भारत और दक्षिण अफ़्रीका के बीच टेस्ट सीरीज़ का पहला मैच सेंचुरियन के मैदान पर खेला जा रहा है. दूसरा दिन बारिश में धुलने से पहले शुरुआती दिन के खेल में भारतीय टीम ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया.
पारी की शुरुआत करने उतरे मयंक अग्रवाल और केएल राहुल ने भारतीय टीम को शानदार शुरुआत दिलाते हुए पहले विकेट के लिए 117 रन जोड़े. लेकिन पहले दिन ही इस मैच से एक बड़ा विवाद जुड़ गया है जिसको लेकर तमाम क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने अपनी-अपनी राय दी है. चलिए जानते हैं कि पूरा मसअला असल में है क्या.
मयंक अग्रवाल के आउट होने का पूरा वाक़या और विवाद
भारत की पारी के 41वें ओवर की दूसरी गेंद लुंगी एंगिडी की एक गेंद मयंक अग्रवाल के पैरों पर जा कर लगती है जिसके बाद दक्षिण अफ़्रीकी खिलाड़ी अपील करते हैं लेकिन मैदान अंपायर ने मयंक को नॉट आउट करार दे दिया.
इस पूरी घटना में विवाद तब शुरु हुआ जब 60 रन पर बल्लेबाज़ी कर रहे मयंक को थर्ड अंपायर ने दक्षिण अफ़्रीका की तरफ़ से लिए गए डीआरएस पर आउट दे दिया. इसके बाद से ही इस फ़ैसले को लेकर तमाम पूर्व क्रिकेटर्स और क्रिकेट एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय देखने और सुनने को मिल रही है.
अंपायर कॉल के मसले पर एक्सपर्ट्स उठा रहे सवाल
असल में मयंक डिसमिसल पर गैर करें तो एंगिडी की वो अंदर आती गेंद सीधे मयंक के पैड पर थोड़ा ऊपर की तरफ़ लगी थी. बॉल ट्रैकिंग में ये साफ़ देखा जा सकता था कि गेंद विकेट के ऊपरी हिस्से को छू रही है.
गेंद जिस तरह और जितना विकेट के ऊपरी हिस्से को छू रही थी, उससे इस फ़ैसले की विश्वसनीयता भी संदेह के घेरे में आती है. कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स का कहना कि अगर गेंद विकेट का इतना हिस्सा मिस कर रही थी इसमें अंपायर कॉल को तरजीह क्यों नहीं दी.
मैं कुछ नहीं कहूँगा वरना मेरी फ़ीस काट ली जाएगी – मयंक अग्रवाल
पहले दिन का खेल पूरा होने के बाद हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस को लेकर पूछे गए सवाल को मयंक अग्रवाल ने हंसी में टाल दिया. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, “मुझे इस फ़ैसले पर अपनी राय ज़ाहिर करने इजाज़त नहीं है तो मैं इसे ऐसे ही छोड़ देता हूँ. नहीं तो मैं फंस जाऊंगा और मैच फ़ीस काट ली जाएगी.”
इसके अलावा पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज़ वसीम जाफ़र ने भी एक मजेदार मीम शेयर कर इस फ़ैसले पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है.