SDM पद पर आसिन पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य पिछले कुछ महीनों से सुर्खियों में बनी हुई हैं. कथित तौर पर यह आरोप लगाया जाता है कि ज्योति मौर्य ने अपने पति आलोक मौर्य को धोका देकर किसी तीसरे व्यक्ति के साथ अवैध संबंध रखती थी. बताया जाता है कि पति आलोक मौर्य ने ही ज्योति मौर्य की पढ़ाई-लिखाई में मदद की थी.
जब से यह प्रकरण प्रकाश में आया है तब से लोग SDM के पद, पावर और पैसे के बारे में सर्च कर रहे हैं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि लोगों को यह भी जानने में दिलचस्पी है कि जब एक एसडीएम निलंबित हो जाता है, तो उसे कितनी सैलरी मिलती है.
निलंबित होने पर SDM को कितनी मिलती है सैलरी
बताया जाता है कि निलंबित होने पर एक SDM को पहले तीन महीने यानी 90 दिन आधी सैलरी यानी 50 प्रतिशत सैलरी दी जाती है. वही अगर मामला 90 दिन से अधिक जाता है तो सैलरी का 75 प्रतिशत हिस्सा दिया जाता है.
हालांकि यह जांच-पड़ताल 6 महीने से अधिक चलती है, तो कथित आरोपी को पूरी सैलरी मिलती है और अगर वह निर्दोष साबित होता है, तो उसे बाकि सैलरी भी प्राप्त होती है. यह जो नियम है वह सभी सरकारी कर्मचारी के लिए लागू होता है.
सरकारी घर-गाड़ी का क्या होता है
SDM या फिर किसी भी तरह के पीसीएस अधिकारी को जांच के वक्त सरकारी घर में रहने दिया जाता है. उसके जीतने सहयोगी है वह भी घर में रहते हैं.
वहीं SDM अपने सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल भी कर सकता है. चूंकि वह सरकारी कर्मचारी है, तो उसे सफर का भत्ता भी सरकार की तरफ से दिया जाता है. सरकार सरकारी कर्मचारी और उसके घर वालो को मेडिकल फैसिलिटी भी देती है.
ज्योति मौर्य कांड का क्या है स्टेट्स
ज्योति मौर्य कांड में कथित प्रेमी मनीष दूबे को सस्पेंड करके उस पर कार्रवाई चलाई जा रही है. वहीं ज्योति मौर्य पर भी जांच चल रही है. मीडिया और देश का यह बड़ा तबका यह मानता है कि ज्योति मौर्य ने अपने पति आलोक मौर्य को धोका दिया है जिसके लिए उसको सजा होना चाहिए.