भारत बनाम साउथ अफ्रीका के बीच दूसरे टेस्ट के परिणाम आ गया. भारतीय टीम को आख़िरकार बुरी तरह से हार मिली. गुवाहाटी टेस्ट में आखिरी दिन के खेल में 522 रन का पीछा करने उतरी लेकिन चौथे दिन ही 2 विकेट गंवा चुकी भारतीय टीम का पांचवे दिन जल्दी ही 8 विकेट गंवा दी और 140 रन पर ऑल आउट हो गयी. इस लक्ष्य को हासिल करने तो दूर मैच को ड्रा भी नहीं कार सकी. साउथ अफ्रीका की बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी ने भारत को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया. साउथ अफ्रीका ने कप्तान टेम्बा बवुमा की कप्तानी में आखिरकार सूखा खत्म किया. और 25 साल बाद भारत में 2-0 से सीरीज जीत ली है. जीत के बाद कप्तान टेम्बा बवुमा ने इस पर बयान देते हुए बड़ी बात बोली.
‘भारत आओ और 2-0 से हरा कर चले जाओ..’ कप्तान टेम्बा बावुमा ने दिया बयान
साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा की कप्तानी में अफ़्रीकी टीम इतिहास रच रही है. आईसीसी ट्रॉफी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीती और 25 साल बाद कप्तान टेम्बा की कप्तानी भारत में 2-0 से सीरीज जीती है. सीरीज अपने नाम करने के बाद उन्होंने बताया कि भारत में आना और 2-0 से हरारकर सीरीज जीतना यह सपना जैसा है. उन्होंने कहा कि,
“एक और ट्रॉफी के साथ: यह बहुत बड़ी बात है. मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से चोट के कारण कुछ महीनों के लिए खेल से बाहर रहना. ऐसा हर रोज़ नहीं होता कि आप भारत आकर 2-0 से जीतने के बारे में सोच सकें। एक समूह के रूप में हमने बेहतरीन दिन बिताए हैं और हम जानते हैं कि हम कितने कठिन हो सकते हैं. यह हमारे लिए एक और अविश्वसनीय उपलब्धि है. हमारी मानसिकता में एक बड़ा बदलाव आया. यह एक मजबूत भावना थी कि कोई भी अपने दिन योगदान दे सकता है, यहाँ तक कि मुथुस्वामी जैसे बेंच से आने वाले खिलाड़ी भी। एक टीम के रूप में हम अच्छी स्थिति में हैं और इससे हमारा आत्मविश्वास और बढ़ेगा.
“टीम में स्पष्टता और संवाद बहुत ज़रूरी है, कौन कहाँ खड़ा है और उससे क्या उम्मीदें हैं. एक कप्तान के तौर पर कभी-कभी गेंदबाज़ के हाथ से गेंद छीनना मुश्किल होता है, वे गेंदबाज़ी करते रहना चाहते हैं. हमारे पास बड़े शतक नहीं थे, लेकिन चार-पाँच खिलाड़ी ऐसे थे जो 60-70 रन बना सकते थे (इससे फ़र्क़ पड़ता है). मैं इस बारे में और बात कर सकता हूँ, यह टीम अच्छी स्थिति में है. साइमन को 2015 में यहाँ खेलने का अनुभव है, एक स्पिनर के तौर पर उनके पास अपार अनुभव है. वह केशव का बखूबी साथ देते हैं, उनकी लंबाई ज़्यादा है. मैं दोनों स्पिनरों के बीच प्रतिस्पर्धा की सराहना करता हूँ, इस सीरीज़ में साइमन हमारे लिए सबसे अहम खिलाड़ी थे. साइमन जैसा खिलाड़ी, और हर कोई आगे आकर बताता है कि वे टीम के लिए क्या करना चाहते हैं.”
