नवरात्रि में प्याज (ONION PRICE )की खपत कम होने के बाद भी उसके भाव में तेजी से उछाल आ गया है। बढ़ती महंगाई का असर आम जनता पर दिखाई दे रहा है। प्याज के बढ़ते दाम को देखते हुए प्याज विक्रेता स्टॉक भी करने लगे हैं। इसका मुख्य कारण नासिक में बारिश से प्याज का खराब होना व राजस्थान में रोग आने के कारण प्याज के भाव में अचानक से उछाल आना है।
आढ़तियों ने कही ये बात
आढ़तियों की ओर से बताया जा रहा है कि केवल10 दिन में प्याज के दाम दोगुने हो गए हैं। जिससे रसोई के बजट में काफी असर पड़ा है,अदरक, प्याज के बढ़े हुए भाव ने लोगों को हैरान कर दिया है। नवरात्र के दौरान विशेष पूजा पाठ व्रत करने वाले लोग प्याज का सेवन नहीं करते हैं और प्याज को भोजन में नहीं प्रयोग करते हैं। इस दौरान प्याज की डिमांड भी कम हो जाती है। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा आदि में नवरात्र के दौरान प्याज का खानपान में प्रयोग बहुत कम किया जाता है। जिसके कारण प्याज का भाव काफी कम हो जाता था, लेकिन इस बार उलटी गंगा बह रही है। प्याज के दाम अचानक आसमान छू रहे हैं। किसानों ने भाव बढ़ने की उम्मीद में स्टॉक लगाकर कर रखा है। मंडियों में प्याज की आवक कम होने के कारण प्याज के दाम दोगुने हो चुके हैं।
800 कट्टे प्याज की हर रोज बिक्री होती थी। अब राजस्थान में भारत की फसल में रोग व बारिश की वजह से इसकी पैदावार भी कम हुई है और नासिक में ज्यादा बारिश होने की वजह से काफी फसल खराब हुई है। खास तौर पर दोनों स्थानों के चलते प्याज की आवक काफी कम हो गई है। जिले में प्रतिदिन प्याज के करीब 800 से 850 तक के प्रतिदिन आते थे, लेकिन प्याज खराब होने की वजह से फिलहाल कई दिनों से प्याज आना बंद है। पहले कोरोना वायरस महंगाई झेल रही आम जनता कोरोना का हाल के दौरान आम आदमी की रामधनी आर्थिक रूप से कमर टूटी हुई है। ऐसे लोगों का घर चलाना भी काफी मुश्किल हो रहा है। पेट्रोल-डीजल सीएनजी एलपीजी के दाम रोजाना पढ़ रहे हैं। असर जहां आमजन पर पड़ रहा है। वहीं खाद पदार्थों में भी हो रहा है और जनता की जेब ढीली हो रही है।
प्याज के भाव में आई उछाल
नवरात्र पर्व में प्याज के दाम 20- 22 का भाव था और फुटकर विक्रेता 25 से 30 के दाम से बेचते थे। फिलहाल थोक में 32 से 37 भाव दिया जा रहा है। फुटकर में 55 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। सब्जी मंडी में प्रबंधन की ओर से 3526 से 3600 प्रति कुंटल के हिसाब से थोक के दाम से मंडी से फीस ली जाती है। फुटकर विक्रेता पर मंडी प्रबंधन का इन लोगों पर कोई कंट्रोल नहीं है।