टीम इंडिया की पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) हमेशा अपने बयानों की वजह से चर्चा में छाए रहते हैं. 2011 का वर्ल्ड कप जब भी चर्चा में आता है तो उसमें हमेशा लोग उस एक छक्के को याद रखते हैं जिसने भारत को जीत दिलाई थी, पर गौतम गंभीर की पारी को किसी ने नहीं याद रखा. इसी बात पर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का सालों बाद दर्द छलका है.
अब बताया है कि किस तरह भारत में एक खिलाड़ी को भगवान बना दिया जाता है और पूरी टीम के खेल को बिल्कुल भी सराहा नहीं जाता. साल 2011 के वर्ल्ड कप में गौतम गंभीर ने भी आतिशी पारी खेल कर टीम इंडिया की जीत में बहुत बड़ा योगदान दिया था पर आज उन्हें कोई याद नहीं रखता.
सबको याद है बस एक छक्का
आपको बता दे कि गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने 2011 की वर्ल्ड कप में 97 रन की पारी खेली थी. उस वक्त युवराज सिंह का भी अहम योगदान था. साथ ही साथ सुरेश रैना, जहीर खान, मुनाफ पटेल और सचिन तेंदुलकर ने भी खूब रनों का अंबार लगाया था, पर बात सिर्फ होती है उसे एक छक्के की, जिन्हें सारा क्रेडिट मिल जाता है.
अगर एक खिलाड़ी वर्ल्ड कप जीत सकता है तो इंडिया ने अभी तक सारे ही वर्ल्ड कप जीते होते. दिक्कत यह है कि हम अपने एक खिलाड़ी को ही भगवान की तरह पूजने लगते हैं.
नहीं मिला इन खिलाड़ियों को क्रेडिट
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने एक शो पर चर्चा करते हुए बताया कि
“जब भी मैं खिलाड़ियों को क्रेडिट नहीं देने की बात करता हूं, तो मेरे बारे में भूल जाइए, लेकिन हमने युवराज सिंह को भी उतना क्रेडिट नहीं दिया जितना उन्हें मिलना चाहिए था. कितने लोग बात करते हैं कि जहीर खान के पहले स्पैल के बारे में जो उन्होंने वर्ल्ड कप फाइनल में फेंका था, जिसने भारत के लिए जीत की नींव रखी थी, तो बात यहां खिलाड़ियों की नहीं है. मैं बात कर रहा हूं मीडिया की, सोशल मीडिया की जहां एक खिलाड़ी को भगवान बना दिया जाता है और आप टीम के बारे में पूरी तरह भूल जाते हैं.”
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