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गरीबो का मसीहा, रॉबिन हुड, पूर्व भारतीय नेता की हत्या, अल्पसंख्यक मुस्लिम की पुलिस हिरासत में हत्या, अतीक, अशरफ की मौत पर जानिए BBC समेत विदेशी मीडिया पर क्या-क्या छपा है

माफिया से राजनीति में कदम रखने वाले अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार को तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं रविवार को दोनों के शवों को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया। बता दें कि इन दोनों की हत्या से पहले उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक के बेटे असद को यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया गया था।

वहीं इन घटनाओं पर देश ही नहीं, बल्कि विदेशी मीडिया ने भी कई आर्टिकल पब्लिश किए हैं। जिनमें ब्रिटेन, पाकिस्तान समेत कई देशों की मीडिया ने अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड की कवरेज की है।

बता दें कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ ने अपनी वेबसाइट पर अतीक और अशरफ की हत्या की खबर पब्लिश की है। वहीं उन्होंने हेडलाइन में लिखा है, “भारत के पूर्व नेता और उसके भाई की टीवी पर लाइव गोली मारकर हत्या।”

इस न्यूजपेपर की वेबसाइट पर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मीडिया कैमरे के सामने हत्या करने की पूरी घटना का जिक्र है। साथ ही दोनों को मुस्लिम अल्पसंख्यक भी बताया गया है। इसके अलावा दोनों भाई अपराध में बहुत गहराई से शामिल थे और पूर्व सांसद पर 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे। ये भी खबर में प्रकाशित किया गया है।

अल जजीरा में छपा अतीक हत्याकांड

बता दें कि अल जजीरा ने लिखा कि अपरहण मामले में दोषी पूर्व भारतीय सांसद और उसके भाई की प्रयागराज में लाइव टीवी पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस दौरान दोनों पुलिस की कस्टडी में थे। इस घटना से यूपी में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। साथ ही अल जजीरा में भी अतीक और अशरफ के मुस्लिम मायनॉरिटी होने का जिक्र किया है।

इसके अलावा अल जजीरा ने लिखा तथाकथित ‘पुलिस मुठभेड़ों में बीते एक दो सालों से यूपी में आरोपों का सामना कर रहे 180 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।

उन्होंने आगे लिखा कि साल 2019 में, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की थी। स्वतंत्र एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स मॉनिटरिंग ग्रुप के अनुसार, भारत देश के सभी राजनीतिक दलों में सैकड़ों नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित पड़े हैं।

जानिए बीबीसी ने अतीक पर क्या लिखा?

बता दें कि बीबीसी ने लिखा कि “भारतीय माफिया डॉन से राजनेता बने अतीक अहमद का सनसनीखेज हत्याकांड” वहीं इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का भी बयान लिखा गया है। विक्रम सिंह का बयान जो कि ये है –

अतीक अहमद की हत्या अस्वीकार्य है। कस्टडी में मौत काफी खराब है और हत्या तो उससे भी बदतर है। इस दौरान विक्रम सिंह ने अतीक को एक प्रकार का रॉबिन हुड, एक डॉ. जेकेल औ. अगला हाइड के रूप में बताया। जिसमें गरीब लोग की सहायता करने के लिए दिल खोलकर खर्च करना, शादियों के लिए भुगतान करना, ईद के त्योहारों के दौरान पैसे देना और गरीब महिलाओं को उनके बच्चों की किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने में मदद करना आदि जैसी सेवा है।

इसके अलावा बीबीसी ने लिखा कि अतीक अहमद प्रयागराज में एक गरीब परिवार में पैदा हुआ था और स्कूल ड्रॉपआउट भी था। आगे लिखा है कि कुछ सालों में ही उसने भारी संपत्ति अर्जित कर ली, राजनीतिक संरक्षण और पावर का खूब फायदा उठाया। साल 1989 से उसके राजनीतिक सफर जिसमें वह 5 बार विधायक बना और फिर 2004 में फूलपुर से एक बार सांसद बना।

अतीक के ऊपर 100 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की भी बात लिखी गई है। इसके अलावा बीबीसी की रिपोर्ट में अतीक की किडनैपिंग, जमीन कब्जाने, हत्याओं, वसूली आदि का भी जिक्र किया गया है।

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