद
सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा हसीन जहां ने खटखटाया था. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ सहित तीन लोगों की पीठ ने अलीपुर कोर्ट को एक महीने के अंदर मामले की आपराधिक पुनरीक्षण और निस्तारण के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट से इस आदेश की कॉपी लेने के बाद हसीन जहां अब कोलकाता लौट गई है. उनका कहना है कि 4 साल से इसकी सुनवाई स्थगित थी.
कोर्ट ने 2019 के सितंबर महीने में केवल मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, लेकिन कोर्ट में पूरी प्रक्रिया ही रोक दी गई थी.
उन्होने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से मुझे न्याय मिलने की उम्मीद जगी है. मेरे साथ इंसाफ होगा और मेरी बेटी के साथ मै बाकी जीवन सुकून से गुजार सकूंगी, अब मेरी यही उम्मीद है.
वकील ने दिया ये बयान
हसीन जहां के वकील नचिकेता वाजपेई द्वारा यह कहा गया है कि धारा 498 ए के तहत इस अपराध को गंभीर माना गया है, जिसमें लगभग 3 साल की सजा का प्रावधान है.
अगर शादीशुदा महिला की मौत शादी के 7 साल के दौरान हो जाती है और जब तक यह साबित ना हो जाए कि मौत किस वजह से हुई है तो यह मान कर चला जाता है कि मौत संदिग्ध हालत में हुई है, जिस मामले में पुलिस 498ए, 302, 304 बी इस तरह केस दर्ज करते हैं.