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‘वो खांसते रहते थे…’ 2011 विश्व कप में युवराज सिंह की कैंसर का कब चला था टीम इंडिया को पता, अश्विन ने किया खुलासा

2011 का वनडे विश्व कप भारत की मेजबानी में खेला गया था। टीम इंडिया ने इस खिताब को तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में हासिल किया था। अब एक बार फिर भारत के नेतृत्व में वनडे विश्व कप का आगाज होने जा रहा है। 5 अक्टूबर को इस टूर्नामेंट का आगाज होगा, जिसमें भारतीय टीम अपने अभियान की शुरुआत 8 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से करेगी। ये मुकाबला चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जाएगा।

अश्विन ने सुनाई युवराज सिंह की दास्तां

वनडे विश्व कप 2023 की शुरुआत से पहले टीम इंडिया के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने विश्व कप 2011 से जुड़ा एक किस्सा साझा किया है। उन्होंने बताया है कि विश्व कप के दौरान कैसे युवराज सिंह ज़ोर-ज़ोर से खांसते थे। स्टार ऑलराउंडर की हालत पर अश्विन ने चर्चा की।

दरअसल, विश्व कप 2011 के दौरान स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह कैंसर से पीड़ित थे। हालांकि, इस बात का खुलासा टूर्नामेंट के खत्म होने के बाद हुआ था।

अश्विन ने कहा कि,

“युवी को खांसी आती थी और वह बहुत जोर से खांसता था। मैं सोचता था कि यह खेल का दबाव है। वस्तुतः  किसी को भी कम से कम टीम के जूनियर वर्ग से लेकर बड़ों तक किसी को  कोई अंदाज़ा नहीं था कि वह एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। ”

उन्होंने आगे कहा कि,

“जब यह सामने आया, तो मैं चौंक गया क्योंकि मुझे किसी ऐसे व्यक्ति की उम्मीद नहीं थी जो अभी-अभी प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ बना हो।  वास्तव में जैसा कि मैं कहूंगा, ‘भारत का आइकन’। वस्तुतः यही था। मुझे लगता है कि युवराज सिंह के विश्व कप में सचिन तेंदुलकर ने अविश्वसनीय रूप से बड़ी भूमिका निभाई थी। मैं इसे युवराज सिंह का विश्व कप कहता हूं क्योंकि आप इसे नाम देते हैं, वह केंद्र में उस स्थिति में थे।”

युवी बने ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’

गौरतलब है कि 2011 में खेले गए विश्व कप के दौरान टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस टूर्नामेंट में युवराज सिंह ने प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब हासिल किया था।

उन्होंने ये टाइटल अपने दमदार प्रदर्शन के दमपर हासिल किया था। इस दौरान युवी ने 9 मुकाबले खेले थे। इनकी 8 पारियों में उन्होंने 90.50 के शानदार औसत से 362 रन बनाए थे। वहीं, उन्होंने 15 विकेट भी हासिल किए थे।

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