Team India: भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच 5 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेली गई, इस सीरीज को ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) ने 3-1 से अपने नाम किया. इस सीरीज के पहले मैच में भारतीय टीम (Team India) को जीत हासिल हुई थी, लेकिन उसके बाद से टीम इंडिया किसी भी मैच को जीतने में नाकामयाब रही. भारतीय टीम के हार की सबसे बड़ी वजह उसकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी रही.
जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी पुरे सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने में नाकामयाब रहा. ऐसे में हम कह सकते हैं कि टीम इंडिया (Team India) को 4 ऐसे खिलाड़ियों की कमी खली जो अगर इस सीरीज में टीम इंडिया का हिस्सा होते तो भारतीय टीम सभी मैचों में जीत हासिल कर सकती थी.
Team India को खली इन 4 खिलाड़ियों की कमी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली बार टीम इंडिया (Team India) बिना विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह के उतरी थी और अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारतीय टीम ने नेट बोलर्स के साथ सीरीज अपने नाम किया था, यहाँ तक कि अंतिम टेस्ट मैच में भारतीय टीम के अधिकतर खिलाड़ी चोटिल थे और ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया प्लेइंग 11 भी नही बना पायेगी.
हालांकि टीम इंडिया ने उस मैच में न सिर्फ अपनी प्लेइंग 11 बनाई, बल्कि ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त भी दी. भारतीय टीम इस बार भी ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त देने में कामयाब रहती, लेकिन उसे इन 4 भारतीय खिलाड़ियों की कमी साफ खली.
1.चेतेश्वर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा अब 36 साल के हो चुके हैं. चेतेश्वर पुजारा का हाल ही में घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन ठीक ठाक रहा है. ऐसे में उन्हें टीम इंडिया में मौका मिलना चाहिए था. भारतीय टीम में मौका न मिलने के बाद वो इस सीरीज में कमेंट्री करते हुए नजर आते थे.
चेतेश्वर पुजारा पिछली बार इस सीरीज के हीरो रहे थे और ऑस्ट्रेलिया गेंदबाजों की गेंद से शरीर पर लाल-लाल निशान पड़ने के बाद भी उन्होंने गाबा में भारतीय टीम के जीत की नींव रखी थी. अगर इस बार भी पुजारा टीम इंडिया का हिस्सा होते तो शायद मिडिल ऑर्डर में भारतीय टीम की इतनी फजीहत नही होती.
2.अजिंक्य रहाणे
भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी और पिछली बार भारत को अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया में विजेता बनाने वाले अजिंक्य रहाणे की कमी भी टीम इंडिया को इस सीरीज में महसूस हुई. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अभी हाल ही में वो रनों का अम्बार लगाते हुए नजर आए थे, ऐसे में इस खिलाड़ी को नजरअंदाज करना टीम इंडिया को कहीं न कहीं भारी पड़ा.
3. मोहम्मद शमी
बॉर्डर-गावस्कर में भारतीय टीम (Team India) के लिए जसप्रीत बुमराह ने जिस तरह का प्रदर्शन किया उसका लोहा ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने भी माना. ट्रेविस हेड ने तो उन्हें दुनिया का महान गेंदबाज तक कहा. जसप्रीत बुमराह को दूसरे छोर से मदद नही मिली. अगर दूसरे छोर से भी उन्हें उसी तरह का मदद मिलता तो शायद इस सीरीज का परिणाम कुछ और होता.
मोहम्मद शमी चोटिल होने की वजह से इस सीरीज का हिस्सा नही थे, अगर मोहम्मद शमी फिट होते तो वो जसप्रीत बुमराह के लिए वो कर सकते थे, जिसकी उन्हें जरूरत थी, ऐसे में टीम इंडिया को मोहम्मद शमी की कमी साफतौर पर खली.
4.हनुमा विहारी
हनुमा विहारी को टीम इंडिया (Team India) का अंगद कहा जाता है, वो एक बार जिस मैदान पर अपना पैर जमा दें उन्हें वहां से हटाना किसी के लिए भी मुश्किल है. हनुमा विहारी किसी भी मैदान पर अपने धैर्य से विपक्षी टीम की हालत खराब कर सकते हैं. पिछली बार वो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा थे और इस दौरान चोटिल होने के बावजूद उन्होंने सिडनी में 1 हाथ से बल्लेबाजी करके अश्विन के साथ भारत को मैच जिताया था और टीम इंडिया ने इसी के साथ सीरीज भी अपने नाम की थी.
ऐसे में इस बार मिडिल ऑर्डर में भारतीय टीम को इस खिलाड़ी की कमी खली, अगर वाशिंगटन सुंदर या फिर रविंद्र जडेजा की जगह उन्हें टीम इंडिया के बल्लेबाजी लाइनअप में मौका मिला होता तो शायद इस सीरीज का परिणाम कुछ और होता.