किसी को क्षेत्र में सफल होने के लिए आपको दो चीजों की जरूरत पड़ती है. पहला कर्म और दूसरा किस्मत. क्रिकेट में कुछ खिलाड़ी ऐसे हुए जिन्होंने प्रदर्शन तो बहुत बेहतर किया है, लेकिन उनकी किस्मत ने उनका साथ नही दिया है. ऐसे ही पांच बदकिस्मत खिलाड़ियों को हमारा यह लेख समर्पित है.
करुण नायर
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारत के तरफ से दो ही बल्लेबाजों ने तीहरा शतक लगाया है. पहले हैं वीरेंद्र सहवाग और दूसरा नाम है करुण नायर का. करुण नायर ने
इंग्लैंड के खिलाफ 303 रनों की पारी खेली थी. लेकिन इसके बावजूद करुण नायर को सिर्फ 6 टेस्ट में मौका मिला. नायर का टेस्ट औसत 62 का है.
मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने बंगाल के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हुए कुछ शानदार प्रदर्शन किया था. इस आधार पर मनोज तिवारी का सलेक्शन भारतीय टीम में हुआ. भारत के लिए खेलते हुए मनोज ने एक शतक भी जड़ा था. लेकिन फिर भी उनको सिर्फ 12 वनडे खेलने का मौका मिला था.
पीयूष चावला
पीयूष चावला का ज्रिक भारत के सबसे बेहतरीन युवा स्पिनरों में होती थी. पीयूष चावला ने सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे कम उम्र में टेस्ट डेब्यू करने का रिकाॅर्ड बनाया था. लेकिन पीयूष चावला को भारत के लिए 25 वनडे और 3 वनडे खेलने का मौका मिला है. पीयूष चावला ने 25 वनडे में 32 विकेट प्राप्त किया है.
एस बद्रीनाथ
बद्रीनाथ, महेंद्र सिंह धोनी के सबसे पसंदीदा खिलाडी रहे हैं. बद्रीनाथ ने कई सालों तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बेहतरीन परफार्मेंस किया था. इसी प्रदर्शन के दम पर एस बद्रीनाथ को भारतीय टीम में जगह मिली. लेकिन बद्रीनाथ को भारत के लिए सिर्फ 2 टेस्ट और 7 वनडे खेलने का मौका मिला.
अंबाती रायडू
कहते हैं बीसीसीआई ने अंबति रायूड के साथ साथ धोका किया. एक थ्री डी प्लेयर की खोज में एक परफैक्ट बल्लेबाज को वेस्ट कर दिया गया. रायडू को सचिन तेंदुलकर से कम्पेयर किया जाता था. लेकिन उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में 61 मैच खेलने का मौका मिला.
ALSO READ: भारत के इस बल्लेबाज ने बता दिया टीम इंडिया का सबसे बड़ा राज, रोहित शर्मा को लेकर किया खुलासा