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2011 इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के बाद टीम इंडिया से बाहर किए जाने पर छलका अभिनव मुकुंद का दर्द, बोले- ‘शायद मैं और रन बना सकता था, लेकिन…

टीम इंडिया के लिए अपने बल्ले से कभी मैच का रुख पलट देने वाले धाकड़ बल्लेबाज रहे अभिनव मुकुंद ने 13 साल बाद टीम से बाहर निकाले जाने पर अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने साल 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज को लेकर अब बात की है। पूर्व क्रिकेटर ने बताया कि उन्हें इस सीरीज के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था। अगर उन्हें मौका मिलता तो वह लंबी पारियां खेल सकते थे।

बता दें कि 2011 में खेली गई इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में अभिनव मुकुंद ने पहले दो मैचों की चार पारियो में 64 रन बनाए थे। इस दौरान उनका बल्ला पूरी तरह खामोश रहा था। यही वजह रही कि अंतिम दो मैचों में उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया था। इस सीरीज को टीम इंडिया ने 4-0 से गंवा दिया था।

6 सालों तक नहीं मिली थी टीम में जगह

इंग्लैंड टेस्ट में मिली करारी शिकस्त के बाद अभिनव मुकुंद को लगभग 6 सालों तक बाहर बैठना पड़ा था। उन्हें टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बनाया गया था। इस विषय पर बात करते हुए अब खिलाड़ी ने अपना दर्द बयां किया है।

उन्होंने कहा कि,

“मेरे पास इसके बारे में सोचने के लिए काफी समय था। इसलिए मैंने सोचा कि शायद मैं रन बना सकता था क्योंकि मैंने लॉर्ड्स में 49 रन बनाए।  मैंने अगले टेस्ट मैच में शून्य और तीन रन बनाए और इसलिए मुझे बाहर कर दिया गया। उन चार टेस्ट मैचों के बीच में  तीसरे टेस्ट से ठीक पहले  एक टूर गेम था और बहुत से लोग नहीं जानते कि मैंने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की और मैंने नॉर्थम्प्टनशायर के खिलाफ भारत के लिए शतक बनाया। इसके तुरंत बाद  हम घरेलू सत्र में गए और मुझे ऑस्ट्रेलिया दौरे या वेस्टइंडीज श्रृंखला के लिए नहीं बुलाया गया।”

अपने टेस्ट डेब्यू पर पूर्व क्रिकेटर ने की चर्चा

इस दौरान क्रिकेटर ने अपने टेस्ट डेब्यू को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने बताया टीम इंडिया के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना काफी सुखद अनुभव था।

अभिनव मुकुंद ने कहा कि,

“यह बहुत अजीब था क्योंकि मैंने पिछले तीन या चार महीनों से कोई क्रिकेट नहीं खेला था। हमने सीजन खत्म कर लिया था, यह जून में हुआ। इसलिए वास्तव में हुआ यह कि मैं बिना किसी मैच अभ्यास के मैदान पर उतरा। मैं वहां पहुंचा और तीन दिन बाद मैं टेस्ट मैच खेल रहा था।”

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