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ज्ञान की बातें: आखिर क्यों शहरों और राज्यों के नाम के पीछे जोड़ा जाता है पुर, क्या है पुर का मतलब, जानिए

भारत एक ऐसा देश है जो कि लोकतांत्रिक है और इस लोकतांत्रिक देश में कई बड़े शहर आते हैं। भारत में बहुत सारे लोग घूमने फिरने के शौकीन होते हैं। अक्सर आप एक जगह से दूसरी जगह का यात्रा करते हैं। ऐसे में आप देखते होगें कि हर जगह पर शहर या राज्य के आखिरी में पुर लिखा होता है। लेकिन आपको क्या पता है कि जगह के आखिर में नाम की आखिरी में पुर क्यों लिखा होता है। आज हम आपको बताएंगे कि शहरों के नामों में आखिरी में पुर क्यों लिखा होता है।

अगर आप कही जाते हैं, तो देखते होंगे कि जगहों के नाम के पीछे पुर लिखा होता है। जैसे गोरखपुर, जयपुर, रायपुर, कानपुर रामपुर आखिरी में पुर का यूज क्यों किया गया है, हम आपको बताएंगे।

इस वजह से जोड़ा गया है पुर

बता दें कि प्राचीन काल से ही शहरों के नाम के पीछे पुर को जोड़ा गया है। हालांकि की किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया होगा कि शहरों के नाम के पीछे पुर क्यों जोड़ा जाता था।

राजा महाराजा अपने नाम के साथ जोड़कर शहर के नाम रखते थे। जयपुर शहर का निर्माण राजा जयसिंह ने कराया और उन्होंने उसके नाम के साथ पुर को जोड़कर जयपुर का नाम रखा।

क्या है पुर का मतलब

पुर का मतलब होता है शहर या किला। ऋग्वेद में इसका उल्लेख मिलता है। यह एक प्राचीन संस्कृतिक शब्द है। इसका  मतलब किला या शहर होता है। राजा महाराजा अपने शहर के नामों के पीछे पुर जोड़ देते थे।

ईरान और अफगानिस्तान में होता है पुर शब्द का प्रयोग

कुछ भाषा के जानकार बताते हैं कि पुर शब्द का उपयोग अरबी भाषा में भी होता है और यही वजह है कि अफगानिस्तान और ईरान के कुछ शहरों के नाम में भी पुर आता है।

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