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रोचक तथ्य: भारत के इस गांव की महिलाएं हफ्ते में 5 दिन नहीं पहनती हैं कपड़े, पुरुष के लिए भी होती है ये शर्त

भारत एक ऐसा देश है जहां हर संस्कृति के लोग बसे हुए हैं। यहां हर धर्म के लोग बसे हुए हैं। वहीं भारत में गांव में रहने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। भारत में अलग अलग संस्कृति अलग-अलग धरोहर और अलग-अलग विरासत है। जहां अलग-अलग तरह के लोग देखने को मिलते हैं। आज हम आपको भारत के ऐसे ही गांव के बारे में बताएंगे जहां पर महिलाएं कपड़ा धारण नहीं करती हैं।

इस गांव में महिलाओं को 5 दिन बिना कपड़ों के ही रहना पड़ता है और यह परंपरा सदियों से इस गांव में निभाई जा रही है। आज भले ही यह भारत देश बहुत आगे बढ़ चुका है लोग अपनी सोच बदल चुके हैं लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां 5 दिन तक महिलाएं कपड़ा नहीं पहनती है।

वहां पुरुष और महिला में कोई भेद नहीं रहता। कई ऐसी जगह है जहां अजीबोगरीब परंपराएं देखने को मिलती है। आज हम आपको भी गांव से रूबरू करवाएंगे जहां 5 दिन तक महिलाएं कपड़ा नहीं पहनती हैं।

 भारत के इस गांव में महिलाएं नहीं पहनती कपड़ा

बता दें कि भारत का एक ऐसा गांव है जहां 5 दिन तक महिलाएं कपड़े नहीं पहनती हैं। जानकारी के मुताबिक के इस गांव में अगर कोई इन 5 दिनों में कपड़ा पहनता है तो कोई ना कोई बुरी खबर जरूर सुनने को मिल जाती है। जो महिलाएं कपड़ा नहीं पहनती है उस दौरान पति पत्नी आपस में बातचीत भी नहीं करते हैं। और एक दूसरे से पूरी तरह से दूर रहते हैं। यह गांव कहीं और नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश के पिणी गांव का है।

पुरुषों के लिए भी है कुछ नियम

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कैसा गांव है पांच दिन तक महिलाएं वस्त्र नहीं धारण करती हैं। वहीं पुरुषों के लिए कुछ परंपरा और नियम है जिसे निभाना बहुत जरूरी होता है। महिला 5 दिन तक कपड़ा नहीं पहनती है लेकिन पुरुषों के लिए भी कुछ नियम हैं।

जानकारी के मुताबिक इस दौरान पुरुष शराब मांस का सेवन नहीं करते हैं और अगर ने किसी इस परंपरा का निर्वहन नहीं किया तो वहां के देवता नाराज हो जाते हैं। और बहुत बुरा होने लगता है।

 वस्त्र ना पहनने के पीछे की ये है वजह

खबरों की मानें तो इस गांव में परंपरा है कि बहुत समय पहले में राक्षसों का आतंक बना हुआ था। जिसके बाद ‘लाहुआ घोंड’ नाम का एक देवता पीढ़ी गांव आए और उन्होंने राक्षसों से गांव वालों को बचा लिया। राक्षस गांव की सजी-धजी और सुंदर कपड़े पहने वाली शादीशुदा महिलाओं को उठाकर लेकर चले जाते थे। राक्षसों से बचने के लिए गांव की महिलाएं 5 दिन तक के वस्त्र धारण नहीं करती थी।

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