आर अश्विन, भारत के सफलतम गेंदबाज़ों में से एक हैं। ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में हैं और इसका कारण उनको डब्ल्यूटीसी के फाइनल में जगह ना मिलना है। आर अश्विन ने भारतीय टीम के लिए सबसे ज़्यादा विकेट डब्ल्यूटीसी के साइकिल में लिया था, लेकिन फिर भी उन्हें फाइनल मैच में प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी गई, जिसका ख़ामियाज़ा टीम को हार से चुकाना पड़ा। लेकिन अश्विन फिर से एकबार सुर्ख़ियों में हैं और उसकी वजह संन्यास को लेकर दिया गया उनका बयान है।
संन्यास पर अश्विन ने तोड़ी चुप्पी
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की गिनती भारत के दिग्गज खिलाड़ियों में होती है। हालांकि ये अनुभवी क्रिकेटर अब अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं और ऐसे में डब्ल्यूटीसी के फाइनल के बाद उन्होंने एक बड़ा राज खोला है।
आर अश्विन की माने तो उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद संन्यास लेने का मन बना लिया था। अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में शानदार प्रदर्शन करते हुए 25 विकेट लिए थे, जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज के अवार्ड से समान्नित किया गया था।
उन्होंने आगे बताया,
“मैं बांग्लादेश से घर आया और अपनी पत्नी से कहा कि मैं फरवरी में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद रिटायर हो सकता हूं।मैं घुटने की समस्या से जूझ रहा था और अपने एक्शन में बदलाव करना चाहता था। क्योंकि हर डिलीवरी के बाद मुझे घुटनों में दर्द महसूस होता था।”
इस वजह से अश्विन ने बदला मन
अपनी पत्नी से उन्होंने अपनी रिटायरमेंट का ज़िक्र किया लेकिन उसके बाद अश्विन ने अपने एक्शन पर मेहनत की और फिर मैदान पर दमदार वापसी की।
उन्होंने आगे बताया कि
“मैंने अपने एक्शन को शुरुआती वर्षों के दौरान इस्तेमाल किए गए एक्शन से बदला है। मै एनसीए गया, इंजेक्शन लिए और धीरे-धीरे दर्द दूर होने लगा।”
अश्विन ने साथ ही कहा कि
“बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिलना उनके पिछले 4-5 साल के बेहतरीन प्रदर्शन में से एक था।”
कैसा रहा है अश्विन का इंटरनेशनल करियर
अश्विन ने 92 टेस्ट मैचों में 474 विकेट लिए हैं। और अहम मौक़ों पर टीम को जीत दिलायी है । इसके अलावा वनडे में 151 और टी20 इंटरनेशनल में 72 विकेट उनके नाम दर्ज हैं।
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