IND vs SL: भारतीय टीम ने 4 मार्च को श्रीलंका के खिलाफ पहले मैच में काफी अच्छा प्रदर्शन किया हैं। भारतीय टीम की ओर से बल्लेबाजी और गेंदबाजी बहुत अच्छे स्तर पर की गई। श्रीलंका के खिलाफ पहले मैच में कई तरह के रिकॉर्ड बने और टूटे। जिसमें एक रिकार्ड रविचंद्रन अश्विन ने कायम किया। वो अब भारतीय टेस्ट फॉर्मेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जिसके बाद कपिल देव ने क्या कहा, आइए जानते है।
मौके मिले होते तो बहुत पहले टूट गया होता रिकॉर्ड
भारतीय टीम के श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में भारतीय स्पिन खिलाड़ियों ने कमाल का प्रदर्शन किया है। रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने बहुत अच्छी स्पिन गेंदबाजी का नजारा दिखाया है। जिसमें रविचंद्रन अश्विन ने टेस्ट फॉर्मेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालो की लिस्ट में दूसरा स्थान बना लिया है। उन्होंने ये रिकॉर्ड कपिल देव के रिकार्ड को तोड़कर बनाया है। जिसके बाद कपिल देव ने रविचंद्रन अश्विन को मौका मिलता तो वो पहले ही ये रिकार्ड बना लेते ऐसा कहा है।
कपिल देव ने कहा कि, ” ये उपलब्धि वास्तव में काफी बड़ी है। वो भी तब जब हाल के समय में उस खिलाड़ी को ज्यादा मौके न मिले हो। अगर उन्हें मौके मिले होते तो 434 विकेट का रिकॉर्ड वो पहले ही तोड़ चुके होते। मैं उनके लिए बहुत खुश हूं मैं अपने आप को दूसरे स्थान पर क्यों रखूं? मेरा समय निकल चुका है”।
उन्हें 500 टेस्ट विकेट का रिकॉर्ड बनना चाहिए
कपिल देव में रविचंद्रन अश्विन को तारीफ करते हुए उन्हें 500 विकेट लेने के रिकॉर्ड की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि,
” रविचंद्रन अश्विन शानदार क्रिकेटर, बेहेतरीन और बुद्धिमान स्पिन खिलाड़ी हैं। उन्हें अब अपने लिए 500 विकेट लेने का लक्ष्य रखना चाहिए। मुझे इस बात का यकीन है कि वो इसके लिए कोशिश करेंगे और इसे हासिल भी करेंगे”। बता दें, अनिल कुंबले टेस्ट फॉर्मेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी है। उन्होंने 619 विकेट निकाले हैं।
श्रीलंका के खिलाफ बनाया रिकॉर्ड
रविचंद्रन अश्विन ने आईएस बिंद्रा स्टेडियम पंजाब में श्रीलंकाई बल्लेबाज चरिथ असालांका को विराट कोहली के हाथो कैच कराकर आउट करवाया। जिसके बाद उन्होंने 436 विकेट के रिकॉर्ड के साथ दूसरा पायदान बनाया। जिसके बाद अब उन्हें 500 विकेट का रिकॉर्ड बनना चाहिए, ऐसा कपिल देव ने अपनी बातचीत में जिक्र किया है। रविचंद्रन अश्विन को बीच में भारतीय टीम में उतने मौके नहीं मिले थे।