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भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बीच इस भारतीय खिलाड़ी पर टूटा दुखो का पहाड़, टीम इंडिया का साथ छोड़ लौटा घर!

by Nihal Mishra
team india number 1 test team

यह वक्त भारत के तेज गेंदबाज उमेश यादव के जीवन का सबसे कठिन वक्त है. कारण है कि उमेश यादव के पिता तिलक यादव का निधन बीते 22 फरवरी हो गया. उमेश यादव को चयन बार्डर-गावस्कर ट्राॅफी में हुआ था लेकिन उनको पहले दो टेस्ट में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नही बनाया गया था. अब उमेश यादव पिता के निधन के वजह से घर लौट आए है जिसके वजह से वह बाकि बचे दो टेस्ट मैचों में भी नजर नही आएंगे.

साधारण सी नौकरी लेकिन लड़के को खिलाया क्रिकेट

कहते है एक सफल इंसान के पीछे कई लोगों का हाथ होता है. उन कई लोगों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान पिता का होता है जो अपने बल-बूते पर अपने बेटे को बड़े सपने दिखाता था. हर पिता के जैसे उमेश यादव के पिता भी चाहते थे उनका बेटा बड़ा आदमी बने. बेटे ने क्रिकेट की ओर रूख किया तो पिता तिलक यादव ने उनका पूरा सपोर्ट किया.

उमेश यादव के पिता उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के हैं. उत्तर प्रदेश में जन्मे उमेश के पिता तिलक यादव ने अपने बेटे को कोयले की खदान में नौकरी करते हुए इंटरनेशनल क्रिकेटर बनाया था. एक छोटी सी नौकरी होने के बाद भी बेटे के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

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उमेश यादव ने पूरा किया पिता का सपना

वैसे तो तिलक यादव चाहते थे कि बेटा उमेश सरकारी नौकरी में जाए. लेकिन जब उमेश यादव सरकारी नौकरी लेने में असफल रहे तो उनके पिता ने उनको क्रिकेट के तरह और प्रोत्साहित किया और आज उसका नतीजा है कि उमेश यादव भारत के सबसे प्रमुख तेज गेंदबाज हैं.

उमेश यादव ने आज तक भारत के लिए 54 टेस्ट मैच खेला है जिसमे उन्होंने 165 विकेट लिया है. वही एकदिवसीय क्रिकेट में उमेश यादव ने 75 मैच खेला है जिसमे उनके नाम 106 विकेट दर्ज हैं.

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