Jemimah Rodrigues: भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच आज दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला नवी मुंबई के डी वाई पाटील स्टेडियम में खेला गया, जहां टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया की टीम (Australia Cricket Team) ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 49.5 ओवरों में 338 रन बनाए, जिसके जवाब में भारतीय टीम (Team India) ने शानदार खेल दिखाया.
भारतीय टीम ने जेमिमा रोड्रिगेज (Jemimah Rodrigues) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) के शानदार बल्लेबाजी की बदौलत 9 गेंद पहले ही मैच को खत्म कर दिया. भारत की जीत में जेमिमा ने शतकीय पारी खेली, वहीं कप्तान हरमनप्रीत कौर 89 रन बनाकर आउट हुईं थीं. भारत को जीत दिलाने के बाद जेमिमा (Jemimah Rodrigues) काफी भावुक हो गईं.
Jemimah Rodrigues ने भारत को जीताने के बाद कही ये बात
भारत को फाइनल में पहुँचाने वाली जेमिमा रोड्रिगेज (Jemimah Rodrigues) को मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया. जेमिमा रोड्रिगेज ने मैच के बाद कहा कि
“सबसे पहले, मैं जीसस का शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ, क्योंकि मैं ये अकेले नहीं कर सकती थी. मुझे पता है कि उन्होंने आज मुझे संभाला. मैं अपनी माँ, अपने पिताजी, अपने कोच और हर उस व्यक्ति का शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ जिन्होंने इस दौरान मुझ पर विश्वास किया. पिछले चार महीने वाकई बहुत मुश्किल रहे, लेकिन ये एक सपने जैसा लग रहा है और अभी तक मेरे अंदर नहीं उतरा है.”
जेमिमा (Jemimah Rodrigues) को आज पहली बार नंबर 3 पर मौका दिया गया था, जिसके बारे में बात करते हुए जेमिमा ने कहा
“मैंने असल में तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी नहीं की थी. मैं नहाते हुए अभी भी पाँचवें नंबर पर थी. और जब चर्चा हो रही थी, तो मैंने उनसे कहा, मुझे बता दीजिये, तो मैदान में उतरने से ठीक पहले, मुझे पता चला कि मैं तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी कर रही हूँ, लेकिन मैंने अपने बारे में नहीं सोचा. मुझे अपनी बात साबित नहीं करनी थी. मुझे बस भारत के लिए ये मैच जीतना था, क्योंकि हम हमेशा कुछ परिस्थितियों में हारते आए हैं और मैं बस वहाँ मौजूद रहकर हमें जीत दिलाना चाहती थी.”
जेमिमा ने शतक बनाने के बाद जश्न नही मनाया. इसकी वजह बताते हुए जेमिमा ने कहा कि
“आज का दिन मेरे पचास या सौ रन बनाने का नहीं था. आज का दिन भारत को जिताने का था. मुझे पता है कि मुझे कुछ मौके मिले हैं, लेकिन मुझे लगता है कि भगवान ने मुझे सही समय पर सब कुछ दिया है और उसे सही इरादे, नेक इरादे में ढाला है. और मुझे लगता है कि अब तक जो कुछ भी हुआ है, वो बस इसी इंतज़ार में है. आप अपनी किस्मत खुद बनाते हैं.”
Jemimah Rodrigues को नही मिला था टी20 विश्व कप 2022 में मौका
18 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू करना हर किसी के बस की बात नहीं होती. अगर राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना एक बात है, तो टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए कौशल और मानसिक मज़बूती बनाए रखना दूसरी बात है. जेमिमा के लिए करियर की शुरुआत में सब कुछ आसान था, लेकिन जब उन्हें 2022 विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया, तो ज़िंदगी मानो एक मोड़ पर आ गई. इससे उन्हें बहुत गहरा सदमा लगा.
जेमिमा (Jemimah Rodrigues) ने भारत को फाइनल में पहुँचाने के बाद कहा कि वह लगभग हर रात रोती थीं और दोस्तों और परिवार के सामने अपनी भावनाओं को छुपाती थीं. थोड़े समय के मानसिक विराम के बाद, जेमिमा ने अपना ध्यान उस चीज़ पर केंद्रित किया, जिससे उन्हें सबसे ज़्यादा प्यार है और क्या, क्रिकेट के अलावा. उन्होंने अपने स्थानीय कोचों के साथ काम किया, मुंबई के मैदानों में गईं और अपनी ज़िद पर अड़ी रहीं – कठिन पिचों पर खेलना चाहती थीं और स्थानीय सर्किट में उपलब्ध कठिन गेंदबाजों (पुरुष और महिला) का सामना करना चाहती थीं.
पुरस्कार हमेशा आपकी ओर दौड़कर नहीं आते. यह उन लोगों की गोद में लुढ़कते हुए आते हैं जो कभी हार नहीं मानते. जेमिमा एक मजबूत पॉकेट रॉकेट है और उसने सोशल मीडिया और उससे परे सभी ट्रोल और उपहास को एक झटके में शांत कर दिया.
