आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप (ICC T20 World Cup 2021) में टीम इंडिया (Team India) का सफर किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा. लीग मैच में ही हार कर बाहर होते ही टीम में बदलाव का दौर शुरू हो गया. रवि शास्त्री (Ravi Shashtri) की जगह पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) हेड कोच और टी20 फॉर्मेट के कप्तान के रुप में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने जगह ले ली. लेकिन रवि शास्त्री का बयान उनका पीछा नहीं छोड़ रहा. पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने शास्त्री की जमकर खिंचाई की है.
ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती थी इंडिया
रवि शास्त्री ने अपने कार्यकाल में कई विदेशी दौरे पर टीम इंडिया को सफलता दिलाई थी. खासकर, ऑस्ट्रेलियाई धरती पर लगातार दो टेस्ट सीरीज जीतना टीम के लिए सबसे बड़े अचीवमेंट में से एक था. शास्त्री ने 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीत को शास्त्री ने 1983 वर्ल्ड कप से बड़ी जीत कहा था. इस पर जमकर विवाद भी हुआ. वहीं, उनके हेड कोच से हटने के बाद पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने एक बार फिर से अपने निशाने पर लिया है. गंभीर ने राहुल द्रविड़ से तुलना करते हुए शास्त्री को दोनों के बीच के सबसे बड़े फर्क के बारे में बताया. शास्त्री के कार्यकाल में टीम इंडिया नंबर-1 टेस्ट टीम बनने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में जाकर जीत दर्ज की, लेकिन टीम इंडिया के हाथ एक भी आईसीसी टूर्नामेंट नहीं लगा.
रवि शास्त्री पर गंभीर का तंज
टीम इंडिया के लिए तीनों फॉर्मेट में वीरेंद्र सहवाग के साथ ओपनर की भूमिका निभा चुके गौतम गंभीर से पूछा गया कि हेड कोच के तौर पर रवि शास्त्री में क्या कमियां थीं, इस पर टाइम्स नाउ से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,
‘एक चीज जो मुझे अजीब लगी थी वह यह कि जब आप अच्छा खेलते हो, तो आप खुद की तारीफ नहीं करते हो. यह ठीक है अगर बाकी लोग इसकी बात कर रहे हैं, लेकिन जब हमने 2011 वर्ल्ड कप जीता था, हम में से किसी ने यह बयान नहीं दिया था कि यह दुनिया की बेस्ट टीम है.’
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शास्त्री को गंभीर की नसीहत
पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने आगे कहा,
‘जब आप जीतते हैं, तो बाकी लोगों को इसके बारे में बात करने दीजिए. आप ऑस्ट्रेलिया में जीते यह बड़ी बात थी, आप इंग्लैंड में जीते क्योंकि आपने अच्छा प्रदर्शन किया और इसमें किसी को कोई शक नहीं है. लेकिन आप दूसरों को अपनी तारीफ करने दीजिए, आप इस तरह की बातें राहुल द्रविड़ के मुंह से नहीं सुनेंगे. भले भारत अच्छा खेले या फिर बुरा. उनके बयान हमेशा बैलेन्स्ड होंगे.’
गंभीर ने आगे कहा,
‘विनम्रता बहुत जरूरी होती है, चाहे आप अच्छा खेलें या फिर बुरा. मुझे लगता है कि द्रविड़ का सबसे बड़ा फोकस होगा कि अच्छा खिलाड़ी पहले अच्छा इंसान बने.’