विश्व कप से सिर्फ एक सप्ताह पहले भारतीय टीम मैनेजमेंट ने एक बड़ा बदलाव किया है. एशिया कप के दौरान भारतीय हरफनमौला खिलाड़ी अक्षर पटेल चोटिल हो गए थे. पिछले कुछ दिनों से लगातार यह खबर चर्चा में थी कि अक्षर पटेल विश्व कप से बाहर हो सकते हैं.
कल इस बात की पुष्टि हुई और बीसीसीआई ने यह भी बताया कि अक्षर पटेल की जगह पर रवि अश्विन टीम के हिस्सा होंगे. अब अक्षर पटेल की जगह पर अश्विन को ही मौका क्यों मिला, इसके तीन कारण है जिसको हम इस लेख में समझने वाले हैं.
अनुभव है सबसे बड़ा कारण
रवि अश्विन ने अपना डेब्यू मैच 5 जून 2010 में खेला था. रवि अश्विन विराट कोहली के अलावा दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं, जो साल 2011 के विनिंग टीम के हिस्सा थे और 2023 के स्क्वाड में भी शामिल हैं. रवि अश्विन ने 2011 का विश्व कप 2015 का विश्व कप और कई T20 विश्व कप खेला है.
वहीं वह कई आईपीएल फाइनल के भी हिस्सा रहे हैं. ऐसे में रवि अश्विन जो अपने साथ अनुभव लेकर आते हैं, वह उनको टीम में लाने का एक बड़ा कारण बना है.
भारतीय पिचों पर खतरनाक हो जाते हैं अश्विन
इतिहास गवाह रहा है कि भारत में हमेशा स्पिन फ्रेंडली विकेट्स बनते हैं. और जहां पर भी स्पिनरों को थोड़ी भी मदद मिलती है रवि अश्विन बहुत ही खतरनाक हो जाते हैं. अभी हाल ही में एकदिवासी सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में रवि अश्विन ने तीन विकेट चटकाए थे.
मार्नस लाबुशेन को उन्होंने जिस तरीके से बोल्ड किया था उससे पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम घबरा गई थी. रविचंद्रन अश्विन ने भारत की धरती पर अभी तक कुल 44 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने कुल 69 विकेट चटकाए हैं.
वेरिएशन के धनी हैं अश्विन
रविचंद्रन अश्विन के पास ऑफ स्पिन के अलावा कैरम गेंद भी है. कई क्रिकेट एक्सपर्ट यह मानते हैं कि कैरम गेंद का ईजाद रवि अश्विन ने ही किया था. यह गेंद ऑफ स्पिन की जगह पर लेग ब्रेक हो जाती है और बल्लेबाज समझ ही नहीं पता. वहीं रवि अश्विन कभी लेग स्पिन भी कर देते हैं.
वह अलग-अलग एक्शन से गेंदबाजी करते हैं, कभी धीमे कभी तेज. कहने का सार यह है कि रवि अश्विन के पास खूब वेरिएशन है और यह वेरिएशन उनको विश्व कप की टीम में जगह बनाने में मदद दिया है.