भारतीय मेंस क्रिकेट टीम में खेलने वाले खिलाड़ियों में फेर बदल होता रहता है। जिसके कारण कभी बड़े बड़े खिलाड़ियों को टीम से बाहर बैठना पड़ता है। सभी खिलाड़ी अपने प्रदर्शन के दम पर टीम में जगह बनाते हैं लेकिन फिर भी कई खिलाड़ी अन्य किसी खिलाड़ी के पतन का कारण बनकर सामने आ जाते हैं। ऐसे ही भारतीय गेंदबाज रविचंदन अश्विन कैसे हरभजन सिंह के बाहर बैठने का कारण बन गए, आइए जानते हैं।
6 साल से बाहर है भारतीय टेस्ट के सबसे सफल गेंदबाज
भारतीय क्रिकेट के टेस्ट फॉर्मेट के नंबर एक गेंदबाज खिलाड़ी हरभजन सिंह टेस्ट मैचों से लगभग 6 साल से बाहर चल रहें हैं। विराट कोहली की कप्तानी में उन्हे कुछ कम मौके मिले हैं। हाल ही में कानपुर टेस्ट जोकि न्यूजीलैंड के खिलाफ हुआ था उसमे रविचंद्रन अश्विन ने हरभजन सिंह का रिकॉर्ड तोड दिया था। जिसके बाद अब हरभजन सिंह जिन्हे उनके फैंस प्यार से टर्बनेटर भी बुलाते हैं। उनका टीम में आना लगभग असम्भव हो चुका है। इसलिए वो जल्द ही अपने सन्यास का ऐलान कर सकते हैं।
हाल में रविचंद्रन अश्विन ने तोड़ा हरभजन सिंह का रिकॉर्ड
न्यूज़ीलैंड के साथ हुए दो मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच में जो कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला गया था। रविचंद्रन अश्विन ने विकेट की गिनती में हरभजन सिंह को पछाड़ दिया है। हरभजन के नाम 417 विकेट थे। रविचंद्रन अश्विन ने 418 विकेट लेकर अपने नाम कर लिया। अब रविचंद्रन अश्विन भारत के टेस्ट फॉर्मेट में विकेट लेने वाले तीसरे बल्लेबाज बन गए हैं।
1998 में हरभजन सिंह ने किया डेब्यू
हरभजन सिंह का करियर 1998 में सौरव गांगुली के बुलावे के साथ हुआ था। उन्होंने 2007 और 2011 के विश्व कप स्क्वाड में भी अपना योगदान दिया था। उन्होंने 103 टेस्ट मैचों में 417 विकेट अपने नाम किए हैं। जिसमे 5 बार 10 विकेट लेने का कारनामा भी किया है। इसी के साथ 236 वन डे मैचों में 269 विकेट लिए हैं और 3 बार 5 विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने है। भारतीय गेंदबाजों की विकेट चटकाने के लिस्ट में 417 विकेट के साथ हरभजन सिंह का नाम चौथे नंबर पर आता है। लेकिन रविचंद्रन अश्विन के फॉर्म के चलते अब हरभजन सिंह को टीम का बुलावा आना संभव नहीं गई। इसलिए वो जल्द ही अपने सन्यास का ऐलान कर सकते हैं।