वाशिंगटन सुंदर रोहित शर्मा

इस समय भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन एकदिवसीय मैचों की सीरीज़ का तीसरा और अंतिम मुकाबला क्रास्टचर्च में खेला जा रहा है। जहां मुकाबले में न्यूजीलैंड की टीम ने टाॅस ने जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। मैच में भारतीय टीम निर्धारित 50 ओवर भी नहीं खेल पायी और पूरी टीम 219 पर आलॅआउट हो गई।

टीम की ओर से वाशिंगटन सुंदर ने सर्वाधिक 51 रन बनाए। उनकी इस पारी से लोग काफी प्रभावित और सोशल मीडिया लोगों ने उनकी काफी तारीफ की। सुंदर की यह पारी जितनी संघर्षपूर्ण थी। उतनी ही संघर्षपूर्ण उनकी अब तक की जिंदगी भी रही है। आईये जानते है उनके संघर्ष के बारे में।

बचपन से एक कान से बहरे है वाशिंगटन सुंदर

वाशिंगटन सुंदर का जन्म 5 अक्टूबर 1999 में तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता का नाम एम सुंदर है। वाशिंगटन की बहन शैलजा सुंदर भी एक पेशेवर क्रिकेटर हैं। उन्हें बचपन से ही क्रिकेट का बहुत शौक था, उन्होंने 5 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट बेड्स एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई से प्राप्त की।

वाशिंगटन सुंदरको बचपन से बहुत बड़ी समस्या है। वह एक कान से सुन नहीं पाते हैं। लेकिन उनकी कान की समस्या ने उनके हौंसले को प्रभावित नहीं किया है और उन्होंने खेलना जारी रखा। हालांकि, कभी-कभी मैदान पर उन्हें कान की इस समस्या के चलते दिक्कत में देखा गया है। लेकिन कभी इसका असर उनके खेल पर नहीं हुआ।

उपनाम की रोचक कहानी

वही वाशिंगटन सुंदर के उपनाम के पीछे की कहानी भी बड़ी रोचक है। वाशिंगटन के पिता रणजी स्तर के क्रिकेटर थे और एक दिन उन्होंने अपने बेटे को एक क्रिकेट खिलाड़ी बनाने का सपना देखा। उनके पिता वाशिंगटन ने ही उनकी फीस का भुगतान किया था और साथ ही क्रिकेट बैट खरीद कर दिया था। अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने अपने पिता का नाम अपने उपनाम के रूप में प्रयोग करने लगे।

सुंदर ने 13 दिसंबर 2017 को श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। इस तारीख को उनकी उम्र 18 साल 69 दिन थी। इस प्रकार वे सबसे कम उम्र में भारत की तरफ से वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने में 7वें खिलाड़ी बन गए। इसके बाद 24 दिसंबर 2017 को उन्होंने रोहित शर्मा की ही कप्तानी में भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने अपने पदार्पण मैच में पहले ओवर फेंका और उसमें अपना पहला एकदिवसीय विकेट भी हासिल किया। 23 साल के वाशिंगटन सुंदर ने भारत के लिए अब तक 4 टेस्ट, 9 वनडे और 32 टी20 मैच खेले हैं।

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