भारतीय टीम (Team India) के दिग्गज खिलाड़ी रविचन्द्रन अश्विन (Ravichandra Ashwin) ने अभी हाल ही में संन्यास का ऐलान किया है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे मैच के ड्रा होने के साथ ही रविचन्द्रन अश्विन ने संन्यास का ऐलान किया था. इस दौरान सीरीज 1-1 से बराबरी पर थी. भारतीय टीम ने पहला मैच 295 रनों से जीता था, तो ऑस्ट्रेलिया ने दूसरा टेस्ट मैच 10 विकेट से अपने नाम किया था. वहीं तीसरा मैच बारिश से प्रभावित रहा और ड्रा पर खत्म हुआ.
भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ियों में शामिल रविचन्द्रन अश्विन ने तीसरा टेस्ट मैच ड्रा पर खत्म होते ही संन्यास का ऐलान कर दिया था, क्योंकि उन्हें कुछ समय से टीम इंडिया की प्लेइंग 11 से नजरअंदाज किया जा रहा था, वो भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी नही जाना चाहते थे, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा के कहने पर वो गये, वहां 3 मैचों में सिर्फ 1 में प्लेइंग 11 में जगह मिलने से निराश अश्विन ने अचानक ही सभी को चौंकाते हुए संन्यास का ऐलान कर दिया. अब उन्होंने भारत के हार पर खुलकर बात की है.
रविचन्द्रन अश्विन ने इस खिलाड़ी को माना भारत के हार का जिम्मेदार
भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी रविचन्द्रन अश्विन ने भारत के हार का जिम्मेदार ऑस्ट्रेलिया माना है. रविचन्द्र अश्विन का मानना है कि अगर वो खिलाड़ी टीम का हिस्सा नही होता तो भारत की जीत पक्की थी. भारतीय दिग्गज खिलाड़ी ने टीम इंडिया की हार का असली जिम्मेदार स्कॉट बोलैंड को माना है, जिन्हें जोश हेजलवुड के चोटिल होने के बाद ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग 11 में शामिल किया गया है.
हेजलवुड के चोटिल होने को अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए वरदान बताया है, क्योंकि अगर हेजलवुड चोटिल नही होते तो स्कॉट बोलैंड को प्लेइंग 11 में मौका मिलना मुश्किल था. हेजलवुड के चोटिल होने पर स्कॉट बोलैंड को प्लेइंग 11 में मौका दिया गया, लेकिन जैसे ही जोश हेजलवुड ने अगले मैच में वापसी की बोलैंड को बाहर कर दिया गया, ऐसे में अगर जोश हेजलवुड चोटिल होकर पुरे सीरीज से बाहर नही होते तो शायद स्कॉट बोलैंड सिर्फ पानी पिलाते ही नजर आते.
रविचन्द्र अश्विन ने अपने हिंदी यूट्यूब चैनल पर हेजलवुड की चोट को ही ऑस्ट्रेलिया के लिए वरदान बताया और कहा कि
“सभी ने कहा कि पैट कमिंस ने पूरी सीरीज में शानदार खेल दिखाया, लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ उन्हें संघर्ष करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया भाग्यशाली था कि स्कॉट बोलैंड टीम में आए, अगर बोलैंड नहीं खेलते तो भारत सीरीज जीत जाता.”
रविचन्द्रन अश्विन ने कहा कि
“जोश हेजलवुड को कोई बुरा नहीं मानना चाहिए, क्योंकि वह एक शानदार गेंदबाज हैं, लेकिन अगर वे इसी तरह की गेंदबाजी जारी रखते तो हम जीत जाते. हमारे बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए बोलैंड की राउंड-द-विकेट गेंदों ने काफी मुश्किलें पैदा कीं.”
Ravi Ashwin “All said that Pat Cummins had a great series, but he struggled against left-handers.Australia was lucky that Scott Boland came into the team. If Boland hadn’t played, India would have won the series.”pic.twitter.com/sRadYx08Bs
— Sujeet Suman (@sujeetsuman1991) January 15, 2025
स्कॉट बोलैंड ने 3 मैचों में झटके 21 विकेट
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम बाएँ हाथ के बल्लेबाजो से भरी हुई थी. टीम इंडिया के पास यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर जैसे बाएं हाथ के घातक बल्लेबाज प्लेइंग 11 में मौजूद थे, जिनके सामने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस और दुसरे गेंदबाज संघर्ष करते नजर आ रहे थे, वहीं स्कॉट बोलैंड के सामने ये बल्लेबाज बेबस नजर आ रहे थे.
स्कॉट बोलैंड अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके हैं, ऑस्ट्रेलिया का ये गेंदबाज अब 35 साल का हो चुका है और अब ज्यादा से ज्यादा 2 साल और क्रिकेट खेल सकता है, लेकिन भारत की हार में इस खिलाड़ी ने अहम भूमिका निभाई. बोलैंड ने इस सीरीज में यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत को 2-2 बार आउट किया तो विराट कोहली को लगातार पवेलियन की राह दिखाई.
स्कॉट बोलैंड ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के 3 मैचों में 21 विकेट झटके, स्कॉट बोलैंड की वजह से ही भारत को 2 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इग्लैंड में आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में भी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. स्कॉट बोलैंड ने ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले 13 टेस्ट मैचों में 17.66 के जोरदार औसत से अब तक 56 विकेट झटके हैं.