आईपीएल 2022 का दूसरा क्वालीफ़ायर मुक़ाबला 27 मई को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच खेला गया. इस मैच में राजस्थान ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया. जिसके बाद पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी बैंगलोर की टीम ने 20 ओवर में 8 विकेट के नुक़सान पर 157 रनों का स्कोर बनाया.
जिसके जवाब में दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने उतरी राजस्थान रॉयल्स की टीम ने इस लक्ष्य को 18.1 ओवर में ही 3 विकेट खोकर हासिल कर लिया और 7 विकेट की जीत दर्ज कर फ़ाइनल में जगह बनाई. इस मैच में जीत के बाद राजस्थान रॉयल्स के मेंटोर और पूर्व दिग्गज श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने टीम की सफ़लता को लेकर विस्तार से बात की.
कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग रंग लाई – कुमार संगकारा
बैंगलोर के खिलाफ़ मिली जीत के बाद आईपीएल 2022 के फ़ाइनल में पहुंचने वाली राजस्थान रॉयल्स के फ़ैंस में इस वक़्त खुशी की लहर है. इसी सिलसिले में टीम के मेंटोर और पूर्व दिग्गज श्रीलंकाई कप्तान व बल्लेबाज़ कुमार संगकारा ने पोस्ट मैच प्रेज़ेंटेशन में कहा कि,
“काफ़ी संतोषजनक प्रदर्शन टीम ने किया. सारी मेहनत और ट्रेनिंग ने आखिरकार अपना रंग दिखाया. गुजरात के खिलाफ़ आखिरी मैच इतना आसान नहीं था क्योंकि उस वक़्त हमारे पास बचाने के लिए आखिरी ओवर में मात्र 16 रन थे. जोस बटलर का गेम वाक़ई में शानदार है, उन्हें अपनी ताक़त पर पूरा भरोसा है. वो स्पिन को काफ़ी अच्छा खेलते हैं.
अपना दिन न होने पर वो ज़्यादा गैर जिम्मेदाराना शॉट्स नहीं खेलते. वो किसी भी वक़्त अपनी बल्लेबाज़ी का गियर बदल सकते हैं और उनके पास वास्तव में एक बेहतरीन टैलेंट है. पूरी गेंदबाज़ी यूनिट हमारी काफ़ी शानदार है. प्रसिद्ध को खास तौर पर क्रेडिट जाता है. जिस ईमानदार बर्ताव से उन्होंने परफ़ॉर्म किया वो वाक़ई में काबिलेतारीफ़ है. वो एक स्पेशल टैलेंट हैं.”
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फ़ाइनल के दिन जो टीम अच्छा खेलेगी वही जीतेगी – संगकारा
आगे संगकारा ने टीम के बाकी गेंदबाज़ों की तारीफ़ करते हुए और अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि,
“बोल्ट की बात करें तो वो हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश में रहते हैं. मैकॉय की माताजी वेस्टइंडीज़ में अपनी तबीयत में रिकवर कर रही हैं वहीं मैकॉय की दृढ़ता की हमें तारीफ़ करनी होगी. स्पिन जोड़ी ने भी बाकमाल प्रदर्शन किया. हम ऑक्शन के दौरान अपना 95 फ़ीसद पर्स इस्तेमाल करना चाहते थे. हमने अपने नए निवेशकों के साथ लगभग 8 महीने काम किया.
हमने कुछ चुनिंदा ही खिलाड़ियों की तरफ़ तवज्जो देने से परहेज़ किया. हमारा जो न्यूक्लियस है वो अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों से भरा हुआ है. मुझे याद है जब मैं राजस्थान के ही खिलाफ़ खेला था. वॉर्न कप्तान थे और मैं उनकी गेंद पर उन्हें ही कैच थमा बैठा था और उसके बाद जो वो दौड़े सबको याद है. हम गुजरात के खिलाफ़ फ़ाइनल में अपने बेसिक्स पर ध्यान देंगे. उस दिन जो टीम नर्व्स कंट्रोल कर के अच्छा खेलेगी निश्चित तौर पर वही जीतेगी.”