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सरकार के इस कदम से 20 प्रतिशत सस्ते हुए सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के दाम, अब मात्र इतने में मिल रहा 1 लीटर तेल

by Manika Paliwal
mustard oil price

केंद्र सरकार ने महंगाई के मोर्चे पर एक और बड़ा कदम उठाया है। दरअसल मोदी सरकार ने तेल के बढ़ते दामों और कीमतों पर काबू करने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है। दरअसल गुरुवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें सूरजमुखी और सोयाबीन तेल पर बड़ा फैसला लिया है।

घट गया सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का आयात शुल्क

दरअसल आम तौर पर भारत रिफाइंड के बजाय कच्ची सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर आयात करता है। वही इन दोनों तीनों पर सरकार ने आयात शुल्क 17.5% से घटाकर की डेट 12.5 प्रतिशत कर दिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना में इस बात को बताया गया है कि सरकार के इस बड़े कदम के साथ ही रिफाइंड खाद्य तेलों का प्रभावी शुल्क 13.7% हो गया है जबकि सभी प्रमुख कच्चे खाद्य तेलों पर प्रभावित हुई 5.5 सीसी का है।

SEA के निर्देशक ने दी प्रतिक्रिया

दरअसल सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि,

‘‘आमतौर पर सरकार खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रण में रखना चाहती है. कच्चे और रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के बीच कम शुल्क अंतर के बावजूद रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल का आयात आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं है. इस कदम से बाजार की धारणा पर अस्थायी प्रभाव पड़ेगा.’’

इन दोनों तेलों का कोई नही आयात नहीं

दरअसल अभी रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पाया नहीं होता है। वही एसईए के अनुसार, केरल के मानसून की शुरुआत में 1 सप्ताह देरी हुई। जिसके कारण इसमें विलंब हुआ वही मेहता ने अपनी बात को आगे बढ़ाया और कहा कि

‘‘मौसम विभाग ने लगभग सामान्य मॉनसून का अनुमान लगाया है. हालांकि, अल नीनो से पूरी तरह इनकार नहीं किया गया है और इससे सामान्य मॉनसून की संभावना को झटका लग सकता है, जिसके चलते खरीफ फसल और अगले तेल वर्ष 2023-24 में वनस्पति तेलों की घरेलू उपलब्धता प्रभावित हो सकती है.’’

पूरे विश्व में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आया तक है भारत

बता दें कि भारत वनस्पति तेल का दुनिया में सबसे बड़ा खरीददार है यह मुख्य रूप से अर्जेंटीना ब्राज़ील यूक्रेन और उस पर सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल का आयात होता है। देश में सालाना 24 मीट्रिक टन खाद्य तेल की खपत अनुमानित है

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