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इन 3 दिग्गजों ने भारत में सीखा क्रिकेट खेलना फिर टीम इंडिया छोड़ पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला

दक्षिण एशिया में जब भी क्रिकेट की बात होती है तो सबसे पहले ज़ेहन में दो ही देशों के नाम आते हैं, भारत और पाकिस्तान. इन दोनों देशों के लिए क्रिकेट कितना बड़ा रोमांस है इसका अंदाज़ा भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच के दौरान रहने वाले माहौल से लगाया जा सकता है.

इन दोनों ही देशों में क्रिकेट इतना लोकप्रिय है कि जब भी इन दोनों की बीच कोई क्रिकेट मैच होता है तो उसे अघोषित कर्फ़्यू की संज्ञा दी जाती है. कई क्रिकेटर्स का सपना होता है कि वो भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलें, ऐसा ही कुछ अपने देश के लिए पाकिस्तान के युवाओं की भी इच्छा होती है. लेकिन इस आर्टिकल में हम आपको रूबरू कराएंगे उन चंद क्रिकेटर्स से जिन्होंने भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों के लिए क्रिकेट खेली.

1. गुल मोहम्मद 

gul mohammed

15 अक्टूबर 1921 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के लाहौर में जन्मे गुल मोहम्मद ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत भारत की आज़ादी से पहले ही कर दी थी. बंटवारे के बाद गुल पाकिस्तान तो गए लेकिन 1946 से लेकर 1952 तक उन्होंने 8 टेस्ट मैच भारत के लिए खेले. पाकिस्तान जाने के बाद उन्होंने अपने करियर का आखिरी और पाकिस्तान के लिए इकलौता टेस्ट मैच खेला.

गुल मोहम्मद के करियर का आखिरी टेस्ट मैच 11 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 1956 के बीच कराची में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया. इस मैच की पहली पारी में गुल ने 12 तो वहीं दूसरी पारी में 27 रन बनाए. इसके अलावा भारत के लिए खेलते हुए विजय हज़ारे के साथ की गई उनकी ऐतिहासिक साझेदारी को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में आज भी याद किया जाता है.

फ़र्स्ट-क्लास क्रिकेट में गुल मोहम्मद के प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने कुल 118 मैच खेले. इन मैचों में गुल के बल्ले से 33.81 के बल्लेबाज़ी औसत, 12 शतकों और 21 अर्धशतकों के साथ 5614 रन बनाए. इस दौरान एक पारी में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 319 रहा.

न केवल बल्लेबाज़ी बल्कि गेंदबाज़ी में भी गुल मोहम्मद ने 27.20 के गेंदबाज़ी औसत और 2.39 के इकॉनोमी रेट से कुल 107 विकेट चटकाए. गेंदबाज़ी में एक पारी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 60 रन देकर 6 विकेट रहा.

2. अब्दुल हफीज कारदार 

abdul hafeez

17 जनवरी 1925 को पंजाब के लाहौर में ही जन्मे अब्दुल हफ़ीज़ ने 1947 तक ‘अब्दुल हफ़ीज़’ नाम से ही भारत के लिए क्रिकेट खेली. क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स पर 22 जनवरी से 25 जनवरी के बीच भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए मैच में अब्दुल हफ़ीज़ ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का पहला टेस्ट मैच खेला था. इस मैच में भारतीय टीम के कप्तान इफ़्तिखार अली खाँ पटौदी थे.

भारत का विभाजन होने के बाद अब्दुल हफ़ीज़ ने पाकिस्तान के लिए खेलने का फ़ैसला किया. उन्हें पाकिस्तान में क्रिकेट का जनक भी कहा जाता है, जिसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि आज़ादी और विभाजन के बाद वजूद में आई पाकिस्तान की टीम के वो पहले कप्तान थे. रोचक तथ्य ये भी है भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान के लिए पहला टेस्ट भी अब्दुल हफ़ीज़ ने भारत के खिलाफ़ ही खेला था.

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21 अप्रैल 1996 को पंजाब के इस्लामाबाद में अंतिम सांस लेने वाले अब्दुल हफ़ीज़ करदार ने अपने पूरे करियर में कुल 23 टेस्ट मैच खेले जिनमें से 23 उन्होंने पाकिस्तान के लिए खेले और 3 भारत के लिए. 26 टेस्ट मैचों में हफ़ीज़ ने बल्ले से 927 रन बनाए तो वहीं गेंद से 21 विकेट भी चटकाए.

3. आमिर ईलाही 

amir elhai

लाहौर में ही जन्मे एक और इंडो-पाक क्रिकेटर का नाम है आमिर इलाही. आमिर ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 12 दिसंबर 1947 को ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेले गए टेस्ट मैच से की थी. इसके अलावा आमिर के करियर का पहला टेस्ट होने के साथ-साथ ये मैच भारत के लिए आमिर इलाही का ये इकलौता ही मैच है.

हालांकि, आमिर इलाही अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ज़्यादा टेस्ट मैच नहीं खेले और अपने करियर के बाद के 5 टेस्ट उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के लिए ही खेले. लेकिन घरेलू क्रिकेट में आमिर ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 125 मैचों में 513 विकेट चटकाए. इस दौरान एक पारी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श 94 रन देकर 8 विकेट था.

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आमिर इलाही के बारे में एक रोचक तथ्य ये भी है कि जहाँ एक ओर उन्होंने भारत के लिए डेब्यू करते हुए अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट खेला था तो वहीं अपने करियर आखिरी टेस्ट उन्होंने पाकिस्तान के लिए खेलते हुए भारत के  ही खिलाफ़ खेला था.