रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) : 2000 से 2024 के बीच भारतीय टीम (Indian Cricket Team) ने कई बड़े और दिग्गज कप्तान देखे और इस दौरान भारतीय टीम (Team India) ने कई आईसीसी ट्रॉफी जीती. मैच फिक्सिंग जैसे आरोप से जूझ रही भारतीय टीम पर जब क्रिकेट फैंस को भरोसा नहीं रहा तो उस समय सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को सन 2000 में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया और 2003 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) के सामने आईसीसी विश्व कप (ICC World Cup 2003) खेला, लेकिन फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. यही वो दौर था जब भारतीय टीम का दुनिया ने एक बार फिर लोहा माना.
2007 से 2024 तक भारत ने जीता 4 आईसीसी ट्रॉफी
इसके बाद 2007 में महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) भारत के टी20 कप्तान बने और भारत को आईसीसी टी20 विश्व कप 2007 की ट्रॉफी जिताई, इसके बाद आईसीसी विश्व कप 2011 और फिर आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2013 का ख़िताब जीता, इसके बाद विराट कोहली (Virat Kohli) टीम इंडिया के कप्तान बने, लेकिन इस दौरान टीम इंडिया कोई आईसीसी ट्रॉफी नही जीत सकी, लेकिन कई आईसीसी ट्रॉफी का फाइनल और सेमीफाइनल खेला.
विराट कोहली के बाद रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया और उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने न सिर्फ आईसीसी विश्व कप 2023 का फाइनल खेला बल्कि आईसीसी टी20 विश्व कप 2024 की ट्रॉफी भी जीती. ऐसे में अब ये तुलना होने लगी है कि भारत का बेस्ट कप्तान कौन है इसका जवाब अब टीम इंडिया के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने दिया है.
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने बताया विराट, रोहित और धोनी की कप्तानी में अंतर
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने अभी हाल ही में स्पोर्ट्स जनर्लिस्ट विमल कुमार को एक इंटरव्यू दिया, जिसमे उन्होंने कहा कि
“रोहित की कप्तानी के बारे में 2-3 चीजें अच्छी हैं. वह हमेशा टीम के माहौल को हल्का बनाए रखते हैं. वह इसे हल्का बनाए रखने का प्रयास करते हैं. वह बहुत संतुलित रहते हैं और रणनीतिक रूप से मजबूत हैं. धोनी और विराट दोनों भी रणनीतिक रूप से मजबूत थे, लेकिन रोहित रणनीति पर कुछ ज्यादा ही काम करते हैं.”
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने आगे कहा कि
“रोहित एक बड़ी सीरीज से पहले एनालिटिक्स टीम के साथ काम करते हैं और अपने खिलाड़ियों को काफी सपोर्ट करते हैं.”
भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने कहा कि
“अगर कोई बड़ा मैच और सीरीज आने वाले है, तो रोहित कोच और एनालिटिक्स टीम के साथ बैठते हैं और रणनीति बनाते हैं. जैसे किस बल्लेबाज की क्या कमजोरी है और गेंदबाज के खिलाफ क्या प्लान बनाना है. ये उनकी ताकत है, लेकिन वह हमेशा टीम का माहौल हल्का बनाए रखते हैं और अपने खिलाड़ियों को पूरा सपोर्ट करते हैं. अगर वह किसी खिलाड़ी को प्लेइंग-11 में जगह देते हैं, तो उनको 100 प्रतिशत सपोर्ट करेंगे. मैनें इन्हीं तीनों की कप्तानी में अपना ज्यादातर प्रोफेशनल क्रिकेट खेला है.”